पकरीबरावां : प्रखंड मुख्यालय के विभिन्न क्षेत्रों में लू के कहर के साथ-साथ डायरिया का प्रकोप दिखने लगा है. मंगलवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पकरीबरावां में लगभग आधा दर्जन से अधिक डायरिया से पीड़ित लोगों का इलाज किया गया. इस दौरान प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एम जुबेर व डॉ अभिषेक राज सहित अन्य चिकित्सकों ने स्वास्थ्य केंद्र में रोगियों के इलाज के लिए डटे रहे. बताते चलें कि देर रात को ही तीन रोगियों को स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया. इनमें डायरिया के लक्षण पाये गये. इसके बाद से इलाके में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा हाइ अलर्ट जारी किया गया.
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लू के बाद पकरीबरावां में डायरिया का प्रकोप
पकरीबरावां : प्रखंड मुख्यालय के विभिन्न क्षेत्रों में लू के कहर के साथ-साथ डायरिया का प्रकोप दिखने लगा है. मंगलवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पकरीबरावां में लगभग आधा दर्जन से अधिक डायरिया से पीड़ित लोगों का इलाज किया गया. इस दौरान प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एम जुबेर व डॉ अभिषेक राज सहित अन्य चिकित्सकों ने […]
जैसे ही रोगी स्वास्थ्य केंद्र में पहुंच रहे हैं, उनका इलाज बिना समय गंवाये किया जा रहा है. जानकारी के अनुसार, डायरिया से ग्रसित रोगियों में छतरबार गांव के रहनेवाले विजय चौरसिया की पुत्री प्रीति कुमारी, मेघीपुर गांव के रहनेवाले कमलेश सिंह के पुत्र राहुल कुमार, पकरीबरावां गांव के रहनेवाले नरेश यादव की पत्नी नैना देवी, देवधा गांव के रहनेवाले मुंद्रिका सिंह के पुत्र रविंदर सिंह, लीलो गांव के रहनेवाले बाढो पंडित के पुत्र सिद्धेश्वर पंडित व प्रखंड मुख्यालय इलाके के रहनेवाले अनिल सिंह की पुत्री सिंपी कुमारी लू व डायरिया दोनों से ग्रसित हैं. इनका इलाज स्वास्थ्य केंद्र में किया जा रहा है.
क्या कहते हैं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी : प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एम जुबेर ने बताया कि रोगियों की समुचित इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग तत्पर है. रोगियों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो, इसकी खास नजर रखी जा रही है. उन्होंने कहा कि लू व डायरिया से बचने के लिए बिहार सरकार के द्वारा अलर्ट जारी किया गया है. लू व डायरिया से बचने को लेकर लोगों को स्वास्थ्य सहित अन्य विभागों की ओर कई निर्देशों को सार्वजनिक किया गया है.
उन्होंने कहा कि तपती धूप में लोग अपने-अपने घरों में ही रहे और लगातार नमक, चीनी व नींबू के रस के घोल का सेवन करते रहें. गौरतलब है कि डायरिया के आक्रांत के कारण मुख्यालय के लोगों को काफी चिंता सताने लगी है. बुद्धिजीवियों ने जिला प्रशासन से इस क्षेत्र में विशेष पहल किये जाने की मांग की है.
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