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राफेल सौदा पर मोदी सरकार को बेनकाब करने के लिए कांग्रेस 6 को देशभर में निकालेगी रैलियां : गोहिल

पटना : बिहार कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने राफेल सौदे को अब तक का सबसे बड़ा घोटाला करार देते हुए बुधवार को कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को बेनकाब करने के लिए उनकी पार्टी छह सितंबर को देशभर में जिला मुख्यालय स्तर पर रैलियों का आयोजन करेगी. कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष […]

पटना : बिहार कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने राफेल सौदे को अब तक का सबसे बड़ा घोटाला करार देते हुए बुधवार को कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को बेनकाब करने के लिए उनकी पार्टी छह सितंबर को देशभर में जिला मुख्यालय स्तर पर रैलियों का आयोजन करेगी. कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी के साथ आज यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए गोहिल ने कहा कि उनकी पार्टी केवल प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर इसका पर्दाफाश नहीं करेगी बल्कि आम जनों को राफेल सौदे में हुए भ्रष्टाचार से अवगत कराने के लिए देशभर में जिला मुख्यालय स्तर पर 6 सितंबर से 15 सितंबर तक रैलियां आयोजित करेगी.

शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि एक साधारण व्यक्ति भी राफेल सौदे में हुई धांधली को समझ सके इसके लिए उनकी पार्टी पर्चा छपवा कर उनके बीच वितरित करेगी. गोहिल ने कहा कि यह केवल एक चुनावी मुद्दा नहीं है, बल्कि यह सीधे देश की सुरक्षा से जुड़ा मामला है. उन्होंने केंद्र सरकार पर 36 राफेल जेट की खरीद के लिए 43,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान करने का आरोप लगाते हुए सवाल किया कि राफेल विमान की कीमत मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान 526 करोड़ रुपये से 1670.70 करोड़ रुपये हो गयी.

गोहिल ने कहा कि राफेल जेट बनाने वाली कंपनी ने फ्रांस की संसद में जो रिपोर्ट पेश की है उसमें प्रति जेट की कीमत 1670.70 करोड़ रुपये बतायी गयी है. उन्होंने पूछा कि मोदी सरकार ने राफेल जेट के निर्माण का कार्य सुखोई विमान बनाने वाले सरकारी कंपनी एचएएल को न देकर हाल ही में अनिल अंबानी कंपनी द्वारा लॉन्च की गयी एक निजी कंपनी को दिया है. गोहिल ने केंद्र की भाजपा सरकार पर तथ्यों को छुपाने के लिए सुरक्षा कारणों का बहाना बनाने का आरोप लगाते हुए पूछा कि अगर इस सौदे में कोई गड़बड़ी नहीं हुई तो इसकी जांच के लिए वह संयुक्त संसदीय कमेटी :जेपीसी: का गठन क्यों नहीं कर रही है.

कांग्रेसनेता ने कहा कि यदि जेपीसी गठित की गई तो सब कुछ स्पष्ट हो जायेगा. गोहिल ने आरोप लगाया कि देश में पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी सरकार के चार साल के कार्यकाल के दौरान तीन-तीन रक्षा मंत्री बनायेगये. राफेल सौदे में भ्रष्टाचार के आरोप से बचने के लिए अरुण जेटली और मनोहर पर्रिकर इस मंत्रालय से छुटकारा पाने में कामयाब रहे पर राजनीतिक रूप से अपरिपक्व निर्मला सीतारमण को बलि का बकरा बनाया गया.

गोहिल ने कहा कि बोफोर्स सौदे में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए भाजपा ने कांग्रेस के खिलाफ अभियान चलाया, लेकिन कोई सबूत नहीं दे पाये. गोहिल ने कहा कि उसी बोफोर्स तोप की मदद से हम करगिल युद्ध जीतने में कामयाब रहे. उन्होंने कहा कि अगर सरकार जेपीसी के गठन पर विचार नहीं करती और कैग द्वारा इस पर संज्ञान नहीं लिया जाता तो उनकी पार्टी पीआईएल दाखिल करने पर विचार कर सकती है. इस अवसर पर पूर्व राज्यपाल और वरिष्ठ पार्टी नेता निखिल कुमार, नव नियुक्त एआईसीसी सचिव और सह-प्रभारी अलपेश ठाकुर और राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह भी उपस्थित थे.

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