बिहारशरीफ : जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था को और भी सुदृढ़ बनाने के लिए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को टास्क मिलेंगे. गुरुवार को सदर अस्पताल के सभागार में मासिक समीक्षा बैठक होगी. इस बैठक में जिले में हो रही क्रियान्वित योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की जायेगी. डीएम डॉ त्यागराजन स्वास्थ्य योजनाओं की प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र वार उपलब्धियों की समीक्षा करेंगे.
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जिला स्वास्थ्य योजनाओं की आज होगी समीक्षा
बिहारशरीफ : जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था को और भी सुदृढ़ बनाने के लिए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को टास्क मिलेंगे. गुरुवार को सदर अस्पताल के सभागार में मासिक समीक्षा बैठक होगी. इस बैठक में जिले में हो रही क्रियान्वित योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की जायेगी. डीएम डॉ त्यागराजन स्वास्थ्य योजनाओं की प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र वार […]
उम्मीद जतायी जा रही है कि जिस पीएचसी की उपलब्धि संतोषजनक नहीं पायी जायेगी तो संबंधित पीएचसी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को बेहतरी करने के लिए टास्क दिये जायेंगे. साथ ही जिन अस्पतालों की उपलब्धित संतोषजनक पायी गयी तो वहां के प्रभारी को उपलब्धियों में और बेहतर बनाने की दिशा में टास्क मिलेगा.
ताकि सरकार की ओर से चलायी जा रही स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ मरीजों को समय पर सुलभ तौर पर मिल सके.सिविल सर्जन डॉ.सुबोध प्रसाद सिंह ने बताया कि जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों ,रेफरल अस्पताल के प्रभारी तथा सदर अस्पताल व अनुमंडलीय अस्पतालों के उपाधीक्षकों को निर्देश दिया गया है.
कि समय पर बैठक में भाग लेने को कहा है.इसके अलावा डब्लूएचओ के अधिकारी,सीडीपीओ व स्वास्थ्य संस्थानों से जुड़े सभी कर्मचारियों को भी भाग लेने के लिए कहा गया है.सीएस डॉ.सिंह ने बताया कि इस समीक्षा बैठक में अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी,जिला मलेरिया पदाधिकारी,जिला यक्ष्मा पदाधिकारी,जिला कालाजार की सलाहकार,जिला एपिडेमियोलॉजिस्ट,जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक व बीसीएम भी इस बैठक में भाग लेंगे.बैठक में जिले की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को और भी सुदृढ़ बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाये जाने के बारे में भी रणनीति बनायी जायेगी.
जिला प्रतिरक्षण विभाग के कार्यों की भी होगी समीक्षा
इस मासिक बैठक में जिला प्रतिरक्षण विभाग के कार्यों की भी बिन्दु वार समीक्षा की जायेगी.जिले में प्रतिरक्षण की वर्तमान स्थिति पर भी जांच परख की जायेगी और प्रतिरक्षण की उपलब्धि बढ़ाने की दिशा में भी रणनीति बनायी जायेगी.ताकी अधिक से अधिक बच्चों को प्रतिरक्षण कर जानलेवा बीमारियों से बचाया जा सके.जब प्रतिरक्षण की उपलब्धि अच्छी होगी तो शिशु-मातृ मृत्यु दर में भी कमी आयेगी.
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