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पटना : नियमित बहाली में संविदा कर्मियों को उम्र सीमा में छूट, अनुभव का वेटेज भी

सुमित कुमार पटना : उच्चस्तरीय समिति की अनुशंसाएं लागू हुईं तो संविदा कर्मियों काे हर साल अपने नियोजन का नवीनीकरण नहीं कराना होगा. कार्यरत सभी संविदा कर्मियों का सेवा अभिलेख तैयार होगा, जिसमें उनकी वार्षिक मूल्यांकन रिपोर्ट दर्ज होगी. मनमाने ढंग से किसी संविदा कर्मी को हटाये जाने से बचाने के लिए उनको अपील का […]

सुमित कुमार
पटना : उच्चस्तरीय समिति की अनुशंसाएं लागू हुईं तो संविदा कर्मियों काे हर साल अपने नियोजन का नवीनीकरण नहीं कराना होगा. कार्यरत सभी संविदा कर्मियों का सेवा अभिलेख तैयार होगा, जिसमें उनकी वार्षिक मूल्यांकन रिपोर्ट दर्ज होगी.
मनमाने ढंग से किसी संविदा कर्मी को हटाये जाने से बचाने के लिए उनको अपील का अधिकार मिलेगा. इतना ही नहीं, नियमित नियुक्ति की प्रक्रिया में भाग लेने के लिए उनको उम्र सीमा में शिथिलीकरण और कार्य अनुभव के वेटेज का लाभ भी दिया जायेगा. संविदा पर नियोजित कर्मियों के सेवा नियमितीकरण को लेकर पूर्व मुख्य सचिव अशोक कुमार चौधरी की अध्यक्षता में गठित उच्चस्तरीय समिति ने इन बिंदुओं पर अनुशंसा की है. समिति ने मंगलवार को मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी.
14 तक कैबिनेट में आयेगा प्रस्ताव
उच्चस्तरीय समिति का प्रतिवेदन प्राप्त होने के बाद मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार ने इस पर शीघ्र कार्रवाई के लिए मुख्य सचिव दीपक कुमार को पत्र लिख कर अनुरोध किया है. उन्होंने कहा है कि उच्चस्तरीय समिति के प्रतिवेदन की अनुशंसाओं को 14 अगस्त तक कैबिनेट में रखने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाये.
संशोधित संकल्प निर्गत करेगा कैबिनेट
संविदा पर नियुक्ति को लेकर सामान्य प्रशासन विभाग ने जुलाई, 2007 में संकल्प जारी किया था. उच्चस्तरीय समिति की अनुशंसाओं को लागू करने के लिए उक्त निर्देश में उच्चस्तरीय समिति द्वारा अनुमोदित अनुशंसाओं का समावेश कर कैबिनेट से संशोधित संकल्प निर्गत किया जायेगा. इसके बाद सभी विभाग कार्यपालिका नियमावली में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार आदेश निर्गत करेंगे. प्रत्येक विभाग से नामित नोडल पदाधिकारी समय सीमा के भीतर समिति की अनुशंसाओं के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करेंगे.
वर्ग तीन एवं चार के कर्मियों का सेवा अभिलेख
– सेवा पुस्तिका के स्थान पर सेवा अभिलेख तैयार किया जायेगा, ताकि नियमित व संविदा कर्मियों का अंतर स्पष्ट रहे. सामान्य प्रशासन विभाग संविदा कर्मियों के लिए एक आदर्श सेवा अभिलेख का प्रारूप तैयार कर सभी विभागों उपलब्ध करायेगा. हालांकि यह अनुशंसा केवल वर्ग तीन एवं चार संविदा कर्मियों के संदर्भ में लागू होगी. जो संविदा कर्मी नहीं हैं, यथा- किसान सलाहकार, आशा कार्यकर्ता, ममता कार्यकर्ता, न्याय मित्र अथवा इस तरह के अन्य कर्मी, उनके संदर्भ में यह अनुशंसा लागू नहीं होगी.
यात्रा व्यय का करें प्रावधान
– संविदा कर्मियों को सरकारी कार्य के लिए भ्रमण या प्रशिक्षण पर जाने के लिए यात्रा व्यय का प्रावधान किया जाये. हालांकि यात्रा व्यय किन-किन कर्मियों को किन-किन परिस्थितियों में अनुमान्य हो, इसका निर्णय विभाग स्वयं लेंगे. -पात्रता रखने वाले सभी संविदा कर्मियों को कर्मचारी राज्य बीमा का लाभ दिलाया जाये.
बेल्ट्रॉन ही हो डाटा इंट्री ऑपरेटरों के सेवा प्रदाता
– समिति ने डाटा इंट्री ऑपरेटरों के मामलों में केवल बेल्ट्रॉन को सेवा प्रदाता घोषित करने की सिफारिश की है. यह अनुशंसा बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी के माध्यम से उपलब्ध कराये जा रहे कार्यपालक सहायक, आईटी सहायक एवं आईटी प्रबंधक की व्यवस्था को किसी रूप में प्रभावित नहीं करेगी.
विभाग अपनी स्वेच्छा से बेल्ट्रॉन से डाटा इंट्री ऑपरेटर अथवा बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी से कार्यपालक सहायक आदि कर्मियों की सेवा प्राप्त कर सकता है. आउटसोर्सिंग से कर्मी की सेवा प्राप्त करने में भी आरक्षण कानून का दृढ़ता से पालन किया जायेगा.
नियोजन : नियमित नियुक्ति में असफल संविदा कर्मियों को मौका
हर वर्ष पुन: नियोजन (नवीनीकरण) की प्रक्रिया से बचने के लिए सामान्य प्रशासन कार्यालय आदेश जारी कर घोषणा करे कि संविदा कर्मियों की यह नियुक्ति अस्थायी है और पद स्वीकृति की अवधि या नियमित नियुक्ति होने तक के लिए है.
एक विभाग में संविदा कर्मियों की आवश्यकता खत्म होने पर उसी पदनाम व योग्यता के दूसरे विभाग में नियुक्ति की जा सकती है. अनुशासनात्मक कारणों से हटाये जाने पर यह सुविधा नहीं मिलेगी.
नियमित नियुक्ति के लिए होने वाली परीक्षा में कई संविदा कर्मी सफल नहीं होते. एेसे में अगर नियमित नियुक्तियों के बाद भी पद खाली हैं तो उन पर नये सिरे से संविदा पर नियुक्ति नहीं कर नियमित नियुक्ति प्रक्रिया में असफल संविदा कर्मियों को रखा जा सकता है.
नियमित नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होते ही हटा दिये गये संविदा कर्मियों को पुन: नियमित नियुक्त होने तक नियुक्त किया जा सकता है.
मानदेय : विकास आयुक्त की अध्यक्षता में कमेटी करे निर्धारण
पारिश्रमिक/मानदेय के निर्धारण को लेकर गठित समिति में आंशिक बदलाव करें. वर्तमान में संबंधित विभागीय सचिव के अतिरिक्त सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव तथा वित्त विभाग के संयुक्त सचिव से उच्च स्तर के पदाधिकारी की गठित समिति पारिश्रमिक का निर्धारण करती है. समिति ने कहा है कि यह विकास आयुक्त की अध्यक्षता में किया जाना अधिक उपयुक्त होगा. सामान्य प्रशासन व वित्त विभाग के सचिव या प्रधान सचिव इसके सदस्य बनाये जाएं. निर्धारित पारिश्रमिक न्यूनतम मजदूरी से कम न हो.
समिति ने सप्ताह में पांच दिन कार्य दिवस होने की स्थिति में एक वर्ष में 12 दिन एवं सप्ताह में छह दिन कार्य दिवस होने की स्थिति में एक वर्ष में 16 दिन आकस्मिक अवकाश की सिफारिश की है.
एक साल में 16 दिन अर्जित अवकाश भी मिलेगा, जो कि सेवा के दूसरे वर्ष से लागू होगा. अधिकतम 60 अर्जित अवकाश ही संचित किये जा सकेंगे.
180 दिन का मातृत्व अवकाश और 15 दिनों का पितृत्व अवकाश भी मिलेगा.
30 दिनों तक अवैतनिक अवकाश की भी अनुशंसा है
जो बिना किसी सूचना के 15 दिन या इससे अधिक अवधि के लिए अनुपस्थिति पाये जाते हैं तो उनके पद को रिक्त घोषित कर संविदा पर नियोजन प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी
सेवा अवधि में मृत्यु होने पर एकमुश्त चार लाख रुपये अनुग्रह अनुदान मिलेगा.

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