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बिहार को मिलेगी सौगात, सरकार के पैसे से बनेगा अंतरराज्यीय बस टर्मिनल

पटना : अब राज्य का पहला अंतरराज्यीय बस टर्मिनल बनाने की योजना पर तेजी से काम शुरू हो जायेगा. 331 करोड़ की लागत से पटना-गया रोड पर पहाड़ी में बनने वाला आधुनिक सुविधाओं से युक्त बस टर्मिनल अब हडको के बदले राज्य सरकार के पैसे से बनेगा. पहाड़ी के 25 एकड़ में इस बस टर्मिनल […]

पटना : अब राज्य का पहला अंतरराज्यीय बस टर्मिनल बनाने की योजना पर तेजी से काम शुरू हो जायेगा. 331 करोड़ की लागत से पटना-गया रोड पर पहाड़ी में बनने वाला आधुनिक सुविधाओं से युक्त बस टर्मिनल अब हडको के बदले राज्य सरकार के पैसे से बनेगा. पहाड़ी के 25 एकड़ में इस बस टर्मिनल को बनाने की योजना पर काम बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड (बुडको) के माध्यम से किया जा रहा है.
इसके लिए पहले ही टेंडर के आधार पर शापुरजी पालमजी कंपनी को काम दिया जा चुका है. बस टर्मिनल हडको के लोन से बनाया जाना था. लेकिन, लोन को लेकर बीते वर्ष से ही लगातार पेच फंस रहा था. लोन में हो रही देरी से हडको के बदले खुद राज्य सरकार ने पैसा देने की स्वीकृति दी है. लिहाजा राज्य का पहला अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल बनने की राह आसान हो गयी है.
लोन और जमीन के बीच उलझा था काम: पहाड़ी में बनाये जाने वाले अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल की योजना वर्ष 2014 की है. योजना का डीपीआर तब से तैयार है, लेकिन बस टर्मिनल का काम फंड और जमीन के कारण रुका था. परियोजना के निदेशक प्रभाष चंद्रा बताते हैं कि बुडको राज्य सरकार की गारंटी पर हडको से लोन ले रहा था.
कुल 24 से अधिक मापदंडों को पूरा किया गया था. लेकिन, फिर भी लोन फाइनल नहीं हो पा रहा था. हालांकि, पहाड़ी में अधिग्रहण की गयी जमीन के मालिकों को मुआवजे का भुगतान भी लगभग हो चुका है. इस योजना को 331.61 करोड़ से पूरा किया जाना है.
आठ फ्लोर के भवन का निर्माण
क्षेत्र में कुल पांच भवनों का निर्माण किया जाना है. इसमें आगमन भवन (G+5), प्रस्थान भवन (G+5), व्यावसायिक भवन (G+8), लिंक ब्लॉक (G+6) व वर्कशॉप (G+2) बनेगा . कुल निर्माण 63 हजार वर्ग मीटर में हाेगा.
शनिवार को इस योजना का शिलान्यास मुख्यमंत्री करेंगे. इसे दिसंबर, 2018 में शापूरजी पाॅलनजी एंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड पूरा करेगी. इसमें मुख्य भवन 53821 वर्ग मीटर में बनेगा. बस टर्मिनल में वाई-फाई, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लान व 50 शहरों के 76 बसों के ठहरने की व्यवस्था के साथ ही शाॅपिंग मॉल की भी सुविधा रहेगी.
जरूरी कागजात व कई शर्तों को पूरा करने के बाद भी हडको ने बस टर्मिनल के निर्माण के लिए लोन फाइनल नहीं किया. लगातार नये कागजों का पेच फंस रहा था. अब हडको के बदले राज्य सरकार पैसा दे रही है. बस टर्मिनल बनाने के लिए काम में तेजी आयेगी.

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