पटना : बिहार के मधेपुरा से सांसद और जन अधिकार पार्टी के संरक्षक राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने गुरुवार को कहा कि उनकी पार्टी समान विचार रखने वाले दलों के मिलकर 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ेगी. पटना में आज पत्रकारों को संबोधित करते हुए पप्पू ने कहा कि वह आगामी लोकसभा चुनाव में बिहार में वैचारिक सहमति वालों के साथ तीन सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. हालांकि, पप्पू यादव ने बिहार की इन तीन लोकसभा सीटों के नाम नहीं बताये. पप्पू ने यह भी कहा कि 2020 का बिहार विधानसभा चुनाव वह तीसरे मोर्चे के रूप में लड़ेंगे.
पप्पू यादव ने लालू प्रसाद की पार्टी राजद के साथ भविष्य में किसी भी तरह के गठजोड़ की संभावना से इन्कार किया. पप्पू पिछली बार राजद के टिकट पर मधेपुरा से सांसद चुने गये थे, पर बाद में पार्टी आलाकमान के उत्तराधिकारी को लेकर बिगुल फूंकने पर उन्हें राजद से निष्कासित कर दिया गया था. उन्होंने कांग्रेस जिसके टिकट पर उनकी पत्नी रंजीत रंजन सुपौल से सांसद हैं, के साथ "वैचारिक संबंध" होने की बात स्वीकारी.
हाल के दिनों में मीडिया आयी रिपोर्ट में भाजपा नीत राजग में शामिल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के साथ जन अधिकार पार्टी जो कि राजद के यादव वोट बैंक में कटौती कर सकती है, के साथ गठबंधन की संभावना की भी चर्चा की गयी थी. बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता और लालू के छोटे पुत्र तथा पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव द्वारा उन्हें ‘भाजपा का एजेंट’ कहे जाने के बारे में पप्पू ने कहा कि इसको लेकर उन्होंने तेजस्वी को कानूनी नोटिस भेजा है.
सांसद पप्पू यादव ने कहा कि वह लालू जी का सम्मान करते हैं, लेकिन उनके पुत्र अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा करने में लगे हुए हैं और लालू के परिवार के सदस्य नहीं चाहते हैं कि राजद प्रमुख जेल से बाहर आएं. पप्पू ने आरोप लगाया कि राजद और जदयू सत्ता के ‘दलालों’ से भरे हुए हैं जो लालू प्रसाद और नीतीश कुमार को कमजोर कर रहे हैं. उन्होंने पिछड़े वर्गों का शोषण किया और अल्पसंख्यकों को भाजपा का डर दिखाकर उन्हें ब्लैकमेल किया.
पप्पू यादव ने कहा कि कल यानी शुक्रवार को वह मुजफ्फरपुर से ‘नारी बचाओ’ पदयात्रा का दूसरा चरण शुरू करेंगे और आगामी 16 तारीख को पटना में शहीद स्मारक पर यह पदयात्रा समाप्त होगी तथा 20 सितंबर से मेडिकल माफिया के खिलाफ लड़ाई की शुरुआत करेंगे.