नयी दिल्ली :बॉलीवुड अभिनेताऔर पटना साहिबसंसदीयसीटसे सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने कांग्रेस में शामिल होने को रातों-रात लिया गया कोई फैसला नहीं बताते हुए कहा है कि वह इस पार्टी के साथ लंबे समय तक चलने वाले संबंध की आशा करते हैं क्योंकि वह एक ऐसे वफादार हैं जो जोश में नहीं, बल्कि होश में काम करते हैं. शत्रुघ्न सिन्हा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के लंबे समय से कटु आलोचक रहे हैं. वह शनिवार को कांग्रेस में शामिल हुए.
शत्रुघ्नसिन्हाने पीटीआई भाषा को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘मैं देख रहा हूं कि भाजपा की लोकतांत्रिक व्यवस्था तानाशाही में तब्दील हो गयी है. वे दिन गये, जब सामूहिक फैसले लिये जाते थे.’ उन्होंने गांधी-नेहरू परिवार के बारे में कहा, ‘‘मैं उन्हें राष्ट्र निर्माता के रूप में देखता हूं. इस परिवार ने देश के प्रति काफी योगदान दिया है.’
फिल्म अभिनेता रह चुके सिन्हा ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की सराहना करते हुए कहा, ‘‘वह करिश्माई, परखे हुए और सफल नेता हैं तथा भारत के भविष्य हैं. उनकी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है.’ सिन्हा ने नोटबंदी एवं जीएसटी जैसे फैसलों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की और उनसे राफेल लड़ाकू विमान के मुद्दे पर पाक-साफ होने को कहा. उन्होंने कहा, ‘‘आप (मोदी) क्यों नहीं सामने आते और (राफेल पर) स्पष्टीकरण देते हैं. यदि आप आगे आएं और राफेल पर उठाये गये सवालों का जवाब देते हैं तो क्या आपका 56 इंच का सीना छह इंच का हो जायेगा.’
पटना साहिब सीट से कांग्रेस द्वारा उम्मीदवार बनाए जाने परशत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि उन्हें उन लोगों का आशीर्वाद प्राप्त है जो उन्हें प्यार से बिहारी बाबू कहते हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या बिहारी बाबू पटना साहिब सीट से ‘हैट ट्रिक’ (लगातार तीसरी बार जीत) बनाएंगे, सिन्हा ने कहा, ‘‘उम्मीद है.’ भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद से चुनावी मुकाबले के बारे में पूछे जाने पर सिन्हा ने उन्हें पारिवारिक मित्र बताया और कहा कि वह उनका सम्मान करते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘यह पटना के लोगों को तय करना है (कि कौन जीतेगा). उन्हें फैसला करने दीजिए.’
यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस का साथ उनका जुड़ाव लंबे समय का होगा. शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, ‘‘क्या मैं भाजपा के साथ किंतु-परंतु और उतार-चढ़ाव के बीच 25 साल तक साथ नहीं रहा. क्या मैं तब से उसके साथ नहीं था जब लोकसभा में उसकी मात्र दो सीटें थी. मैं एक वफादार व्यक्ति हूं. मैं रातों रात फैसला नहीं करता और रातों रात चीजों को नहीं छोड़ता. मैं जोश में काम नहीं करता, बल्कि होश में करता हूं.’
सिन्हा ने कहा कि अपनी पुस्तक ‘एनीथिंग बट खामोश’ में उन्होंने कहा है कि उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से हमेशा ही स्नेह मिला था. भाजपा के दिग्गज नेता लाल कृष्ण आडवाणी सहित 75 वर्ष की आयु से अधिक के कई वरिष्ठ एवं कद्दावर नेताओं को इस बार लोकसभा चुनाव में भगवा पार्टी से टिकट नहीं दिये जाने के विषय पर 73 वर्षीय सिन्हा ने कहा, ‘‘जहां तक मेरी बात है. वह (भाजपा) कहती है या तो मेरे रास्ते चलो या रास्ता नाप लो. मैं कहता हूं कि सर्वश्रेष्ठ रास्ते पर सबसे अच्छी पार्टी के साथ जाउंगा.’
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