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नया साल, नयी उम्मीदें : नयी सौगातों से खुशहाल होगी जिंदगी

साल 2019 राज्यवासियों के लिए खास रहने वाला है. इस साल लोगों को कई सौगातें मिलेंगी. सबसे बड़ा तोहफा दरभंगा के लोगों को मिलेगा. के बीच पुल निर्माण का काम शुरू होगा. इससे आवागमन आैर आसान होगा. मिथिलांचल के लोगों को अब सीधे दरभंगा से हवाई सेवा उपलब्ध होगी. इस साल जून से इसकी शुरुआत […]

साल 2019 राज्यवासियों के लिए खास रहने वाला है. इस साल लोगों को कई सौगातें मिलेंगी. सबसे बड़ा तोहफा दरभंगा के लोगों को मिलेगा. के बीच पुल निर्माण का काम शुरू होगा. इससे आवागमन आैर आसान होगा.
मिथिलांचल के लोगों को अब सीधे दरभंगा से हवाई सेवा उपलब्ध होगी. इस साल जून से इसकी शुरुआत हो जायेगी. वहीं राजधानी के पीएमसीएच को दुनिया का सबसेबड़ा अस्पताल बनाने का काम नये साल में शुरू होगा. पटनावासियों के लिए भी कई सड़कों व फ्लाइओवरों का तोहफा मिलेगा. साथ ही गंगा नदी में गांधी सेतु के समानांतर नये पुल व कोसी नदी में भेजा व परसरमा के बीच पुल निर्माण का काम शुरू होगा. इससे आवागमन आैर आसान होगा.
मिथिलांचल के लोगों को अब सीधे दरभंगा से हवाई सेवा उपलब्ध होगी
चिकित्सा में होगा बड़ा निवेश पीएमसीएच बनेगा दुनिया का सबसे बड़ा अस्पताल
…हवाई उड़ान पर दरभंगा की सवारी
पटना : नये साल में सबसे बड़ा तोहफा दरभंगा को एयरपोर्ट के रूप में मिलने जा रहा है. मिथिलांचल के लोगों को अब सीधे दरभंगा से हवाई सेवा उपलब्ध होगी. इसके लिए पटना नहीं आना पड़ेगा. जून 2019 से इसकी शुरुआत हो जायेगी. दरभंगा हवाई अड्डे पर सिविल एनक्लेव की आधारिशला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रख चुके हैं.
सिविल विमानन निदेशालय के निदेशक सह विशेष सचिव कैप्टन दीपक कुमार सिंह ने बताया कि दरभंगा से पटना आने की जरूरत नहीं होगी. इससे काफी समय बचेगा. दरभंगा के साथ ही मधुबनी, सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, अररिया, पूर्णिया, किशनगंज, सीतामढ़ी, शिवहर आदि जिलों को इसका लाभ मिलेगा. इन जिलों से दिल्ली, बेंगलुरु और मुंबई जाने वालों को पटना तक की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी.
मई तक काम पूरा
दरभंगा में बनने वाले एयरपोर्ट का टर्मिनल 15000 वर्गफुट में होगा. यहां छह चेक इन काउंटर होंगे. इस एयरपोर्ट की पिक आवर में क्षमता 100 यात्रियों की होगी. एयरपोर्ट पर एलइडी लाइट, आवाज को कम करने के लिए ग्रीन बेल्ट होंगे. दरभंगा एयरपोर्ट के सिविल एन्क्लेव का काम मई तक पूरा कर लिया जायेगा और जून में वहां से विमान सेवा शुरू हो जायेगी.
सीधी उड़ानें शुरू होंगीपहले चरण में दरभंगा से दिल्ली,
मुंबई व बेंगलुरु के लिए सीधी उड़ानें शुरू होंगी. फिलहाल स्पाइसजेट की विमानें उड़ान भरेंगी. वैसे मुख्यमंत्री के स्तर से दरभंगा से जनकपुर, कोलकाता, रायपुर, भुवनेश्वर व रांची के लिए भी विमान सेवा शुरू करने का अनुरोध किया गया है.
123 करोड़ मिले
दरभंगा एयरफोर्स की 31 एकड़ जमीन पर इस एयरपोर्ट का निर्माण किया जा रहा है. इसके लिए राज्य ने 123 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं. 31 एकड़ जमीन रनवे के दक्षिण छोर पर एयरफोर्स की जमीन है. यह जमीन राज्य सरकार को मिलेगी. यही जमीन मुफ्त में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को दी जायेगी. इसके बाद वह अपने स्तर से इस पर निर्माण कार्य करेगी.
दो बड़े तोहफे पटनावासियों कोइस वर्ष यानी 2019 में शहर के
लोगों को दो योजनाओं की सौगात मिलने वाली है. इससे न केवल शहर की सूरत बदलेगी, बल्कि ट्रैफिक की व्यवस्था में भी काफी सुधार होगा. जी हां, हम बात कर रहे हैं बेली रोड पर बन रहे लोहिया पथ चक्र और जीपीओ गोलंबर से आर ब्लाॅक चौराहे तक आने वाले आर ब्लॉक फ्लाइओवर की. इस वर्ष लोहिया पथ चक्र का एक फेज जुलाई में पूरा हो रहा है, जबकि इसी वर्ष के अंत तक आर ब्लॉक फ्लाइओवर का निर्माण भी पूरा हो जायेगा.
ललित भवन से पुनाईचक तक बन कर तैयार होगा
लोहिया पथ चक्र का निर्माण सात फेजों में किया जाना है. नयी तकनीक से बनने वाली सड़क पर ट्रैफिक को किसी भी टर्निंग पर रुकने की आवश्यकता नहीं होगी. लोहिया पथ चक्र की कुल लंबाई 2700 मीटर है.
इसके निर्माण पर 391.48 करोड़ खर्च होंगे. इसमें पहले फेज में ललित भवन से पुनाईचक तक का निर्माण पूरा किया जायेगा. इसके बाद दूसरे फेज में दारोगा राय पथ में काम शुरू हो गया है. यहां हड़ताली मोड़ से आगे बायें फ्लैंक में फ्लाइओवर बनाने का काम चल रहा है. तीसरे फेज में पुनाईचक से आगे, चौथे फेज में हाइकोर्ट, पांचवें फेज में विश्वेश्वरैया भवन, छठे फेज में हड़ताली मोड़ व अंतिम सातवें फेज में बोरिंग केनाल रोड में काम होगा.
नयी तकनीक वाली सड़क दो साल में पूरी
लोहिया पथ चक्र का निर्माण स्वैप बेस्ड ट्रैफिक इंटर चेंज (एसबीटीआइ) व ग्रेड सेपरेटेड यू टर्न इंटरचेंज (जीएसयूआइ) तकनीक से हो रहा है. यह इन तकनीकों से बननेवाली देश की पहली सड़क है.
सड़क का निर्माण आइआइटी दिल्ली की संस्था फाउंडेशन फॉर इनोवेशन टेक्नोलॉजी ट्रांसफर (एफआइटीटी) व बिहार राज्य पुल निर्माण निगम करा रही है. इसका निर्माण दो साल में पूरा करना है.
वर्ष के अंत में पूरा होगा आर ब्लॉक फ्लाइओवर
कई बार काम रुकने और कई स्तरों से डिजाइन में बदलाव होने के बाद अंत: इस वर्ष के अंत में आर ब्लॉक फ्लाइओवर के निर्माण पूरा होने की संभावना है. इसकी पुष्टि पुल निर्माण निगम के अाला अधिकारी ने की है. इस प्रोजेक्ट में जीपीओ गोलंबर के ऊपर बने फ्लाइओवर रोटरी से आर ब्लॉक फ्लाइओवर रोटरी तक संरचना का निर्माण किया जा रहा है.
इसके आगे आर ब्लॉक से पुल वीरचंद पटेल पथ के तरफ और सीधे विधान सभा की तरफ फ्लैंक व एप्रोज रोड का काम किया जा रहा है. कुल मिला कर फ्लाइओवर का काम लगभग एक वर्ष की देरी से पूरा हो रहा है. गौरतलब है कि फ्लाइओवर के निर्माण का कार्य नवंबर 2015 से शुरू किया गया था. इसकी लंबाई 1270 मीटर है.
– कई बार हुआ डिजाइन में बदलाव
आर ब्लॉक फ्लाइओवर के डिजाइन को लेकर कई बार बदलाव किये गये हैं. पुल की डिजाइन आइआइटी दिल्ली ने तैयार किया था. इसके बाद काम की शुरुआत हुई. इसके बाद पिलर की मोटाई को लेकर सवाल उठ गया. पिलरों की क्षमता को लेकर एक बार फिर से जांच की गयी. उस समय बताया गया कि डिजाइन के अनुसार ऊपर का स्ट्रक्चर भारी हो रहा है. फिर डिजाइन को आइआइटी खडगपुर के पास भेजा गया.
फिर वहां से भी मामला स्पष्ट नहीं होने के बाद पुल का निर्माण रुक गया. इसके बाद पुल निर्माण निगम ने आइआइटी मुंबई को डिजाइन भेजा. फिर वहां पूरे स्ट्रक्चर में बदलाव के बाद आगे के काम की स्वीकृति मिली.
गांधी सेतु के समानांतर नये पुल का निर्माण
एम्स से दीघा 20 मिनट में पहुंचना आसान होगा. गर्दनीबाग में नया टाउनशिप बसेगा. जजों, मंत्रियों, अधिकारियों व कर्मचारियों के आवास का निर्माण शुरू होगा. बापू की स्मृतियों को दिखाने के लिए बापू टावर का निर्माण होगा.
नये साल में पटना में नये फ्लाइओवर व सड़क के चालू होने से लोगों को सुविधा बढ़ने के साथ आने-जाने में समय की बचत होगी. पूरे राज्य में भी कई पुलों के चालू होने से दूरी घटेगी. साथ ही गंगा नदी में गांधी सेतु के समानांतर नये पुल व कोसी नदी में भेजा व परसरमा के बीच पुल निर्माण का काम शुरू होगा.
कम समय में तय होगी दूरी
नये साल में एम्स-दीघा एलिवेटेड रोड के चालू होने से एम्स से दीघा लगभग 13 किलोमीटर की दूरी लगभग 20 मिनट में पूरी हो जायेगी.साथ ही पटना के दक्षिण से आनेवाले लोगों को सीधे दीघा से जेपी सेतु हुए उत्तर बिहार जाना आसान होगा.
बेली रोड में रूपसपुर नहर के पश्चिम साइड में बन रहे बेली रोड से दीघा सड़क के चालू होने से पटना पश्चिम के लोगों को काफी राहत होगी. वे बेली रोड से दीघा होते हुए जेपी सेतु से उत्तर बिहार निकल जायेंगे. मीठापुर फ्लाइओवर की कनेक्टिविटी मीठापुर सब्जी मंडी की ओर होने से मीठापुर, गोरिया मठ की ओर जाना आसान होगा. मीठापुर फ्लाइओवर का आर ब्लॉक होते भिखारी ठाकुर में जोड़ने का काम दिसंबर तक पूरा करने की संभावना है.
इससे पटना पश्चिम से पूरब में गांधी सेतु तक जाना-आना आसान होगा. बेली रोड में ट्रैफिक दबाव करने के लिए हड़ताली मोड़ के समीप इंदिरा भवन से सटे सड़क को पुनाइचक, राजवंशीनगर,आशियाना में पासपोर्ट कार्यालय से होते रूपसपुर में बेली रोड में दुरुस्त कर मिलाने का काम होगा.
ये हैं चुनौतियां
– बुजुर्गों को मिले सम्मान : बुजुर्गों के सम्मान के लिए राज्य सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन व वृद्धाश्रम की व्यवस्था की है, लेकिन यह अभी नाकाफी है. ऐसे में वृद्धों की देखभाल और स्वास्थ्य सुरक्षा एक बड़ी समस्या बन कर सामने आ रही है. नये साल में वृद्धों के खिलाफ अपराध को रोकना बड़ी चुनौती होगी.
– महिला प्रताड़ना मामलों में हो कमी महिलाओं के साथ बलात्कार, छेड़छाड़, अपहरण, दहेज के लिए हत्या एवं प्रताड़ना के मामलों में बढ़ोतरी हुई है़ वर्ष 2017 के दौरान प्रदेश में महिला अपराध से जुड़े कुल 15,784 मामले प्रकाश में आये. नये साल में इस पर काबू पाने की चुनौती है.
– शराब और मादक पदार्थों की तस्करी रोकना: नये साल में राज्य में शराबबंदी और मादक पदार्थों की तस्करी रोक पाना सबसे बड़ी चुनौती होगी. पूर्ण शराबबंदी कानून 5 अप्रैल, 2016 से लागू की गयी है. इसके बाद शराब की तस्करी काफी बढ़ गयी है जिसे रोकना होगा.
– साक्षरता दर को बढ़ाना: शिक्षा और साक्षरता को लेकर राज्य सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है फिर भी इस मामले में बिहार का स्थान निचले पायदान पर है. शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने या गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराना सबसे बड़ी चुनौती है. उच्च शिक्षा स्तर को सुधारना सबसे बड़ी चुनौती होगी.
– बाल विवाह रुके और शिक्षित हों लोग: बाल विवाह को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी है. इसे रोकने के लिए पंचायत स्तर तक मॉनीटरिंग की व्यवस्था की गयी है. सरकारी विभागों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक को इसमें शामिल किया गया, लेकिन बहुत काम होना है.
– सरकारी अस्पतालों मेे दवा की कमी दूर करना नये साल में राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों को मुफ्त दवा मुहैया कराना सरकार के लिए बड़ी चुनौती होगी. 2018 में मरीजों को दवा की कमी से जूझना पड़ा . अब 2019 में भी कमोबेश यह परेशानी झेलनी पड़ सकती है.
गर्दनीबाग में बसेगी नयी टाउनशिप
नये साल में गर्दनीबाग में नया टाउनशिप पर काम शुरू होगा. इसमें बापू टावर के साथ मंत्रियों, अधिकारियों व कर्मचारियों के आवास निर्माण होगा. चंपारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह की स्मृति में 120 फुट ऊंचा बापू टावर बनेगा. इसके लिए सात एकड़ जमीन की व्यवस्था की गयी है. इसके सभी फ्लोर पर बापू के चंपारण सत्याग्रह से जुड़ी स्मृतियों को प्रदर्शित किया जायेगा.बापू टावर लगभग एक एकड़ में बनेगा.
शेष पांच एकड़ में पार्क रहेगा. लॉबी के पीछे वाले हिस्से में लिफ्ट लगेगा, जिससे पर्यटक टावर के सबसे ऊपर वहां से वे रैैंप के सहारे एक-एक फ्लोर होते हुए नीचे उतरेंगे. गर्दनीबाग में नये टाउनशिप में जजों व मंत्रियों के आलीशान बंगले के साथ अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए मल्टीस्टारेज बिल्डिंग बनेगी. नये टाउनशिप के लिए 375 एकड़ की व्यवस्था की गयी है.
नौ हजार करोड़ से अधिक का काम होगा चिकित्सा के क्षेत्र में
इस साल विश्व का सबसे बड़ा अस्पताल बिहार के नाम होगा और वह होगा पटना मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल( पीएमसीएच). स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि पीएमसीएच विश्व स्तर का अस्पताल तो होगा ही इतने बेड (5462) का अस्पताल अभी पूरी दुनिया में कहीं नहीं है. तीन फेजों में बनने वाले इस अस्पताल पर 5540 करोड़ खर्च आयेगा.
– शिलान्यास के साथ काम
इसके काम की शुरुआत शिलान्यास के साथ हो जायेगी. स्वास्थ्य विभाग नये साल में करीब नौ हजार करोड़ के काम का शिलान्यास करेगा. विभाग में इसकी तैयारी शुरू हो गयी है. पीएमसीएच बिहार का पुराना और सबसे बड़ा अस्पताल है.
– सपना साकार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
का सपना है कि पीएमसीएच विश्व स्तर का अस्पताल हो. मुख्यमंत्री का सपना साकार लेने लगा है. कैबिनेट से प्रस्ताव पारित हो गया है. अगले वर्ष 2019 के मार्च तक इसके शिलान्यास हो जाने की पूरी संभावना है. बीएमएसआइसीएल इसकी तैयारी में जुट गया है.
पीएमसीएच के साथ-
साथ कई मेडिकल कॉलेजों के भवन का भी शिलान्यास 2019 में होगा.- मोटे अनुमान के अनुसार साल 2019 में चिकित्सा के क्षेत्र में करीब नौ हजार करोड़ का काम चलेगा. पीएससीएच के अलावा राजवंशी नगर में एक बड़ा हड्डी अस्पताल , राजेंद्र नगर में नेत्र अस्पताल बनेगा. साल 2019 में राज्य में कई ट्रामा सेंटर चालू हो जायेंगे.
ऐसा होगा पीएमसीएच
पीएमसीएच को विश्व स्तर का
अस्पताल बनने में सात से आठ साल का समय लगेगा और यह तीन चरणों में पूरा होगा. इस पर कुल 5540 करोड़ का खर्च आयेगा. 5462 बेड के इस नये अस्पताल में 3435 वाहनों के लिए मल्टीलेवल कार पार्किंग होगी. 450 बेड का घर्मशाला होगा. 72.44 लाख वर्गफुट में ग्रीन बिल्डिंग होगी. नया भवन बन जाने के बाद एमबीबीएस में 120 की जगह 250 और पीजी में 146 की जगह 200 सीटें हो जायेंगी.

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