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जानिए क्‍या है निपाह वायरस, डॉक्टरों ने दी सलाह, अभी केरल जाने से बचें, गिरे फल न खाएं

II आनंद तिवारी II पटना : केरल में तेजी से फैल रहे निपाह वायरस पर प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट हो गया है है. दरअसल निपाह वायरस के बाद स्वास्थ्य विभाग व पशु विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है. किसी स्थान पर चमगादड़ की मौजूदगी पर खास निगाह रखने की हिदायत दी जा […]

II आनंद तिवारी II
पटना : केरल में तेजी से फैल रहे निपाह वायरस पर प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट हो गया है है. दरअसल निपाह वायरस के बाद स्वास्थ्य विभाग व पशु विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है. किसी स्थान पर चमगादड़ की मौजूदगी पर खास निगाह रखने की हिदायत दी जा रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि यदि कोई चमगादड़ की मौत होती है, तो उसे तत्काल डिस्पोज किया करने की सलाह दी गयी है. बता दें कि केरल के कोझीकोड में इन दिनों निपाह नामक खतरनाक वायरस का आतंक है. यह वायरस वहां लगातार फैल रहा है. कोझीकोड़ में रहस्यमयी बुखार के चलते अब तक 10 जबकि देश में 60 मौतों हो गयी है. इसके बाद इलाके में दहशत का माहौल है.
कोझीकोड जाने से बचें : केरल के कोझीकोड में निपाह वायरस की वजह से हुई मौतों का आंकड़ा बढ़ने से बिहार के लोगों में भी दहशत देखने को मिल रही है. वहीं, शहर के डॉक्टरों ने केरल में रहनेवाले बिहार लोगों को कोझीकोड जाने से मना किया है. इतना ही नहीं डॉक्टरों ने कहा कि जब तक वायरस का कहर है, तब तक बिहार के लोग वहां नहीं जाये, वायरस का आतंक खत्म हो जाता हैं, तो वह जा सकते हैं.
पहले मलयेशिया में आया था यह वायरस : आईजीआईएमएस के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ मनीष मंडल ने कहा कि निपाह वायरस की पहचान सबसे पहले 1998 में हुई थी जब मलेशिया और सिंगापुर में सूअर पालन करनेवालों में तेजी से संक्रमण फैला था. वायरस का नाम शंघाई निपाह से लिया गया है, जो मलेशिया के उसी गांव का नाम है, जहां सूअर पालन करने वाले शिकार बनते गये थे. भारत में पहली बार 2001 में सिलीगुड़ी में इसका कहर देखने को मिला था और बांग्लादेश में भी ऐसे कई मामले सामने आये थे. उसके बाद 2007 में नदिया जिले में 5 मामला पाया गया, जहां एक ही परिवार के 5 लोगों की मौत हो गयी थी.
पहले भी फैल चुका है
वर्ष 2001 में पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी जिले में
अप्रैल 2007 में पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में
खजूर की ताड़ी न पीएं
पटना के पेट रोग विशेषज्ञ डॉ मनोज कुमार ने बताया कि इस वक्त फौरन सावधानी बरतने की जरूरत है. अगर बिहार के जो लोग केरल जा रहे हैं, यहां बिहार में हैं तो वह जमीन पर गिरे फल न खाये और खजूर की ताड़ी न पीएं. डॉ मनोज ने कहा कि अभी बिहार में इस तरह के वायरस का केस नहीं आया है. लेकिन विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. डॉ मनोज ने कहा कि यह वायरस चमगादड़ों से ताड़ी के जूस में चला जाता है और उसके सेवन से वायरस शरीर में फैलने की संभावना बढ़ जाती हैं. हालांकि, इसकी दवाओं की खोज हो रही
है, लेकिन रिबावर्निंग एक एंटी वायरलहै जिससे मृत्यु दर कम किया जासकता है.
क्या है निपाह वायरस
– निपाह वायरस (एनआईवी) जानवरों से मनुष्य में फैलनेवाला नया इन्फेक्शन है. यह दोनों को गंभीर रूप से बीमार करता है. चमगादड़ इस बीमारी के वाहक बताये जाते हैं.
निपाह वायरस पर स्वास्थ्य मंत्रालय गंभीर है. मंत्रालय की इस पर पूरी नजर है . मंत्रालय की एक टीम केरल पहुंच चुकी है. मंत्रालय अन्य राज्य सरकारों से भी इस मामले में समन्वय बनाये हुए है.
अश्विनी कुमार चौबे, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री
गर्भवती को सतर्क रहने की जरूरत
यह बीमारी कैसे फैल रही है इसकी खोज तो हो चुकी है. लेकिन, इसको लेकर खासकर गर्भवती महिलाओं को अधिक अलर्ट रहने की जरूरत है. अगर मां में यह वायरस फैलता है, तो उसका बच्चा कैसा होगा यह सोचने की जरूरत है.
क्योंकि, महिलाओं में कोई भी संक्रमण तेजी से फैलता है और गर्भावस्था के समय यह खतरनाक होता है. जबकि, यह संक्रमण कभी-कभी महामारी का रूप भी ले सकता है और यह चिंताजनक है. ऐसे में जो भी कोझीकोड जाने की योजना बना रहे हैं उन्हें एक बार फिर सोचना चाहिए और हो सके तो अभी इससे बचना चाहिए.
क्योंकि यह एक से दूसरे व्यक्ति में फैलनेवाला संक्रमण है. इससे पीड़ित व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ होती है, साथ ही इसके छूने से भी संक्रमण फैला सकता है. इसकी वैक्सीन बनाने पर तेजी से रिसर्च चल रहा है.

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