गोविंदपुर. तेज गर्मी से राहत पाने के लिए प्रखंड के थाली थाना क्षेत्र स्थित प्रसिद्ध ककोलत जलप्रपात पर सैलानियों की भारी भीड़ उमड़ रही है. हर दिन हजारों की संख्या में पर्यटक यहां शीतल जल का आनंद लेने पहुंच रहे हैं. लेकिन, भीड़ के सामने प्रशासन की व्यवस्था पूरी तरह फेल होती नजर आ रही है. सोमवार को ककोलत में सैलानियों की संख्या इसकी क्षमता से कई गुना अधिक हो गयी. परिणामस्वरूप पहलवान मोड़ से ककोलत तक करीब पांच किलोमीटर लंबा ट्रैफिक जाम लग गया. भीषण गर्मी में लोग घंटों फंसे रहे, रास्ते में पीने के पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं का भी टोटा रहा. जाम की मुख्य वजहों में अव्यवस्थित पार्किंग, थाली चौक पर दुकानों का अनियंत्रित संचालन, अव्यवस्थित ढंग से खड़े वाहन और ट्रैफिक पुलिस की गैरमौजूदगी प्रमुख रही. सैलानियों ने बताया कि बैरियर पर ही पार्किंग शुल्क वसूल लिया जाता है, जबकि अंदर जाकर वाहन खड़ा करने की जगह नहीं मिलती. चार घंटे से अधिक रुकने पर पार्किंग के नाम पर डबल चार्ज लिया जा रहा है.
होटलों में लूट जैसी स्थिति :
ककोलत परिसर में स्थित होटलों में खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतें मनमानी है. सैलानियों के अधिक भीड़ रहने पर एक बोतल गर्म पानी 25 से 30 में मिलता है. जबकि एक समोसा 20 और बेहद कम मात्रा में परोसा जाने वाला थाली भोजन 80 का है. होटल संचालकों का रवैया सैलानियों को खटक रहा है. लेना है तो लो, नहीं तो और ग्राहक हैं. जैसी बातें सुनने को मिलती है.
हालांकि, ककोलत में महिला व पुरुषों के लिए अलग चेंजिंग रूम, शौचालय, पार्क और सेल्फी प्वाइंट जैसी सुविधाएं विकसित की गयी हैं, लेकिन सुरक्षा, ट्रैफिक कंट्रोल जैसी मूलभूत व्यवस्थाओं पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है. कई पर्यटकों ने कहा कि सौंदर्यीकरण से पहले की व्यवस्था कहीं बेहतर थी, जब लोग खुद खाना बनाकर लाते थे और कम खर्च में ज्यादा आनंद लेते थे. पर्यटकों ने सुझाव दिया है कि ककोलत की यात्रा गर्मी के पीक सीजन में नहीं करें, वरना प्रकृति की गोद में सुकून की जगह तनाव मिल सकता है. साथ ही प्रशासन से मांग की गयी है कि भीड़ नियंत्रण, पार्किंग और मूलभूत सुविधाओं की ओर तुरंत ध्यान दिया जाए, ताकि यह लोकप्रिय स्थल बदनामी से बच सके.
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