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पटना : वाहन के इंश्याेरेंस से अधिक थर्ड पार्टी इंश्योरेंस जरूरी
दुर्घटना में हुई क्षति के मुआवजे के लिए कोई टाइम लिमिटेशन नहीं पटना : थर्ड पार्टी इंश्योरेंस को एक्ट इंश्योरेंस बोला जाता है. इस इंश्योरेंस में किसी भी गाड़ी से अगर दूसरे आदमी का दुर्घटना होती है, तो अगर थर्ड पार्टी यानी एक्ट इंश्योरेंस है, तो जो भी जानमाल की क्षति होगी, वह बीमा कंपनी […]
दुर्घटना में हुई क्षति के मुआवजे के लिए कोई टाइम लिमिटेशन नहीं
पटना : थर्ड पार्टी इंश्योरेंस को एक्ट इंश्योरेंस बोला जाता है. इस इंश्योरेंस में किसी भी गाड़ी से अगर दूसरे आदमी का दुर्घटना होती है, तो अगर थर्ड पार्टी यानी एक्ट इंश्योरेंस है, तो जो भी जानमाल की क्षति होगी, वह बीमा कंपनी की ओर से पूर्ति की जाती है.
एक्ट इंश्योरेंस में जितनी भी कमर्शियल और निजी वाहन रहता है, उसके सारे पैसेंजर, चालक, खलासी, क्लिनर थर्ड पार्टी के तहत बीमाकृत रहता है. अगर किसी भी वाहन का दुर्घटना हो जाता है और उसमें जितने भी लोगों की जो भी क्षति होगी, उसका मुआवजा बीमा कंपनी देगी. जिसकी जो क्षमता होगी. उसके मुताबिक मुआवजा मिलेगा. इसी प्रकार किसी भी वाहन से किसी का भी जानमाल की जो भी क्षति होगी. उसके क्षमता के हिसाब से मुआवजा बीमा कंपनी को देना होगा. यानी उम्र, कमाई, पारिवारिक स्थिति को ध्यान में रख मुआवजे का आकलन किया जाता है.
समय और मुआवजे की भी कोई सीमा नहीं
ओरियंटल इंश्योरेंस कंपनी के शाखा प्रबंधक सुजीत कुमार वर्मा ने बताया कि अभी फिलहाल किसी का दुर्घटना में जो भी जान माल की क्षति होती है. उसका कोई भी समय या क्षति का कोई लिमिटेशन नहीं है.
मतलब किसी का दुर्घटना हो जाता है, तो कभी भी और जितना भी मुआवजा अपने क्षमता के हिसाब से कर सकता है. समय की कोई सीमा नहीं और मुआवजा की भी कोई सीमा नहीं. उन्होंने बताया कि दुर्घटना के कितने दिनों के बाद भी आयेगा तो बीमा कंपनी को उसको उस पर कार्रवाई करना होगा. इसके लिए जो भी जरूरी जानकारी और दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा.
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