पटना : सत्तारूढ़ जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने राजग के घटक दल रालोसपा के नेता उपेंद्र कुशवाहा की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर की गयी टिप्पणी को अधिक तवज्जो नहीं देते हुए सोमवार को कहा कि जदयू कभी पूर्वाग्रह से ग्रसित हो कर बयान नहीं देता. केंद्रीय मंत्री कुशवाहा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक पुराने बयान का परोक्ष उल्लेख करते हुए पिछले सप्ताह सवाल किया था कि क्या ‘‘उनके (नीतीश के) डीएनए की रिपोर्ट आयी या नहीं.”
गत शनिवार को पटना में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान जब इस बारे में नीतीश से प्रतिक्रिया मांगी गयी तो उन्होंने कहा था, ‘‘कहां सवाल जवाब का स्तर इतना नीचे ले जा रहे हैं?” प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले 25 जुलाई 2015 को मुजफ्फरपुर में ‘परिवर्तन रैली’ को संबोधित करते हुए कहा था कि ‘‘नीतीश के राजनीतिक डीएनए में कुछ गड़बड़ है.” उस समय जदयू राजग से अलग कांग्रेस और राजद के साथ महागठबंधन में चुनाव लड़ रही थी. इसी का परोक्ष उल्लेख करते हुए कुशवाहा ने कथित तौर पर नीतीश से पूछा था कि ‘‘आपको भले जरूरत हो या नहीं पर प्रदेश की जनता आप से यह जानना चाहती है कि ‘डीएनए’ की रिपोर्ट क्या है? और वह आयी कि नहीं. आयी तो क्या रिपोर्ट है?”
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह ने कुशवाहा पर उत्तेजक बयान देने का आरोप लगाते हुए कहा कि हम मर्यादा का पालन करते हैं. उन्होंने कहा कि जदयू कभी पूर्वाग्रह से ग्रसित हो कर बयान नहीं देता. हम सभी चीजों को सकारात्मक रूप से देखते हैं. गौरतलब है कि पिछले साल जुलाई में नीतीश ने महागठबंधन से नाता तोड़कर दोबारा राजग से हाथ मिला लिया था.