हिलसा (नालंदा) : सुंदर साहित्य एवं कला के माध्यम से ही मानव समाज का सर्वांगीण विकास संभव है. जहां का साहित्य जितना प्रखर होगा, वहां का समाज उतना ही विकसित होगा. बचपन से ही अगर बच्चों में कला एवं साहित्य के प्रति रुचि पैदा की जाये, तो उनमें अच्छे संस्कार जरूर आयेंगे. रविवार को स्थानीय एसयू काॅलेज के प्रांगण में मानव समाजसेवा सभा द्वारा आयोजित साहित्यिक संगोष्ठी सह कवि सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए चर्चित कवि चंद्र उदय एवं नालंदा के कवि राकेश ऋतुराज ने उक्त बातें कहीं.
उद्घाटन भाषण में साहित्यकार डाॅ राजीव नयन सिंह ने कहा कि कविता या गीत केवल मनोरंजन मात्र नहीं है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों का भी कुशल मार्गदर्शन करते हैं. कवि सम्मेलन में चर्चित कवि सियाशरण ने देशवा के शान रखिह गाकर उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. वहीं नालंदा गान गाकर कवि ऋतुराज ने लोगों का दिल जीत लिया. कवियत्री आशा मिश्रा ने भी अपनी कविताओं से सुंदर समाज की परिकल्पना पर बल दिया. कार्यक्रम के दौरान आठ बाल कवि समेत 15 साहित्यप्रेमियों को शाल देकर सम्मानित किया गया.