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बाढ़ कोर्ट में तैनात 25 पुलिस कर्मी निलंबित, हाईकोर्ट की बढ़ी सुरक्षा, कोर्ट परिसर में तय सुरक्षा मानकों पर उठे सवाल

पटना : बाढ़ कोर्ट परिसर में पेशी के लिए लाये गये कैदी गुड्डू सिंह की कोर्ट परिसर में ही सुरक्षाकर्मियों को धता बताते हुए दिनदहाड़े गोली मार कर हत्या करने के मामले में मौजूद दो अधिकारियों समेत 25 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. मालूम हो कि इस गोलीबारी में दो अन्य कैदी घायल […]

पटना : बाढ़ कोर्ट परिसर में पेशी के लिए लाये गये कैदी गुड्डू सिंह की कोर्ट परिसर में ही सुरक्षाकर्मियों को धता बताते हुए दिनदहाड़े गोली मार कर हत्या करने के मामले में मौजूद दो अधिकारियों समेत 25 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. मालूम हो कि इस गोलीबारी में दो अन्य कैदी घायल भी हो गये हैं. वारदात को अंजाम देने के लिए बाइक सवार दो अपराधी कोर्ट परिसर के अंदर तक दाखिल हो गये थे. इसमें चार सिपाही कैदी वाहन के साथ और परिसर में दो दारोगा के अलावा 19 सब-कांस्टेबल तैनात थे. इसके बावजूद किसी पुलिसकर्मी ने कोई जवाबी कार्रवाई नहीं की. इस कारण घटना को अंजाम देने के बाद अपराधी फरार हो गये. वहीं, पुलिस कर्मियों ने दलील है कि कोर्ट परिसर में भीड़ बहुत अधिक थी. गोली नहीं चला सकते थे. इसके बाद पुलिस मुख्यालय ने कोर्ट परिसर में मौजूद सभी पुलिसकर्मियों को निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया है.

कोर्ट परिसर में सुरक्षा व्यवस्था की खुली पोल

बाढ़ कोर्ट परिसर में कैदी की दिनदहाड़े हुई हत्या से सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुल गयी है. कोर्ट परिसर में सुरक्षा के लिए तय किये गये मानक का अनुपालन नहीं किया गया है. कोर्ट परिसर में सीसीटीवी, मेटल डिटेक्टर समेत अन्य किसी सुरक्षा के मानक इंतजाम की पोल खोल रहे हैं.

हाईकोर्ट की बढ़ी सुरक्षा व्यवस्था

बाढ़ कोर्ट परिसर में हुई घटना के बाद से पुलिस मुख्यालय ने हाईकोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी है. सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद करने के लिए कोर्ट परिसर और आसपास तैनात पुलिस कर्मियों की संख्या बढ़ायी जायेगी. इसके अलावा एचडी कैमरे लगाये जायेंगे. ताकि, रात में भी दूर की तस्वीर को कैद किया जा सके.

पहले भी कोर्ट परिसर में हो चुकी है वारदात

कोर्ट परिसर में हत्या या बड़ी वारदात को अंजाम देने का यह पहला मामला नहीं है. पिछले वर्ष अप्रैल में आरा कोर्ट परिसर में बम विस्फोट किया गया था. इसके बाद छपरा कोर्ट परिसर में एक कैदी को गोली मार दी गयी थी. पिछले वर्ष ही छपरा कोर्ट की वारदात के बाद पुलिस महकमा ने सुरक्षा के लिए एक विस्तृत स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर जारी किया था. इसके बावजूद सुरक्षा में चूक हो जाती है.

सुरक्षा के लिए तय मानक

सभी कोर्ट परिसर में डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर लगाना है. इससे होकर सभी लोगों का गुजरना अनिवार्य.

कोर्ट परिसर से बाहर करनी है कार, मोटरसाइकिल और साइकिल की पार्किंग.

कोर्ट से एक निश्चित दूरी पर ही बनानी है वाहनों की पार्किंग. पर्याप्त संख्या में करनी है पुलिस बल की तैनाती.

कोर्ट परिसर के अंदर, बाहर और सभी प्रमुख स्थलों पर लगाना है सीसीटीवी कैमरा.

कोर्ट के मुख्य द्वार के अंदर प्रवेश के लिए हैंड मेटल डिटेक्टर से चेकिंग के बाद ही अंदर जाने की अनुमति.

परिसर में अतिक्रमण या बेमतलब के लोगों का प्रवेश बंद, खासकर जब सुनवाई चल रही हो.

कैदी वाहन आने पर परिसर की सुरक्षा खासतौर से बढ़ानी है. परिसर में कैदी से किसी को मिलने की अनुमति नहीं.

Prabhat Khabar Digital Desk
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