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बिहार : फेसबुक से हुई थी दोस्ती, छात्रा पर तेजाब फेंकनेवाला युवक राजाबाजार से गिरफ्तार

पटना : कोतवाली थाने के जीपीओ गोलंबर पर सरेशाम तेजाब फेंकने के आरोपित सोनू कुमार को पटना पुलिस की टीम ने घटना के मात्र आठ घंटे के अंदर गिरफ्तार कर लिया. वह खाजपुरा में एक कपड़े के ब्रांडेड शोरूम में सेल्स मैन का काम करता है. सोनू का घर रूकनपुरा में है, लेकिन उसके परिजनों […]

पटना : कोतवाली थाने के जीपीओ गोलंबर पर सरेशाम तेजाब फेंकने के आरोपित सोनू कुमार को पटना पुलिस की टीम ने घटना के मात्र आठ घंटे के अंदर गिरफ्तार कर लिया. वह खाजपुरा में एक कपड़े के ब्रांडेड शोरूम में सेल्स मैन का काम करता है. सोनू का घर रूकनपुरा में है, लेकिन उसके परिजनों ने उसकी गलत हरकतों के कारण घर से निकाल दिया था. वह राजाबाजार स्थित अपनी बहन के घर पर रह रहा था. पुलिस टीम ने जांच के क्रम में उसकी संलिप्तता पायी और फिर राजाबाजार में छापेमारी कर गिरफ्तार कर लिया. उसे आशा नहीं थी कि वह पकड़ा जायेगा, क्योंकि उसे किसी ने देखा नहीं था.
लेकिन छात्रा को यह पूरा अनुमान हो गया था कि सोनू ने ही इस घटना को अंजाम दिया है. क्योंकि वह फेसबुक से लेकर मोबाइल फोन पर कई बार चेहरा को खराब करने की धमकी दे चुका था. डीएसपी विधि व्यवस्था डाॅ मो शिबली नोमानी ने बताया कि सोनू ने ही घटना को अंजाम दिया था और उसने अपनी संलिप्तता को स्वीकार कर लिया है
उससे पूछताछ की जा रही है और उसके बाद जेल भेज दिया जायेगा.परिजनों की डांट के बाद छात्रा ने पुलिस को दिया सोनू का नंबर : इस घटना के बाद सिटी एसपी मध्य अमरकेश डी के नेतृत्व में डीएसपी विधि व्यवस्था डाॅ मो शिबली नोमानी व कोतवाली थानाध्यक्ष रमाशंकर की टीम ने तुरंत ही मामले की जांच शुरू कर दी और छात्रा का बयान लिया. छात्रा ने पहले तो किसी का भी नाम बताने से इन्कार कर दिया. वह केवल यह कहती रही कि उस पर पीछे से किसी ने तेजाब फेंका था और वह नहीं देख पायी है. लेकिन पुलिस को उसकी बात पच नहीं रही थी.
छात्रा की मां और बहन ने काफी दबाव दिया तो उसने सोनू का मोबाइल नंबर दिया और बताया कि वह कई दिनों से उसे परेशान कर रहा है और वह एक-दो बार उससे मिल चुकी है. उससे दोस्ती फेसबुक के माध्यम से दो माह पहले हुई थी और इसी दौरान मोबाइल नंबर का आदान-प्रदान हुआ था. इसके बाद दोनों के बीच मोबाइल फोन व फेसबुक चैटिंग के माध्यम से हमेशा बात होती थी.
करने लगा एकतरफा प्यार, बुलाने लगा इधर से उधर : इस दौरान छात्रा से सोनू एकतरफा प्यार करने लगा और फिर उसे वह हमेशा कभी इधर तो कभी उधर आने को कहता था.
जिसके कारण उसने उसके फोन पर ध्यान देना बंद कर दिया था. इसके बाद सोनू को यह शक होने लगा कि छात्रा और भी किसी से बात करती है, इसलिए उस पर वह ध्यान नहीं दे रही है. इसके बाद तो फिर वह जान से मारने व चेहरा खराब करने की धमकी देने लगा था. वह उसकी धमकी से डर गयी थी और इस बात की जानकारी बदनामी के डर से किसी को नहीं दी थी.
पीएमसीएच के आईसीयू में भर्ती हुई तेजाब पीड़िता, खतरे से बाहर: एसिड अटैक पीड़िता का इलाज पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जारी है. उसके बेहतर इलाज को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने मंगलवार को इमरजेंसी ट्रॉयज रूम से हटा कर आईसीयू में शिफ्ट कर दिया है, जहां प्लास्टिक रोग विभाग के सीनियर डॉक्टरों की देखरेख में इलाज चल रहा है. वहीं जानकारी देते हुए पीएमसीएच के चीफ इमरजेंसी ऑफिसर डॉ अभीजित सिंह ने कहा कि छात्रा का इलाज जारी है और वह खतरे से बाहर है.
उन्होंने कहा कि एसिड का अटैक उसके चेहरे और गर्दन पर अधिक पड़ा है, जिसकी दवा, क्रीम देकर इलाज किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि त्वचा खराब नहीं हो इसके लिए डॉक्टर अलग से इलाज करेंगे, साथ ही दवा से लेकर सभी तरह का इलाज अस्पताल प्रशासन अपने स्तर पर कर रहा है. वहीं छात्रा के मामा को भी इमरजेंसी में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है, दोनों खतरे से बाहर हैं.
सुबह से ही तेजाब फेंकने की फिराक में था
जांच के दौरान पुलिस को यह जानकारी मिली है कि उसने कॉफी की छोटी शीशी में घर में ही तेजाब को रखा था और सोमवार की सुबह से ही इस फिराक में था कि वह छात्रा को सबक सिखाने के लिए उस पर तेजाब फेंक दें. इसके बाद वह लगातार उसका पीछा करता रहा और उसने जब जीपीओ गोलंबर पर छात्रा को स्थिर पाया, तो उसने शीशी का ढक्कन खोला और तेजाब को फेंक दिया. इसके बाद वह अपनी बाइक से फरार हो गया. पुलिस ने घटनास्थल से कॉफी की शीशी भी बरामद की थी.
सोनू ने शाम पांच बजे किया था छात्रा को फोन
छात्रा से पुलिस ने पूछताछ की तो यह जानकारी मिली कि वह अपने पटेल नगर स्थित आवास से राजवंशी नगर में कपड़ा लेने गयी और वहां से उसे न्यू मार्केट में शॉपिंग करने आना था. सोमवार को पांच बजे शाम में सोनू का फोन आया और उसने पूछ लिया कि वह कहां है तो उसने बता दिया कि वह राजवंशी नगर में फलां दुकान में है.
इसके बाद उसके फोन नंबर को ब्लॉक कर दिया. इसके बाद वह न्यू मार्केट में टेंपो से पहुंची और वहां पर खरीदारी की तो पैसे कम पड़ गये. उसने अपने मामा को फोन कर 25 सौ रुपये मांगे तो वे देने के लिए आये और जीपीओ गोलंबर से थोड़ा आगे वह मामा से पैसे ले रही थी.
छात्रा को इस बात की जानकारी नहीं थी कि सोनू उसका पीछा कर रहा है, जबकि सोनू लगातार न्यू मार्केट में उसके पीछे था और मौके की तलाश में था कि कब वह तेजाब उसके चेहरे पर फेंक दे. इसी बीच उसे लगा कि उस पर कोई कुछ फेंक रहा है तो उसने अपने चेहरे को दूसरे ओर किया. जिसके कारण तेजाब गरदन पर पड़ा. अगर वह चेहरे को नहीं हटाती तो वह जल जाता.
पटेल नगर इलाके में रहती है छात्रा
छात्रा अपनी मां व बहन के साथ पटेल नगर में किराये के मकान में रहती है. उसके पिता कई साल पहले ही घर छोड़ कर कहीं चले गये हैं. आर्थिक स्थिति ठीक नहीं रहने के कारण मां एक नर्सिंग होम में काम करती है और छात्रा खुद पढ़ाई करने के साथ ही बोरिंग रोड में एक निजी कंपनी में काम करती है. उसने मसौढ़ी के एक कॉलेज से प्लस टू की परीक्षा पास की है.
राजधानी में हर दिन लगभग 200 लीटर एसिड की खपत
राजधानी पटना में हर दिन लगभग दो सौ लीटर एसिड की खपत होती है. इसका सबसे अधिक प्रयोग शिक्षण संस्थान, प्रयोगशाला और उद्योग में होता है. इसके अलावा बाथरूम, बेसिन और फर्श साफ करने में भी एसिड का प्रयोग किया जाता है जो सॉल्ट एसिड से तैयार होता है. एसिड का मुख्य बाजार अशोक राजपथ, बाकरगंज, दानापुर व पटना सिटी है. यहां ब्रांडेड और गैर ब्रांडेड एसिड मिलता है. प्रयोगशाला में प्रयोग होने वाले एसिड 400-500 रुपये प्रतिलीटर मिलता है जबकि कॉर्मिशयल प्रयोग वाले एसिड की कीमत 100 से 200 रुपये प्रति लीटर है.
कोलकाता से आता है एसिड
पटना के बाजार में मुख्य रूप से एसिड कोलकाता से आता है. जानकारी के अनुसार पटना शहर में ब्रांडेड कंपनी मर्क, नाइस, फिनॉर, कौलिजेंश आदि का एसिड साइंटिफक स्टोर में मिलता है. सोना गलाने वाला एसिड 175 रुपये प्रति लीटर मिलता है जो 1420 नाम से जाना जाता है. वहीं चांदी के गहने साफ करने के लिए 1360 नंबर का एसिड प्रयोग किया जाता है जो 150 रुपये प्रति लीटर मिलता है.
इसे नाइट्रिक एसिड (खट्टा तेजाब) के नाम से भी जाना जाता है. शहर में सॉल्ट एसिड बनने वाले थोक कारोबारी 10 से 15 हैं. जबकि खुदरा एसिड तैयार करने वाले सौ से अधिक हैं. यह एसिड 15 से 25 रुपये बाेतल मिलता है. यह एसिड पानी के मिश्रण से तैयार किया जाता है. साथ ही इसमें अन्य केमिकल डाला जाता है. यह एसिड रांची से आता है.
सल्फ्यूरिक एसिड सबसे खतरनाक
सल्फ्यूरिक एसिड के शरीर पर गिरने के बाद त्वचा गलने लगती है. इसलिए इसका प्रयोग काफी सावधानी से करना पड़ता है. घरेलू उत्पाद में सल्फ्यूरिक एसिड दो अलग-अलग तरीकों से खतरनाक हो सकता है. एसिड के रूप में यह मानव त्वचा और कई घरेलू सतहों और सामग्री के माध्यम से जला सकता है. इससे सावधान रहें़
– डाॅ. महेंद्र प्रताप सिंह, खाद्य विश्लेषक

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