पटना : हसन इमाम वक्फ स्टेट की अत्यधिक बहुमूल्य जमीन जो डाकबंगला चाैराहा, फ्रेजर रोड, जमाल रोड, एसपी वर्मा रोड और बंदर बगीचा में स्थित है, उस पर मालिकाना हक पाने के लिए वक्फ को लंबा संघर्ष करना पड़ा. लेकिन अंतत: जीत वक्फ की हुई. ये बातें बिहार राज्य शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष इरशाद अली आजाद ने कहीं.
हज भवन में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि हसन इमाम की भूमि पर इन दिनों साकेत टावर, सेंट्रल मॉल, कौशल्या स्टेट, विशाल मेगामार्ट और टाइम्स ऑफ इंडिया भवन बना है. वक्फ की संपत्ति न बेची और न खरीदी जा सकती है. टाइटल सूट के कारण बोर्ड कदम नहीं उठा पा रहा था, लेकिन टाइटल सूट जीतने के बाद अब हसन इमाम की संपत्ति का मालिक वक्फ है. अत: वक्फ की जमीन का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो किराये पर लें या लीज पर ले लें. साकेत टावर में रहनेवालों को अगले सप्ताह वक्फ बोर्ड नोटिस देगा. अन्य भवनों में स्थित दुकानदारों की भी लिस्ट शिया वक्फ बोर्ड जुटा रहा है.
सूची मिलते ही उनको नोटिस भेजी जायेगी और जो वक्फ के पास आकर उसके द्वारा तय प्रक्रिया के अंतर्गत लीज नहीं लेंगे, उन पर कार्रवाई की जायेगी. वक्फ के नियमों के अनुसार 3 से 30 वर्षों तक लीज प्राप्त किया जा सकता है. वन मॉल वक्फ बोर्ड के इजाजत से बना है, लेकिन वहां के दुकानदारों ने भी बोर्ड को किराया नहीं दिया है. इसलिए उनपर भी 35 लाख की मांग वाला केस दर्ज किया गया है.
रिजवान पैलेस को संभाल कर रखेगा वक्फ बोर्ड
रिजवान पैलेस इन दिनों हाइकोर्ट के आदेश से डीएम के नियंत्रण में है. कोर्ट ने ऐसा इसलिए किया था क्योंकि उन दिनों इस पर मालिकाना हक को लेकर विवाद चल रहा था. अब चूंकि निर्णय आ गया है, इसलिए हम एक मिसलेनियस केस फाइल कर हाइकोर्ट से आग्रह करेंगे की डीएम को इसे हमें सौंपने का निर्देश दे. भवन पर कब्जा पाने के बाद बोर्ड इसे मुगलकालीन शैली में बनी अपनी एक यादगार भवन मान कर संभालने का प्रयास करेगा.