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पटना : एक ही घर की तीन महिलाओं का उजड़ा सुहाग

दुर्घटना. शव के दाह-संस्कार के लिए बाढ़ गये परिवार पर टूटा हादसे का कहर शेखपुरा/पटना : स्थानीय थाना क्षेत्र के डीहा गांव से बाढ़ स्थित गंगा घाट पर दाह संस्कार में जाना एक परिवार के लिए दर्दनाक हादसे का सबब बन गया. बाढ़ के भदौर थाने के लालपुरा गांव के पास सड़क हादसे में पांच […]

दुर्घटना. शव के दाह-संस्कार के लिए बाढ़ गये परिवार पर टूटा हादसे का कहर

शेखपुरा/पटना : स्थानीय थाना क्षेत्र के डीहा गांव से बाढ़ स्थित गंगा घाट पर दाह संस्कार में जाना एक परिवार के लिए दर्दनाक हादसे का सबब बन गया. बाढ़ के भदौर थाने के लालपुरा गांव के पास सड़क हादसे में पांच की मौत हो गयी और 15 घायल हो गये. इस हादसे में जहां एक ही परिवार के तीन महिलाओं का सिंदूर उजड़ गया, वहीं परिवारों से उसका सहारा छीन गया. शुक्रवार की देर शाम हुए इस हादसे के बाद अरियरी के डीहा गांव में परिजनों की चीत्कार थमने का नहीं ले रही है.
ऐसी परिस्थिति में सबसे बड़ी बात यह है कि विलाप कर रहे परिजनों के आंसू पोछने वाले रिश्तेदार भी फिलहाल गांव में मौजूद नहीं हैं. मौत की नींद सो चुके लोगों के अंतिम दर्शन और जख्मी लोगों के समुचित इलाज के लिए गांव से पटना को रवाना हो गये. इस घटना के बीच बड़ी विडंबना यह है कि आर्थिक तंगी को जूझ रहे परिवार मृतक के अंतिम दर्शन के लिए भी खुद को अक्षम समझ रहा है. मृतकों में सुरेंद्र उर्फ शुल्लू मिस्त्री की विधवा रीता देवी ने कहा की वह अपने पति का अंतिम दर्शन नहीं कर सकी. वह अपने पति का अंतिम दाह करना चाहती थी, लेकिन आर्थिक हालातों ने अड़चन डाल दिया. किसी प्रकार वह अपने मासूम पुत्र को भेज सकी.
शुक्रवार की शाम करीब पांच बजे बाढ़ स्थित गंगा घाट पर अपनी मां करनी देवी का दाह संस्कार कर डीहा गांव निवासी जनार्दन शर्मा अपने अन्य रिश्तेदारों के साथ वापस गांव लौट रहे थे. इसी क्रम में बाढ़ से थोड़ी ही दूर पर लालपुरा गांव के समीप शोकाकुल परिजनों से भरी जीप 20 फिट नीचे गड्ढे में जा गिरी. इस घटना के दौरान जीप पर सवार करीब 26 लोगों में जहां पांच लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया वहीं 15 लोग बुरी तरह घायल हो गये. सबसे बड़ी बात यह है कि इस हादसे में जहां अपनी मां के अंतिम संस्कार में मुखाग्नि देने वाले जनार्दन शर्मा मौत की नींद सो गये, वहीं उनके दामाद संदीप शर्मा और बहनोई छोटू शर्मा समेत पांच लोगों ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया. मृतक संदीप शर्मा लखीसराय के संसार पोखर निवासी बताये जाते हैं.
जबकि छोटू शर्मा काशीचक के झोटा पर गांव निवासी हैं. इस घटना के बाद जैसे ही परिजनों को सूचना मिली गांव से दर्जनों लोग घटनास्थल की ओर रवाना हुए. वहां पहुंचने के बाद देखा कि जख्मी परिवार वहीं पर दर्द से कराह रहे थे. घायलों को बाढ़ के अस्पताल में भर्ती कराया गया.
बाढ़ से थोड़ी ही दूर पर लालपुरा गांव के समीप जीप 20 फुट नीचे गड्ढे में जा गिरी
इस घटना के दौरान जीप पर सवार करीब 26 लोगों में जहां पांच लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया, वहीं 15 घायल हो गये
छोटी पुत्री का विवाह रचाना चाहते थे सुरेंद्र
डीहा में मातमी चीत्कार के बीच सड़क हादसे में अपने परिवार को बर्बाद होने का सदमा जहां एक ही घर के तीन-तीन विधवाओं को पूरी तरह झकझोर कर रख दिया. इसी बीच मृतक सुरेंद्र की विधवा रीता अपनी पुत्री के विवाह को लेकर चीत्कार मार रही है. पीड़िता बार-बार यही कह रही थी कि पिछले तीन माह से पुत्री के विवाह को लेकर वह रिश्ता लगा रहे थे. सुरेंद्र अपने मौत के बाद विधवा के कंधों पर दो पुत्र एवं दो पुत्री की जिम्मेदारी छोड़ गये. ऐसी परिस्थिति में गरीबी और बदहाली से जूझ रहे सुरेंद्र के समक्ष जिंदगी अब बोझ लगने लगी है.
पीड़िता बार-बार चीत्कार मारकर दोहराती और बदहवास होकर गिर जाती है. ऐसी परिस्थिति में वह अपने बाल बच्चों के परवरिश और बेटियों की शादी के पहले ही पति की मौत के गम से उबर नहीं पा रही.
परिजनों का छिन गया सहारा
उक्त दर्दनाक घटना के बाद दुर्घटना में मृतक के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. डीहा गांव के जनार्दन मिस्त्री कि इस दुर्घटना में मौत के बाद उनकी पत्नी रेणु देवी व उनके दामाद संदीप कुमार की मौत के बाद पुत्री मीना कुमारी का रो-रो कर बुरा हाल है. इस घटना ने मृतक जनार्दन के बहनोई छोटू शर्मा के मौत के बाद विधवा बनी सुनैना देवी के आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहा. इस दर्दनाक सड़क हादसे में परिजनों की स्थितियों पर अगर नजर डालें तो मृतक जनार्दन शर्मा अपने पीछे दो पुत्र एवं एक पत्नी को छोड़ गये. विधवा रेणु देवी के कांधे पर एक पुत्री चांदनी कुमारी के विवाह की भी जिम्मेदारी है.
जबकि बड़ी पुत्री काजल कुमारी के मांग का सिंदूर उजड़ गया. मां के साथ विधवा हुई काजल को डेढ़ साल के पुत्र की परवरिश एक बड़ी जिम्मेदारी है. इसके साथ ही काजल के कंधो पर उसके बूढ़े सास-ससुर की भी जिम्मेदारी भी आ पड़ी है. इस हादसे में एक ही परिवार के तीसरे सदस्य के रूप में मृतक जनार्दन की बहन सुनैना देवी के मांग के सिंदूर की लाली छीन गयी. नवादा जिले के काशीचक स्थित झोटा पर निवासी छोटू शर्मा भी इस हादसे का शिकार हो गयी. कुल मिलाकर अंतिम संस्कार के इस मार्मिक हादसे ने जनार्दन शर्मा के परिवार को नेस्तनाबूद कर दिया. मृतकों में सभी मजदूरी कर पोषण करते थे, लेकिन हादसे के बाद पूरे परिवार के सदस्यों का सहारा छिन गया.
मौत खींच कर ले गयी तो भला कौन रोक सकता था
हादसे के बाद पूरी तरह टूट चुका परिवार आज जिन शब्दों में अपनी पीड़ा को कह रहा वह मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देने वाला है. दरअसल पति जनार्दन शर्मा की मौत के बाद चीत्कार मार रही रेनू यह भी कह रही कि आखिर मौत खींच कर ले गया तो भला कौन रोक सकता था. शनिवार की देर शाम बाढ़ अस्पताल से शेखपुरा सदर अस्पताल पहुंचे हादसे में तीन प्रत्यक्षदर्शियों ने जो कहा वह सचमुच लापरवाही को दर्शाता है. अंतिम संस्कार के बाद डीहा गांव से पड़ोस के एकरांय गांव से स्थानीय निवासी बाल्मीकि पासवान की गाड़ी ले गये थे. दरअसल हादसे के बाद वापसी के दौरान भोजन करने के लिए सभी लोग गंगा घाट पर चालक को ढूंढ़ रहे थे.
थोड़ी देर में जब चालक वहां पहुंचा तब उसे लोगों ने भोजन करने को कहा, लेकिन चालक ने इन्कार कर दिया. इस दौरान चालक नशे की हालत में भी था. पीड़ितों के मुताबिक लोगों ने उसकी हालत देखकर हादसे का अंदेशा जताया. लेकिन चालक की जिद पर सभी लोग गाड़ी पर सवार हो गये और आखिर वही हुआ जिसका लोगों ने अंदेशा कर रखा था. नशे में धुत चालक ने कुछ ही देर बाद अपना नियंत्रण खो दिया और इस घटना में वाहन पर सवार 26 लोगों की जिंदगी दांव पर लग गयी. वाहन में मौजूद घायलों की मानें तो जीप के ऊपर जितने लोग भी सवार थे उन्हें मामूली चोटें आयीं, जबकि अगली सीट पर बैठे सभी पांच लोग मौत की नींद सो गये.

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