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जीवन रक्षक दवाओं की कमी
नवादा (सदर) : सदर अस्पताल में मिलने वाली दवाओं में कमी आयी है. ओपीडी व इनडोर में ढेर सारी दवाओं की सूची टांगी गयी है. परंतु, जीवन रक्षक बहुत सी दवाएं उपलब्ध नहीं है. इसमें जेंटामाइसिन, बी कंप्लेक्स, रेनोड, सेफिलोन, एक्लोफोर्स, हेमासीन सहित अन्य दवाएं शामिल है. आश्चर्य तो यह है कि इंजेक्शन देने के […]
नवादा (सदर) : सदर अस्पताल में मिलने वाली दवाओं में कमी आयी है. ओपीडी व इनडोर में ढेर सारी दवाओं की सूची टांगी गयी है. परंतु, जीवन रक्षक बहुत सी दवाएं उपलब्ध नहीं है. इसमें जेंटामाइसिन, बी कंप्लेक्स, रेनोड, सेफिलोन, एक्लोफोर्स, हेमासीन सहित अन्य दवाएं शामिल है.
आश्चर्य तो यह है कि इंजेक्शन देने के लिए सिरिंज व स्पिरिट तक सदर अस्पताल में नहीं है. हालांकि, वैसी दवाओं की आपूर्ति की जा रही है, जिसका जिसका आमतौर पर जरूरत ही नहीं है. इन व आउट डोर में मिला कर कुल 155 दवाओं में 97 दवाएं नहीं मिल रही है. इनमें से कई ऐसी दवाएं हैं, जिसकी जरूरत आये दिन महसूस होती रहती है. वैसे भी दवा रहने के बाद भी मरीजों को न कहने का तकिया कलाम अस्पताल कर्मी भी नहीं भूले हैं. अस्पताल में दवा रहे या न रहे, मरीज दवा बाहर के दुकानों से लाने का मन बना कर ही अस्पताल पहुंचते हैं.
एक-दो दिन की दवा मिलना मुश्किल
सरकार द्वारा गरीब मरीजों की सुविधा के लिए अस्पतालों में दवा उपलब्ध कराया जा रहा है. लेकिन, सरकारी अस्पताल में अगर एक-दो दिन की दवा भी मिल जाये तो खुशी होगी. सदर अस्पताल के साथ-साथ प्रखंडों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी दवाओं की किल्लत है.
वारिसलीगंज के चिकित्सा प्रभारी डॉ बिहारी लाल चौधरी व काशीचक प्रभारी डॉ वीरेंद्र कुमार ने बताया कि दवा की कमी तो है ही. हालांकि इन लोगों ने यह भी कहा कि दवा आनेवाली है, जिससे कमी को दूर किया जायेगा.
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