20.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

लोकसभा चुनाव 2019 : एक-एक सीट पर कई जातियों के दावेदार, सामंजस्य बैठाने की तैयारी

शशिभूषण कुंवर सत्ता में भागीदारी. सामाजिक हिस्सेदारी बनाम चालीस सीटें चुनाव में टिकट की चाहत में बना था त्रिवेणी संघ पटना : बिहार में लोकसभा चुनाव में जातियों की लहलहाती वोट की फसल को काटने की तैयारी चल रही है. हर सीट पर जातीय समीकरण की जोड़-तोड़ है. इस आपाधापी में राज्य की करीब 250 […]

शशिभूषण कुंवर
सत्ता में भागीदारी. सामाजिक हिस्सेदारी बनाम चालीस सीटें
चुनाव में टिकट की चाहत में बना था त्रिवेणी संघ
पटना : बिहार में लोकसभा चुनाव में जातियों की लहलहाती वोट की फसल को काटने की तैयारी चल रही है. हर सीट पर जातीय समीकरण की जोड़-तोड़ है. इस आपाधापी में राज्य की करीब 250 जातियों को लोकसभा की 40 सीटों में समेटा जाना है. राज्य में 23 अनुसूचित जातियां हैं.
इनके लिए छह सीटें आरक्षित हैं. बाकी 34 सामान्य कोटे की सीटों पर 200 से अधिक जातियों को प्रतिनिधित्व देना है.
सत्ता में अपनी भागीदारी के लिए चुनाव के पहले कई जातियों ने सम्मेलन कर सत्ता में भागीदारी की मांग की है. राज्य में कुल 40 सीटों में गया लोकसभा, जमुई लोकसभा, समस्तीपुर लोकसभा, हाजीपुर लोकसभा, गोपालगंज लोकसभा और सासाराम लोकसभा सीट अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित है.
शेष 34 सीटों सामान्य कोटि की हैं. इसमें सवर्ण समाज, पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदाय की 225 जातियों को प्रतिनिधित्व देना है. टिकट बांटने की बारी आयी है तो हर सीट पर जातीय संतुलन बैठाने की चुनौती पैदा हो गयी है. किस सीट पर किस जाति का उम्मीदवार दिया जाये जो अन्य जातियों से सामंजस्य स्थापित कर जीत की गारंटी सुनिश्चत कर सके.
सत्ता की भागीदारी और त्रिवेणी संघ
सत्ता में भागीदारी को लेकर आजादी के पहले ही पिछड़ी जातियों द्वारा त्रिवेणी संघ की स्थापना की गयी थी. यह वहीं संघ था जो कांग्रेस के पास सत्ताकी मांग करने जाता था तो उनकी खिल्ली उड़ायी जाती थी. इस संघ ने पिछड़ी जातियों को गोलबंद करने की मुहिम चलायी. 1990 के बाद मंडल कमीशन के आने के बाद सत्ता में समाज में एक बड़ा बदलाव आया. इसके बाद जातियों द्वारा सत्ता में भागीदारी की मांग बढ़ने लगी.
छह सीटों में 23 जातियों को देनी है भागीदारी
लोकसभा की छह सीटों में अनुसूचित जाति की 23 जातियों को प्रतिनिधित्व देना है. अनुसूचित जातियों में बंतर, बौरी, भोगता, भुइयां, भूमिज, चमार (मोची,चमार-रबिदास, चमार-रविदास,चमार-रोहिदास,चारमारकर), चौपाल, डबगर, धोबी-रजक, डोम (धनगड़, बांसफोर, धारीकर, धरकर, डोमरा), दुसाध (धारी,धरही) , घासी, हलालखोर, हारी-मेहतर-भंगी, कंजर, कुरैरियार, लालबेगी, मुसहर, नट, पान-सवासी- पानर, पासी, राजवर और तुरी जातियां शामिल हैं.
34 सीटों में 225 जातियों की भागीदारी
लोकसभा की सामान्य कोटि की 34 सीटों में हिंदू व मुस्लिम वर्ग की सवर्ण जातियां, पिछड़े वर्ग की 22 जातियां और अति पिछड़ा वर्ग की 115 जातियां शामिल हैं. इसी तरह से सामान्य सीटों में अल्पसंख्यक बाहुल्य लोकसभा क्षेत्रों में अल्पसंख्यक समुदाय की जातियों को प्रतिनिधित्व देना है.
अब जातीय गोलबंदी के जरिये पहचान बनाने की मशक्कत
सभी दलों को हर सीट पर जातीय संतुलन बैठाने की चुनौती
Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel