पटना : राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के निर्देश पर बिहार बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने निजी व अल्पसंख्यक स्कूलों में औचक निरीक्षण शुरू कर दिया है. इस क्रम में सोमवार को आयोग की टीम ने कुछ स्कूलों में निरीक्षण किया.
आयोग की टीम ने इससे संबंधित रिपोर्ट के संदर्भ में अभी कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया. हालांकि, आयोग की टीम ने आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया कि अल्पसंख्यक नियमों के तहत स्थापित स्कूल आरटीइ (राइट ऑफ चिल्ड्रेन टू फ्री एंड कंपल्सरी एजुकेशन) के नियमों के तहत गरीब व वंचित वर्ग के बच्चों को अपने स्कूल की कुल सीटों में से 25 फीसदी पर प्रवेश नहीं दे रहे हैं.
बिहार बाल अधिकार संरक्षण आयोग की वरिष्ठ सदस्य ऊषा देवी ने बताया कि हमने अल्पसंख्यक नियमों के तहत स्थापित स्कूलों से पूछा है कि वे वह पत्र दिखाएं, जिसके तहत आरटीइ से उन्हें मुक्त रखा गया है. उन्होंने बताया कि कुछ स्कूलों ने इस संबंध में अपना जवाब दिया है. हम उनके कागजों का निरीक्षण कर रहे हैं.