पटना : कदाचार रोकने के लिए परीक्षा के दिन इंटरनेट बंद करने की हो रही तैयारी
राजेश कुमार सिंह पटना : प्रथम इंटर स्तरीय संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगिता परीक्षा-2014 को कदाचार मुक्त कराना चुनौती से कम नहीं है. इस परीक्षा को कराने के लिए फुलप्रूफ इंतजाम को लेकर लगातार अफसर मंथन कर रहे हैं. इसी क्रम में नयी जानकारी यह है कि परीक्षा वाले दिन और अवधि के दौरान इंटरनेट बंद कराने […]
राजेश कुमार सिंह
पटना : प्रथम इंटर स्तरीय संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगिता परीक्षा-2014 को कदाचार मुक्त कराना चुनौती से कम नहीं है. इस परीक्षा को कराने के लिए फुलप्रूफ इंतजाम को लेकर लगातार अफसर मंथन कर रहे हैं.
इसी क्रम में नयी जानकारी यह है कि परीक्षा वाले दिन और अवधि के दौरान इंटरनेट बंद कराने की भी तैयारी चल रही है. हालांकि, इस पर अभी मुहर लगनी बाकी है. बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने स्पष्ट कहा है कि परीक्षा की निर्धारित तिथि एवं अवधि में इंटरनेट बंद किये जाने से प्रश्नपत्र लीक होने की संभावना नहीं के बराबर होगी. प्रश्नपत्र लीक न हो, इसके लिए आयोग स्तर से प्रत्येक केंद्रों पर जैमर लगाने की भी व्यवस्था की जा रही है.
पिछली बार हुई थी बदनामी
प्रथम इंटर स्तरीय संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगिता परीक्षा आठ, नौ और 10 दिसंबर को दो पालियों में होगी. इसको कदाचारमुक्त कराने को लेकर हर स्तर पर सरकारी मशीनरी सक्रिय हो गयी है. गत वर्ष प्रथम इंटर स्तरीय संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगिता परीक्षा के दौरान परीक्षा केंद्रों पर प्रश्नपत्र लीक हो जाने के कारण रद्द करनी पड़ी थी. इसके कारण आयोग की बदनामी तो हुई ही थी, प्रशासनिक व्यवस्था पर भी प्रश्न चिह्न खड़ा हुआ.
सरकार से किया गया है आग्रह
बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने सरकार से आग्रह किया है कि सभी जिला पदाधिकारियों व पुलिस अधीक्षकों को सभी केंद्रों पर शत-प्रतिशत तलाशी सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया जाये. ताकि कोई भी अभ्यर्थी अायोग की ओर से वर्जित सामग्री लेकर परीक्षा कक्ष तक न पहुंच पाये.
बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने सरकार को चार बिंदुओं पर सुझाव दिया है. इसमें परीक्षा के दौरान इंटरनेट बंद करना भी शामिल है. इसके अलावा कदाचार रहित परीक्षा आयोजित करने के लिए आईजी (प्रोविजन) के साथ कई बार बैठकें आयोजित कर आवश्यक तैयारी करने का भी अनुरोध किया गया है. आयोग यह भी चाहता है कि सरकार की ओर से आईजी (प्रोविजन) सहित अन्य संबंधित पुलिस पदाधिकारियों को शत-प्रतिशत तलाशी लेने के लिए निर्देशित किया जाये.
आयोग ने सुझाव में यह भी कहा है कि प्राय: तलाशी से संबंधित कर्मचारी समय पर तलाशी नहीं कर पाते या उन कर्मियों को तलाशी लेने के तरीके सही से पता नहीं होते. इस कारण वर्जित सामग्री लेकर अभ्यर्थी परीक्षा कक्ष में चले जाते हैं. ऐसे अभ्यर्थी परीक्षा के दौरान कदाचार करने में सफल भी हो जाते हैं. ऐसे कर्मचारियों को प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है. आयोग ने सरकार से आग्रह किया है कि सामान्य जनमानस को जागरूक करने के लिए अपील भी प्रकाशित करानी चाहिए.
आमजन की सहभागिता सुनिश्चित करने एवं कदाचार में लिप्त अभ्यर्थियों, कर्मचारियों एवं संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई किये जाने और अफवाह फैलाने वाले के विरुद्ध भी नियमानुसार कानूनी कार्रवाई किये जाने की अपील की जा सकती है.
ये भी जानें
13 हजार 500 पदों के लिए होनी है प्रथम इंटर स्तरीय संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगिता परीक्षा.
परीक्षा में 18 लाख 57 हजार अभ्यर्थी होंगे शामिल.
प्रदेश भर में
बनाये गये हैं 571
केंद्र.
प्रथम पाली
की परीक्षा सुबह 10:00 से 12:15 तथा द्वितीय पाली की परीक्षा दोपहर दो से शाम 4:15 बजे तक होगी.