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पहली अक्टूबर से टीडीएस व टीसीएस की होगी कटौती : सुशील मोदी

पटना : जीएसटीएन मंत्री समूह के अध्यक्ष सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता में बंगलुरू में हुई बैठक में कर वंचना रोकने के उद्देश्य से ई-वे बिल के बाद अब पहली अक्टूबर से टीडीएस (Deduction at Source ) और टीसीएस (Collection at Source) लागू करने का निर्णय लिया गया. एक अक्टूबर से पहले सभी आपूर्तिकर्ता, कान्ट्रेक्टर्स […]

पटना : जीएसटीएन मंत्री समूह के अध्यक्ष सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता में बंगलुरू में हुई बैठक में कर वंचना रोकने के उद्देश्य से ई-वे बिल के बाद अब पहली अक्टूबर से टीडीएस (Deduction at Source ) और टीसीएस (Collection at Source) लागू करने का निर्णय लिया गया. एक अक्टूबर से पहले सभी आपूर्तिकर्ता, कान्ट्रेक्टर्स व ई-कॉमर्स कंपनियों को अपना निबंधन कराना होगा. इसके अलावा एक जुलाई, 2017 से जिन डीलरों ने किन्हीं कारणों से जीएसटीआर-1 की विवरणी दाखिल नहीं कर सके हैं, उन्हें बिना किसी विलंब शुल्क के 31 अक्टूबर तक विवरणी दाखिल करने की छूट दी गयी है. साथ ही डीजी ऑडिट को रेलवे, बैंक, टेलीकॉम कंपनियां व एयर लाइंस का ऑडिट कर ‘आपूर्ति करने के स्थान के नियमों का पालन’ हो रहा है या नहीं देखने का निर्देश दिया गया है.

मोदी ने बताया कि आपूर्तिकर्ता व कान्ट्रेक्टर्स को एक अक्टूबर से ढाई लाख से ज्यादा के भुगतान पर राज्य सरकार 02 प्रतिशत टीडीएस की कटौती करेगी. उसी प्रकार ई-कॉमर्स कंपनियां भी जब अपने प्लेटफार्म से किसी आपूर्तिकर्ता को भुगतान करेंगी तो एक प्रतिशत टीसीएस की कटौती करेगी. इसके लिए जीएसटीएन सॉफ्टवेयर को तैयार कर ली गयी है और सभी डीडीओ (Drawing and disbursing Officers ) को ट्रेनिंग दी जा चुकी है.

कोई भी करदाता डीलर जो दूसरी कंपनी को माल बेचा है और किन्हीं कारणों से जीएसटी लागू होने के बाद अपनी बिक्री का जीएसटीआर-1 विवरणी दाखिल नहीं कर सके हैं उन्हें 31 अक्टूबर तक बिना किसी विलंब शुल्क के जीएसटीआर-1 विवरणी दाखिल करने की छूट दी गयी है.

इसके अलावा रेलवे, बैंक, टेलीकॉम कंपनियां और एयरलाइंस का ऑडिट कर ‘आपूर्ति करने के स्थान के नियमों का पालन (Place Of Supply Rule ) हो रहा है या नहीं देखने का निर्देश डीजी ऑडिट को दिया गया है. इन कंपनियों को उपभोक्ताओं से सेवा लेने के स्थान पर ही कर की कटौती कर संबंधित राज्य को देना है. मगर, देखा गया है कि बिहार में ये कंपनियां कर राजस्व का भुगतान बिहार सरकार को नहीं कर रही है. जैसे कोई यात्री रेल या हवाई जहाज का जहां टिकट लेता है तो उसपर लगने वाले कर का राजस्व उसी राज्य को मिलना चाहिए.

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि छोटे करदाताओं को कॉमन एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर (Common Accounting Software ) विकसित कर मुफ्त में उपलब्ध कराया जायेगा, जिसके जरिये वे अपना लेखा व कर भुगतान विवरणी आदि का काम आसानी से कर सकेंगे.

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