Patna Metro Rail: पटना मेट्रो के कॉरिडोर टू में पाटलिपुत्र आइएसबीटी से पटना जंक्शन रूट पर 18 किमी लंबे अंडरग्राउंड रूट के लिए दो मेट्रो लाइनें तैयार होंगी. इसके लिए पटना जंक्शन से मलाही पकड़ी के पहले तक कटर कवर मिला कर टीबीएम (टनल बोरिंग मशीन) कुल 36 किमी (दो लेन में 18 किमी) की खुदाई करेगी. बाकी मलाही पकड़ी से पाटलिपुत्र बस स्टैंड तक का काम एलिवेटेड होगा. टनल खुदाई के उद्घाटन में पहुंचे डीएमआरसी के निदेशक (कार्य) दलजीत सिंह ने बताया कि पटना में उतारी गयी टनल बोरिंग मशीन अर्थ प्रेशर बैलेंस पर चलती है. शुरू में यह थोड़ी धीमी चलेगी. लेकिन, 15-20 दिनाें में जब यह काम पीक पकड़ लेगा, तब औसतन 10-15 मीटर रोजाना दूरी तय करेगी. एक किमी और 400 मीटर दूरी तय करके यूनिवर्सिटी में निकलेगी. एक महीने के अंतराल पर दूसरी टीबीएम भी मोइनुल हक स्टेडियम से चलनी शुरू होगी और एक महीने में दूसरे छोर पर पहुंच जायेगी. जब दोनों टीबीएम विवि से निकल जायेगी, तब उसे दोबारा दूसरे छोर से गांधी मैदान तक के लिए लांच किया जायेगा. इस टीबीएम को पीएमसीएच में नहीं निकाला जायेगा.
चार साल में टनल और पांच साल में स्टेशनों का काम होगा पूरा
पटना मेट्रो कार्य पूरा होने के सवाल पर निदेशक कार्य ने बताया कि दुनिया के बड़े देशों में मेट्रो का काम पूरा होनेमें सात से आठ साल तक लगते हैं. लेकिन, विकासशील देश होने से हम जल्द-से-जल्द अपने लक्ष्यों को पाना चाहते हैं. हम चार साल में टनल और पांच साल में स्टेशन का काम पूरा कर लेंगे. मेट्रो के लिए एयरकंडिशनिंग, सिग्निलिंग, ट्रैक, ट्रैक्शन और ऑटोमैटिक फेयर कलेक्शन गेट आदि तैयार कर उसे इंटीग्रेट करनेमें भी काफी वक्त लगता है. हालांकि, मेट्रों में किराया को लेकर अभी कोई आधिकारिक अपडेट नहीं दिया गया है.
दोनों टीबीएम गांधी मदान में निकलेंगी
दोनों टीबीएम ड्रेग थ्रू होते हुए गांधी मैदान में निकलेगी. फिर इसी स्टेशन के दूसरे छोर पर खुदाई शुरू होगी. इस तरह से दोनों टीबीएम अपना काम पूरा कर लेंगी. दो और टीबीएम इस पैकेज में हैं. एक गांधी मैदान से शुरू होकर पटना जंक्शन से पहले खत्म निकलेगी. इसके बाद मोइनुल हक स्टेशन के दूसरे छोर पर खुदाई का काम शुरू होगा और मलाही पकड़ी से पहले कटर कवर टनल में निकलेगी.