पटना : जदयू नेत्री एवम पटना यूनिवर्सिटी की सिंडिकेट मेंबर सागरिका चौधरी ने कहा कि सड़क सुरक्षा पर गठित सुप्रीम कोर्ट के पैनल के पास उपलब्ध डेटा के अनुसार जहां राष्ट्रीय स्तर पर औसत सड़क दुर्घटनाओं में कमी आयी है, वहीं बिहार में सड़क दुर्घटनाओं में इसके विपरीत वृद्धि हुई है.
जहां 2016 में जनवरी से सितंबर के 9 महीनों में 3733 सड़क दुर्घटना के केस दर्ज हुए, वहीं 2017 के इन्हीं 9 महीनों में ये संख्या बढ़कर 4111 हो गयी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार कहते आये हैं कि शराबबंदी के चलते सड़क दुर्घटनाओं में 20 से 30 फीसदी की कमी आयी है, पर राजद इन आंकड़ों को लेकर राजनीतिक रोटी सेंक रहा है और शराबबंदी जैसे बेहतरीन कदम का मजाक उड़ा रहा है.
इस तथ्य को स्वीकार करते हुए चंडीगढ़ हाई कोर्ट ने शराब की दुकानों को हाईवे दूर की आज्ञा जारी की है और इसपर पूरे देश मे अमल हो रहा है. जहां तक बात रोड एक्सीडेंट में हुई वृद्धि की है, तो इसके कई अन्य कारण भी हैं. जिसके लिए खराब सड़कें, खराब ड्राइविंग स्किल, सड़कों पर वाहनों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि, प्रतिकूल मौसम जैसे बारिश, जाड़े में कुहरा, गाड़ियों का पुअर मेंटेनेंस आदि. इसलिए राजद से मैं अपील करती हूं वह इस मुद्दे पर राजनीति करें ना करे और इस गंभीर मसले पर चर्चा करे ताकि इसपर अंकुश लगाया जा सके.