बिहारशरीफ : जिला न्यायालय के प्रथम त्वरित न्यायधीश राम प्रताप अस्थाना ने हत्या मामले में दोषी आरोपी प्रभुचंद मिस्त्री को आजीवन कारावास की सजा दी. इसके अलावा आरोपी को दस हजार रुपये जुर्माना भी अदा करना होगा. जिसे नहीं अदा करने पर दो वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.
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आरोपित को उम्रकैद
बिहारशरीफ : जिला न्यायालय के प्रथम त्वरित न्यायधीश राम प्रताप अस्थाना ने हत्या मामले में दोषी आरोपी प्रभुचंद मिस्त्री को आजीवन कारावास की सजा दी. इसके अलावा आरोपी को दस हजार रुपये जुर्माना भी अदा करना होगा. जिसे नहीं अदा करने पर दो वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. सत्र परिवाद संख्या 398/2010 के विचारण […]
सत्र परिवाद संख्या 398/2010 के विचारण के दौरान सजा निर्धारण पर अभियोजन पक्ष से एपीपी महेश सिंह यादव व कनीय मनोज कुमार अधिवक्ता ने बहस की थी. बताया जाता है कि गत 22 अप्रैल को आरोपी को कोर्ट ने पीडि़त जगदीश महतो के हत्या के आरोप में साक्ष्य सही पाते हुए दोषी करार किया था. जबकि इस मामले में एक अन्य आरोपी मोछू मियां को साक्ष्य के अभाव में रिहाई का आदेश दिया था. लहेरी थाना क्षेत्र के पहड़पुरा निवासी आरोपी प्रभुचंद मिस्त्री एक हाईवेयर दुकानदार है. जबकि पीडि़त बिहार थाना क्षेत्र के राजा कुआं निवासी जगदीश महतो चापाकल मिस्त्री है.
पीडि़त का आरोपी के पास 30 हजार रुपये बकाया था. जिसे वह अदा करने के लिए कह रहा था. आरोपी बार बार टाल मटोल कर रहा था. घटना के दिन नौ नवंबर 2002 को आरोपी ने पीडि़त को बुलाकर चापाकल बनाने के लिए लाया. रात तक पीडि़त के घर न वापस लौटने पर खोजबीन होने लगी. परंतु पता नहीं चला. सुबह बृजनंदन सिपाही ने शव बड़ी पहाड़ी में होने की सूचना दी. शव की पहचान कर पोस्टामार्टम कराने के बाद थाना में प्राथमिकी कराने गये परिवार वालों की प्राथमिकी थाना ने दर्ज नहीं की. अंतत: कोर्ट में हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया. जिसके विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष से एपीपी महेश सिंह यादव ने सात साक्षियों का परीक्षण किया था.
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