22.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

बिहार : नरेंद्र सिंह जीतन राम मांझी का साथ छोड़ नीतीश कुमार का हाथ क्यों पकड़ रहे हैं?

पटना : बिहार की राजनीति में लोकसभा चुनाव के ठीक पहले समीकरण में तेज बदलाव हो रहे हैं. भावी राजनीतिक संभावनाओं के मद्देनजर नेता अपने लिए राजनीतिक ठौर-ठिकाना ढूंढ रहे हैं. इसी क्रम में बिहार के प्रभावी नेता नरेंद्र सिंह ने भी आज जीतन राम मांझी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और हिंदुस्तान अवाम मोर्चा […]

पटना : बिहार की राजनीति में लोकसभा चुनाव के ठीक पहले समीकरण में तेज बदलाव हो रहे हैं. भावी राजनीतिक संभावनाओं के मद्देनजर नेता अपने लिए राजनीतिक ठौर-ठिकाना ढूंढ रहे हैं. इसी क्रम में बिहार के प्रभावी नेता नरेंद्र सिंह ने भी आज जीतन राम मांझी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और हिंदुस्तान अवाम मोर्चा के दूसरे गुट का महासम्मेलन कर गजेंद्र मांझी को अध्यक्ष घोषित कर दिया. अब कल नरेंद्र सिंह इस गुट का विलय नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड में करने वाले हैं.

नरेंद्र सिंह बिहार की राजनीति में खासा रसूख रखने वाले नेता हैं और किसी भी पार्टी में रहे हों अपनी बात वे नेतृत्व के सामने बड़ी ठसक से रखते रहे हैं. जब जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार के खिलाफ बगावत कर हम पार्टी की नींव रखी तो इसमें नरेंद्र सिंह की अहम भूमिका मानी जा रही थी. मांझी के पीछे दो नेताओं की ताकत को अहम माना गया था – एक नरेंद्र सिंह और दूसरा वृषण पटेल. दरअसल, बिहार के जमुई जिले से आने वाले नरेंद्र सिंह की जमीनी राजनीति लालू प्रसाद विरोध की है. उनकी मजबूरी है कि वे ऐसी राजनीतिक राह पर चलें जो लालू विरोध में दिखे.

इसलिए जब नीतीश कुमार-शरद यादव के नेतृत्व वाले जदयू ने लालू प्रसाद के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनता दल से गठजोड़ कर लिया तो नरेंद्र सिंह के पास नीतीश से नाता तोड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था, ऐसे में जदयू के असंतुष्ट तीन-चार प्रमुख नेताओं ने मिल कर हम पार्टी बनायी, जिसे भाजपा के नेतृत्व वाले गंठबंधन में जगह भी मिली. नरेंद्रसिंह अपने विधायक पुत्र को 2015 के विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा में शामिल भी करवा दिया था और उनके एक बेटे को जमुई विधानसभा सीट से और दूसरे को चकाई से भाजपा ने टिकट भी दिया, लेकिन नीतीश-लालू के मजबूत गठजोड़ के सामने दोनों चुनाव हार गये.

हालांकि इस चुनावमेंउनके पुत्रों के हारने के पीछे स्थानीय वजह भी बतायी गयी. यह भी कहा गया कि नरेंद्र सिंह के बेटों को रामविलास पासवान की ओर से समर्थन नहीं मिलाऔरइसकीवजह बतायीगयी किपासवानके बेटे चिराग पासवानके जमुई लोकसभा क्षेत्र से 2014 में चुनाव लड़ने के दौरान नरेंद्र सिंहनेउनके लिए मुश्किलें भी खड़ी की थीं. ऐसे में हिसाब चुकता हो गया.

अब नीतीश कुमार एक बार फिर एनडीए में शामिल हो गये हैं और वे राजद के खिलाफ फिर पुराने तेवर के साथ खड़े हैं, वहीं जीतन राम मांझी ने लालू प्रसाद यादव की पार्टी से गठजोड़ कर लिया है और महागंठबंधन के नेता बन गये हैं. ऐसे में नरेंद्र सिंह के सामने लालू विरोधी मोर्चे में जाने ही सही राजनीतिक फैसला हो सकता था, सो उन्होंने एक बार फिर जदयू व एनडीए की डोर थाम ली है.

HAM के नरेंद्र सिंह गुट ने महासम्मेलन में दिखायी ताकत, जदयू में विलय कल, कहा- जीतनराम मांझी ने की गद्दारी

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel