पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज दरभंगा जिले के विशुनपुर हायाघाट स्थित राजकीय उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय प्रांगण में समाजसेवी सह शिक्षाविद स्वर्गीय प्रो. उमाकांत चौधरी की प्रतिमा का अनावरण किया. प्रतिमा अनावरण समारोह में स्कूली बच्चों ने स्वागत गान एवं बिहार गीत की प्रस्तुति कर मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया. प्रतिमा अनावरण समारोह के अवसर पर आयोजित जनसभाको लेकर बने मंच पर स्वर्गीय उमाकांत चौधरीके सुपुत्रद्वय, स्थानीय नेताओं एवं जनप्रतिनिधियों ने मिथिला पाग, मखाने की माला, अंगवस्त्र एवं सात निश्चय योजना, बालिका शिक्षा तथा बाल विवाह उन्मूलन पर आधारित मधुबनी पेंटिंग भेंट कर मुख्यमंत्री का जोरदार स्वागत किया.
इसके पूर्व दरभंगा एयरपोर्ट पहुंचने पर स्थानीय नेताओं एवं जनप्रतिनिधियोंने मुख्यमंत्रीको गुलदस्ता भेंट कर उनका अभिनंदन किया. जनसभाको संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व. उमा बाबू की प्रतिमा अनावरण के अवसर पर मैं आज उनके गांव में उपस्थित हुआ हूं इसकी मुझे प्रसन्नता है. हमलोगों की पार्टी के गठन में स्वर्गीय उमा बाबू की जो भूमिका रहीहै मैं उसे कभी भुला नहीं सकता. उन्होंने कहा कि प्रारंभ से ही (1994-95) हमने देखाहै कि मैथिली और हिंदी भाषा में पूरी सुगमता और स्पष्टता के साथ वे लोगों के बीच अपनी बातोंको रखा करते थे. उमा बाबू अक्सर हमसे कहा करते थे कि जिस तरीके से आप काम कर रहे हैं एक दिन जरूर बिहार के लोग आपको बड़ी जिम्मेवारी सौपेंगे और अंततोगत्वा उनकी बात सच साबित हुई. बिहार में 2005 में एनडीए की सरकार बनी, लेकिन उसके कुछ ही दिनों बाद वे हमें छाेड़कर चले गये. हमें काफी पीड़ा हुई. अगर आज वे जिंदा होतेतो हमें तरह-तरह के सुझाव देते.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंदू हो या मुस्लिम सभी धर्म संप्रदाय के प्रति उमा बाबू के मन में सम्मान का भाव रहता था. उन्होंने कहा कि हमलोग जो आज काम कर रहे हैं अगर उमा बाबू रहते तो उसको बेहतर तरीके से आपलोगों के सामने रखते. उमा बाबू का यही संदेशहै कि जब तक जियें शान से जियें और हर किसी का सम्मान करें. जनसभा में मौजूद लोगाें से आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग समाज में टकराव और कटुता का माहौल पैदा करने में लगेहैं उससे हमें बचना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारी योजनाएं यूनिवर्सल होती हैं जिसका लाभ हर इलाके के लोगों को मिलता है. हमलोगों ने हाशिये पर खड़े लोगों को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए विशेष पहल कीहै. उन्होंने कहा कि महिलाओं को सशक्त बनानेके लिए बिहार पहला राज्यहै जहां पंचायत और नगर निकाय चुनाव में महिलाओंके लिए 50 प्रतिशत आरक्षण लागू किया गया जिसका नतीजा है कि आज 50 प्रतिशत से ज्यादा महिलाएं जीतकर लोगों की सेवा कर रही हैं.
संविधान में महिलाओंके लिए कम से कम एक तिहाई आरक्षण देने का प्रावधानहै. उन्हाेंने कहा कि पहले महिलाएं शादी, पूजा, मेला जैसे विशेष अवसराें पर ही घर से बाहर निकलती थीं, लेकिन अब सार्वजनिक समारोहों में भी बढ़-चढ़कर शामिल हाेने लगी हैं. जिसको देखकर हमें बेहद प्रसन्नता हाेती है. मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीबी के कारण बिहार के बच्चे आगे की पढ़ाई नहीं कर पा रहे थे जिसको देखते हुए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना प्रारंभ की गयी. बैंकों के मनमाने रवैये के
बाद सरकार ने अपने स्तर से शिक्षा वित्त निगम की स्थापना कर इसके माध्यम से उच्च शिक्षा हासिल करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए 4 लाख रुपये का ऋण 4 प्रतिशत के साधारण ब्याज दर पर देने की योजना बनायी और अब इसके माध्यम से शिक्षा ऋण दिया जा रहा है.
इसमें लड़कियों, दिव्यांगों एवं ट्रांसजेंडरों को एक प्रतिशत के ब्याज पर शिक्षा ऋण की व्यवस्था की गयी है. जब मिलने के बाद ही ऋण की राशि चुकता करनीहै और अगर किन्हीं कारणों से कर्ज लेने वाले विद्यार्थियों को जब नही मिलती है तो उस सूरत में हम उन्हें ऋण से मुक्त कर देंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार ग्रास इनरोलमेंट रेशियो 13.9है, जबकि राष्ट्रीय औसत 24 है. हमारी चाहतहै कि बिहार ग्रास इनरोलमेंट रेशियो 30 प्रतिशत हो. बालिकाओं को मिडिल और हाई स्कूल तक पहुंचाने के लिए हमने पोशाक याेजना के बाद साइकिल योजना की शुरुआत की. इससे लड़कियाें की संख्या में काफी इजाफा हुआ. जब साइकिल योजना 2008 में शुरू हुई तब 9वीं क्लास में पढ़नेवाली लड़कियाें की संख्या 1 लाख 70 हजार थी. वह अब बढ़कर 9 लाख के बराबर हो गयी है. पोशाक योजना की राशि में भी बढ़ोतरी की गई है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि लड़की रहेगी तभी सृष्टि आगे बढ़ेगी. हमलाेगाेंने कन्या उत्थान योजना की शुरुआत की जिसके जरिये लड़की पैदा हाेने पर उसके माता-पिता के खाते में जन्म के समय 2 हजार रुपये, एक साल बाद आधार से जुड़ने पर 1 हजार रुपये और 2 वर्ष बाद संपूर्ण टीकाकरण हाेने पर पुन: 2 हजार रुपये देने की व्यवस्था सुनिश्चित की है. बेटी पैदा होने पर लोगाें के मन में खुशी का भाव हाे इसके लिये मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना की शुरुआत की गई है. इंटर पास करने वाली प्रत्येक अविवाहित लड़की को 10 हजार रुपये और ग्रेजुएट करनेवाली हर लड़की को 25 हजार रुपये दिये जा रहे हैं. इस तरह जन्म से स्नातक पास करने तक एक लड़की पर राज्य सरकार 54 हजार 100 रुपये खर्च करेगी. उन्हाेंने कहा कि हमारी चाहतहै कि बाल-विवाह और दहेज प्रथा पर पूरी तरह से रोक लगे.
सीएम ने कहा कि पहले चंद संपन्न घरानों तक ही दहेज प्रथा सीमित थी लेकिन अब वह गरीब तबकों तक पहुंच गयी है. बाल विवाह के कारण कम उम्र में गर्भधारण करने से महिलाएं मौत की शिकार हो जाती है और उनसे जो बच्चे पैदा हाेते हैंवे मंदबुद्धि, बौनेपन एवं अन्य कई प्रकार की बीमारियों की चपेट में आ जातेहैं. जिनसे हमें छुटकारा पाना है.