पटना : बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन ने राज्य में बीएड कॉलेजों की दशा एवं दिशा सुधारने के लिए बड़ा फैसला किया है. इसके तहत लापरवाही बरतने और गैरजिम्मेदार रवैया अपनाने वाले 39 बीएड कॉलेजों की मान्यता रद्द करने का आदेश जारी कर दिया है. राज्यपाल सचिवालय ने उन सभी संबंधित विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को इन कॉलेजों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश जारी किया है, जिनमें ये सभी कॉलेज शामिल हैं या संबद्ध हैं. ये सभी 39 बीएड कॉलेज मगध, मजहरूल हक अरबी एवं फारसी, पटना और पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के अधीन आते हैं.
सबसे अधिक कॉलेज मगध विश्वविद्यालय के अंतर्गत 23, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के तहत 05 और मौलाना मजहरूल हक अरबी-फारसी विश्वविद्यालय के अधीन 11 बीएड कॉलेज आते हैं. इन विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को कार्रवाई करके इसकी सूचना राज्यपाल सचिवालय को देने के लिए कहा गया है. समीक्षा के दौरान यह पाया गया कि बार-बार कहने के बाद भी इन 39 बीएड कॉलेजों ने अपने-अपने क्लास रूम की तस्वीरें बीएड पोस्ट नामक एप पर अपलोड नहीं की. यह एप राज्यपाल सचिवालय के स्तर से संचालित किया जाता है. इस पर बीएड कॉलेजों को अपने क्लास रूम की तस्वीर रोजाना अपलोड करने का प्रावधान है, जिससे शिक्षा व्यवस्था की चुस्त मॉनीटरिंग की जा सके.
प्रावधानों का भी पालन नहीं
जांच में यह बात भी सामने आयी है कि इन बीएड कॉलेजों ने एनसीटीई की मान्यता से संबंधित नियमों के अलावा विश्वविद्यालयों के संबद्धता के प्रावधानों का भी पालन नहीं किया है. एक तरह से कहा जाये तो ये सभी कॉलेज अवैध तरीके से चल रहे हैं. इस वजह से भी इनकी मान्यता खत्म करने को कहा गया है. इनकी तमाम लापरवाही को देखते हुए सभी संबंधित विश्वविद्यालयों को कहा गया है कि इन कॉलेजों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी करें. सचिवालय के स्तर पर जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि पटना उच्च न्यायालय ने भी बीएड कॉलेजों को अपनी आधारभूत संरचना, शिक्षक-छात्र संख्या, पद और वेतनमान समेत अन्य सभी जानकारी को अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने का आदेश दिया था. परंतु अधिकांश बीएड कॉलेजों ने इस आदेश को भी अनसुना करते हुए इसका पालन भी नहीं किया है. सभी बीएड कॉलेजों में शिक्षण व्यवस्था की सतत मॉनीटरिंग करने का आदेश भी सभी विश्वविद्यालयों को दिया गया है.