पटना : गुरु नानक देव जी महाराज के जहां चरण पड़े हैं, वहां पर गुरुद्वारा बने. इसके लिए सरकार पूरा सहयोग करेगी, उसे सिख सर्किट से जोड़ा जायेगा. यह बात मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को प्रबंधक कमेटी के पदधारकों व सदस्यों से रायशुमारी में कही. मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राजगृह में शीतल कुंड गुरुद्वारे का निर्माण कराया जा रहा है. इसमें केंद्र व राज्य सरकार ने सहयोग किया है. 2019 में जब गुरु महाराज का 550 वां प्रकाश पर्व 12 नवंबर कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जायेगा. वो प्रकाश पर्व से पहले हो जाये, ताकि वहां धार्मिक आयोजन हो सके.
मुख्यमंत्री ने गायघाट स्थित बड़ी संगत गुरुद्वारा के इतिहास को रेखांकित करते हुए कहा कि वो ऐसा पवित्र स्थान है, जहां तीन गुरुओं के चरण पड़े हैं. सबसे पहले वहां गुरु नानक देव जी महाराज आये, जहां अपने भक्त जैतामल को कहा कि वो नवम गुरु के रूप में यहां आयेंगे, इसके बाद आपको मुक्ति मिलेगी, भक्त जैतामल नियमित गुरु महाराज की पूजा करते थे. हर दिन गंगा स्नान के लिए जाते थे, जब वृद्ध हो गये तब गंगा स्नान में असमर्थ होने पर वो गंगा का स्मरण किया. तब मां गंगा गाय का रूप धरकर स्नान कराने आती थी. इसी वजह से पवित्र स्थल का नाम गायघाट पड़ा. जब यहां नवम गुरु तेग बहादुर जी महाराज आये, तब भक्त को मुक्ति मिली. जबकि, गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज का यहीं अवतरण हुआ. पांचों तख्त में एक बिहार में है, यह सौभाग्य है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम गुरु नानक देव जी महाराज के प्रकाश पर्व पर श्रद्धा निवेदित करने गुरुघर आये हैं. सीएम ने जनवरी में आयोजित हो रहे श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के 352 वां प्रकाश पर्व में हर संभव सहयोग का भरोसा भी प्रबंधक कमेटी के महासचिव महेंद्र पाल सिंह ढिल्लन व सदस्यों को दिया है. इससे पहले गुरु नानक की जयंती पर विशेष आराधना में भाग लेने आये हैं सीएम नीतीश कुमार ने तख्त हरमंदिर साहिब में मत्था टेका. दरबार में साहिब में मत्था टेकने के बाद जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह ने मुख्यमंत्री व पथ निर्माण मंत्री को आशीष स्वरूप सिरोपा भेंट किया. इसके बाद तलवार व गुरु महाराज पर चढ़े मोतियों के माला को भेंट किया. सीएम जिस समय दरबार साहिब में पहुंचे, उस समय शबद कीर्तन चल रहा था. इस दौरान मुख्यमंत्री लगभग आधा घंटा तक दीवान में शबद कीर्तन भी सुने.