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युवाओं में बढ़ रहा खादी का क्रेज

युवाओं में बढ़ रहा खादी का क्रेज खादी के प्रति लोगों का बदल रहा नजरियाउत्पादन व बिक्री दोनों में जिले का महत्वपूर्ण स्थानखादी प्रोडक्ट पर 25 प्रतिशत का दिया जा रहा छूटसूती कपड़ा के अलावा कॉस्मेटिक व ऊनी कपड़ों के भी कई रेंज उपलब्धजिला खादी ग्राम निर्माण मंडल का स्थान राज्य में बेहतरफोटो- 5प्रतिनिधि, नवादा […]

युवाओं में बढ़ रहा खादी का क्रेज खादी के प्रति लोगों का बदल रहा नजरियाउत्पादन व बिक्री दोनों में जिले का महत्वपूर्ण स्थानखादी प्रोडक्ट पर 25 प्रतिशत का दिया जा रहा छूटसूती कपड़ा के अलावा कॉस्मेटिक व ऊनी कपड़ों के भी कई रेंज उपलब्धजिला खादी ग्राम निर्माण मंडल का स्थान राज्य में बेहतरफोटो- 5प्रतिनिधि, नवादा (नगर)खादी के प्रति लोगों का नजरिया अब बदल रहा है. पहले बूढ़े-बुजुर्गों के पहनावा के रूप में खादी को देखा जाता था. लेकिन, बदलते दौर में युवा लड़के व लड़कियों का रुझान खादी के कपड़े व अन्य प्रोडक्ट की ओर बढ़ा है. जिले में ग्राम निर्माण मंडल द्वारा 12 खादी बिक्री केंद्र चलाये जा रहे हैं. इन स्थानों पर खादी व ऊनी कपड़ों के अलावा कॉस्मेटिक व अन्य उत्पादन भी आसानी से मिल जाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मन की बात कार्यक्रम में खादी प्रोडक्ट को खरीदने की आह्वान का असर दिखाई देता है. दो अक्तूबर गांधी जयंती के दिन स्कूल व कॉलेज के छात्र-छात्राएं भी काफी संख्या में खादी के प्रोडक्ट खरीदने के लिए दुकानों में पहुंचे थे. मिलता है छूट भीगांधी जयंती दो अक्तूबर से 31 मार्च तक खादी के सभी प्रोडक्ट पर 25 प्रतिशत की छूट दी जा रही है. विधानसभा चुनाव प्रचार प्रसार के दौरान भी खादी कपड़ों की अच्छी बिक्री देखी गयी. खादी को बढ़ावा देने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा कई प्रकार के कार्यक्रम चलाये जाते हैं. खादी के प्रति अब लोगों का नजरिया बदला है. दैनिक जीवन उपयोग होने वाले किसी भी प्रकार के खादी प्रोडक्ट को लोग अब अपनाने लगे हैं. अभिभावक व शिक्षक कर रहे जागरूकप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के बाद अब घरों में अभिभावक व स्कूल व कॉलेजों में शिक्षक भी खादी प्रोडक्ट खरीदने के लिए बच्चों को प्रोत्साहित कर रहे हैं. स्थानीय खादी दुकानदारों की माने, तो खादी के प्रोडक्ट को लेकर युवाओं की सोच में परिवर्तन आया है. वह अब किसी न किसी प्रकार के खादी प्रोडक्ट का इस्तेमाल करने को लेकर आगे आ रहे हैं. खादी दुकानदारों द्वारा भी अब युवा ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए कपड़ों को कलर फूल लुक दिया जा रहा है. रेडिमेड कुरता, पाजामा, बंडी, शर्ट आदि अब आसानी से दुकानों में कई वेराइटी में उपलब्ध हैं. इसके अलावा कॉस्मेटिक व घरेलू उपयोग में आने वाले कई हस्त निर्मित प्रोडक्टों की मांग भी बढ़ी है. खादी के रेंज में हुई वृद्धिनये दौर में मार्केट में बने रहने के लिए खादी प्रोडक्ट को भी इम्प्रूव किया गया है. खादी के कपड़ों में अब सूती खादी, मटका खादी, कटिया खादी, तसर, मूंगा, अंडी, मलवारी, मटका कटिया जैसे कई नये रेंज को विकसित किया गया है. इसके अलावा सूतों को 200 माइक्रो से भी महीन बनाने की नयी टेक्नोलॉजी इस्तेमाल किया जा रहा है. रेडिमेड कपड़ों की रेंज लाने से भी युवा वर्ग खादी की ओर आकर्षित हुए और खादी कपड़े के शर्ट व बंडी नये फैसन में दिखाई देते हैं. लड़कियों का रुझान भी खादी प्रोडक्ट कि ओर बढ़ा है. काफी संख्या में स्कूल व कॉलेज की लड़कियां खादी के रूमाल, दुपट्टा के अलावा साबुन, शैंपू व अन्य घरेलू उपयोग की समाग्रियों की खरीद के लिए दुकानों में पहुंच रही हैं. स्थानीय स्तर पर होता है निर्माणखादी के सूत व कपड़ों का निर्माण स्थानीय स्तर पर ही होता है. खनवां गांव में सौ सोलर चरखों की मदद से सूत काटने का काम ग्रामीण महिलाएं करती हैं. अगले कुछ दिनों में 50 नये सोलर चरखा खनवां गांव में लगाये जायेंगे. इसके अलावा कौआकोल सेखोदेवरा आश्रम, नारदीगंज, हिसुआ, वारिसलीगंज, पकरीबरावां, रजौली, रूपौ, लालबिगहा, काशीचक आदि स्थानों पर भी खादी कार सूता व कपड़ा निर्माण का काम किया जाता है. सूता बनाने के लिए कच्चा माल कपास, कॉटन, कोकून आदि स्थानीय महिलाओं को उपलब्ध कराया जाता है. इसके अलावा गया में अगरबत्ती, साबुन, शैंपू, च्यवनप्राश, आंवला तेल, सरसों तेल, शहद, चना सतू जैसे कई प्रोडक्ट का निर्माण किया जाता है. इसी प्रकार से जाड़े के लिए ऊनी प्रोडक्ट जैसे काला कंबल, रंगीन कंबल, ऊनी चादर, ऊनी शॉल, स्वेटर, बंडी आदि का निर्माण भी कारीगरों द्वारा किया जाता है. रोजगार सृजन का बड़ा माध्यमग्राम निर्माण मंडल का मुख्य उद्देश्य खादी के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को रोजगार से जोड़ना है. लोग रोजगार से जुड़ कर अपनी आर्थिक दशा को मजबूत करें. इसके लिए ग्राम स्तर पर महिलाओं व पुरुषों को सूत काटने व कपड़ा तैयार करने के क्रम से जोड़ा गया है. इसके अलावा अगरबत्ती निर्माण, साबुन निर्माण व अन्य प्रोडक्ट उत्पादन में आम लोगों का अधिक से अधिक सहयोग लिया जाता है. ऊनी वस्त्र भी उपलब्धखादी भंडार में जाड़े को ध्यान में रखते हुए ऊनी वस्त्रों का रेंज उपलब्ध कराया गया है. खासकर खादी भंडार में काला कंबल, ऊनी चादर, पटोरा, लोय आदि चर्चित प्रोडक्ट हैं. जिन्हें गांव-देहात में अब भी बड़ी मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा आधुनिक बाजार को ध्यान में रखते हुए रंगीन व चेक कंबल, ऊनी चादर, स्वेटर, बंडी, कश्मीरी व देशी दोनों वरायटियों के रेंज में उपलब्ध है. इन सभी प्रोडक्टों पर 25 प्रतिशत का छूट दिया जा रहा है. क्या कहते हैं अधिकारी खादी के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है. बिक्री भी पहले की अपेक्षा तेज हुई है. प्रधानमंत्री के आह्वान के बाद युवाओं में खादी को लेकर नजरिया बदला है. जिला में उत्पादन व बिक्री दोनों काम होता है. जाड़े को ध्यान में रखते हुए नये प्रोडक्ट भी उपलब्ध है. रेडिमेड रेंज बढ़ने से युवा खरीदार आ रहे है. कॉस्मेटिक व अन्य प्रोडक्ट की भी मांग होती है. अभी 25 प्रतिशत छूट का लाभ ग्राहकों को दिया जा रहा है. जयनारायण जयसवाल, व्यवस्थापक, ग्राम निर्माण मंडल, खादी ग्रामोद्योग समिति, नवादा

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