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अपराधियों का संपत्ति ब्योरा भेजने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे एसपी

कौशिक रंजन पटना : अपराधियों के संपत्ति को जब्त करने के लिए राज्य सरकार ने बड़े स्तर पर अभियान चलाने की कवायद तेज कर दी है. करीब दो महीने पहले पुलिस मुख्यालय ने इससे संबंधित सख्त निर्देश सभी जिलों को जारी किया था. इसके अनुसार, सभी जिलों को अपने-अपने क्षेत्र में मौजूद अपराधियों की संपत्ति […]

कौशिक रंजन
पटना : अपराधियों के संपत्ति को जब्त करने के लिए राज्य सरकार ने बड़े स्तर पर अभियान चलाने की कवायद तेज कर दी है. करीब दो महीने पहले पुलिस मुख्यालय ने इससे संबंधित सख्त निर्देश सभी जिलों को जारी किया था. इसके अनुसार, सभी जिलों को अपने-अपने क्षेत्र में मौजूद अपराधियों की संपत्ति का ब्योरा भेजने के लिए कहा था.
ताकि इनकी समीक्षा करके इओयू (आर्थिक अपराध इकाई) के माध्यम से इसे इडी को भेजा जा सके और उन संबंधित अपराधियों पर पीएमएलए (प्रीवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट) के तहत कार्रवाई की जा सके. परंतु जिलों में एसपी ने इस आदेश के पालन में बहुत दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं. कुछ जिलों ने अपराधियों की जो संपत्ति जब्ती का प्रस्ताव भेजा है, वह भी आधा-अधूरा या उनमें कई स्तर पर कमी है. इस वजह से इन प्रस्तावों को इडी ने लौटा दिया है. पिछले तीन महीने में अपराधियों के करीब 15 ऐसे प्रस्तावों को इडी लौटा चुका है.
जिनके प्रस्ताव लौटे हैं, उनमें सीतामढ़ी का नीतीशचंद्र झा, मुजफ्फरपुर का मुकेश ओझा, गया का पाचू सिंह समेत अन्य शामिल हैं. अब इन प्रस्तावों पर फिर से मंथन कर चुस्त तरीके से तैयार करके भेजने की तैयारी चल रही है. अपराधियों के जो प्रस्ताव लौटाये गये हैं. उनमें अधिकांश मामलों में तथ्यों की बड़े स्तर पर गड़बड़ी या कमी है, तो किसी मामले में चार्जशीट ही जमा नहीं की गयी है. व्यापक स्तर पर गड़बड़ी की वजह से इन अपराधियों पर पूरी तरह से मामला ही नहीं बन रहा था, जिसके आधार पर इनके खिलाफ पीएमएलए के तहत कार्रवाई की जा सके.
पुलिस मुख्यालय ने इओयू के माध्यम इन प्रस्तावों की समीक्षा करके संबंधित जिलों के एसपी को भेज दिया है और इसे फिर से हर तरह से दुरुस्त करके भेजने के लिए कहा है. ताकि इन अपराधियों पर नकेल कसी जा सके. इन प्रस्तावों की समीक्षा में यह पाया गया कि कई तथ्यों को जानबूझ कर या किसी अन्य कारण से गड़बड़ किये गये हैं. कई प्रस्तावों में इतनी छोटी और साधारण स्तर की गलती पायी गयी है कि मुख्यालय के स्तर पर उच्च अधिकारी इसे देखकर दंग हैं. इस तरह की गलती की कोई उम्मीद नहीं की जा सकती थी.
कहीं अपराधियों को फायदा पहुंचाने की नीयत तो नहीं!
अपराधियों के प्रस्तावों में इस तरह की मामूली और बेसिक स्तर की गलती करना इस तरफ भी इशारा करता है कि कहीं अपराधियों को फायदा पहुंचाने के लिए तो नहीं यह किया गया है. जानबूझ कर इस तरह की गलती जिलों में किस स्तर पर हुई है, इसकी समीक्षा भी पुलिस मुख्यालय कर रहा है. इसमें जो भी दोषी पाये जायेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. हाल में करीब 13 जिलों के जिन एसपी का तबादला किया गया है, उसके अन्य कारणों में यह भी एक प्रमुख कारण है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मोतीहारी के तत्कालीन एसपी का तबादला करके इन्हें समाज कल्याण विभाग में पदस्थापित करने के पीछे यह भी एक प्रमुख कारण है. सूत्र यह भी बताते हैं कि कई जिलों में इडी को प्रस्ताव भेजने के नाम पर बड़े स्तर पर उगाही का खेल भी चल रहा है. हालांकि इन बातों पर मुख्यालय की पैनी नजर बनी हुई है. और आने वाले दिनों में कई संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई भी हो सकती है.

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