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बुरा ना मानो होली है का लाइसेंस अब नहीं करेगा काम, रंगों के बहाने बैड टच करनेवालों को ऐसे दें जवाब

पटना : होली को लेकर रंगों में सराबोर होने की तैयारी अभी से दिखने लगी है. हर तरफ रंग-गुलाल की खुमारी लोगों पर छाने लगी है. होली के रंग में लोग अभी से रंगने लगे हैं. चाहे स्कूल से लौट रही बच्चियां हो या फिर कॉलेज गोइंग लड़कियां या फिर महिलाएं होली के रंग में […]

पटना : होली को लेकर रंगों में सराबोर होने की तैयारी अभी से दिखने लगी है. हर तरफ रंग-गुलाल की खुमारी लोगों पर छाने लगी है. होली के रंग में लोग अभी से रंगने लगे हैं. चाहे स्कूल से लौट रही बच्चियां हो या फिर कॉलेज गोइंग लड़कियां या फिर महिलाएं होली के रंग में लाल हो चुकी हैं.
पर कई बार महिलाएं होली के रंग से कम, लगाने वालों के तरीकों से भी लाल हो जाती है. ‘लाल’ शब्द का प्रयोग शर्म से लाल होने के रूप में है. रंग लगाने के बहाने गंदे स्पर्श से कई बार महिलाएं परेशान हो जाती हैं.
क्योंकि होली का त्योहार ही एेसा है, इस त्योहार के बहाने कुछ लोग न जाने कितनी शैतानियां और बदमाशियां कर डालते हैं. कभी गालों पर गुलाल लगा कर, तो कभी गले लगाने के बहाने महिलाआें को गंदे तरीके से स्पर्श करते हैं. क्योंकि रंग लगाने वालों को तो बस इस दिन लाइसेंस मिल चुका है… क्योंकि बुरा ना मानो होली है.
रंग लगाने वाले की मंशा को समझ कहें ना
घर हो या बाहर होली के दिन महिलाओं व बच्चियों को रंग लगाने वालों की मंशा को समझना होगा. इसके लिए महिलाओं को खुद से सतर्क रहना होगा. अनजान लोगों से खतरा कम पर, अपने रिश्तेदारों से अधिक खतरा है. ऐसे में महिलाओं को उनकी पहचान कर उनसे दूरी बनाये रखने की जरूरत है. घर में छोटी बच्चियों को भी इसकी जानकारी दें. घर में आने वाले सभी रिश्तेदारों के पास बच्चों को अकेले में न छोड़ें. उन्हें गंदे स्पर्श के बारे में ना कहने की आदत डालें.
ना कहने की आदत डालनी होगी
महिलाओं को इसके लिए ना कहने की आदत डालनी होगी. रंग लगाने वाले व्यक्ति की मंशा उसके नजदीक आते ही पता चल जाती है. यदि पता नहीं भी चल पा रहा हो, तो उन्हें रंग खेलने से पहले थोड़ा एहतियात बरतना होगा. वैसे लोगों से दूरी बनाएं. पिचकारी से रंग खेलें, ताकि सामने वाले को यह एहसास हो जाये कि कुछ गलत किया तो पकड़े जायेंगे.
विभा कुमारी, थानाध्यक्ष महिला थाना
अक्सर अपने ही करते हैं गंदी हरकत
अपने ही लोगों द्वारा महिलाएं और बच्चे घरों में गंदी हरकतों की शिकार होती हैं. क्याेंकि उनकी गंदी नजर लंबे समय से बनी होती है और होली जैसे त्योहार में वह अपनी मंशा को पूरी करने में सफल हो जाते हैं. ऐसे में वैसे लोगों से रंग खेलने से दूरी बनाएं. जिनकी मंशा सही नहीं है या फिर पहचान नहीं कर पा रही हैं, तो उनके बुरे व्यवहार को रोकने का प्रयास करें. ताकि लोग अपनी बदनामी से डरें.
डॉ रेणु रंजन, समाजशास्त्री

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