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संक्रमण फैला सकते हैं रोगी जागरूकता. विकलांगता का समय पर इलाज कराएं
एसएलओ ने किया हरनौत व गिरियक पीएचसी का निरीक्षण बिहारशरीफ : समय पर इलाज कराके कुष्ठ विकलांगता से बचें रोगी.बीमारी का इलाज नहीं कराने पर समाज में रहने वाले लोगों के बीच संक्रमण फैला सकते रोग से संक्रमित व्यक्ति.अतएव जागरूकता के साथ बीमारी की चिकित्सा करायें और रोग मुक्त हों.इलाज में हरगिज लापरवाही नहीं बरती […]
एसएलओ ने किया हरनौत व गिरियक पीएचसी का निरीक्षण
बिहारशरीफ : समय पर इलाज कराके कुष्ठ विकलांगता से बचें रोगी.बीमारी का इलाज नहीं कराने पर समाज में रहने वाले लोगों के बीच संक्रमण फैला सकते रोग से संक्रमित व्यक्ति.अतएव जागरूकता के साथ बीमारी की चिकित्सा करायें और रोग मुक्त हों.इलाज में हरगिज लापरवाही नहीं बरती जाय.लेप्रोसी साध्य रोग है जो समय चिकित्सा कराने से ठीक हो जाता है.स्टेट लेप्रोसी निवारण पदाधिकारी(एसएलओ)डॉ.विजय कुमार पांडेय ने यह हिदायत रोगियों को दी.एसएलओ डॉ.पांडेय मंगलवार को नालंदा पहुंचे और जिले में चलाये जा रहे लेप्रोसी केस डिडेक्शन कंपेन की समीक्षा की.
दो अस्पतालों का निरीक्षण कर की एलसीडीसी की समीक्षा
एसएलओ डॉ.विजय कुमार पांडेय ने नालंदा जिले के दो प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का भी निरीक्षण किया.उन्होंने इस दौरान हरनौत प्राथमिक स्वास्थ्य एवं गिरियक पीएचसी गये.जहां पर एलसीडीसी कार्यक्रम की समीक्षा.समीक्षा के दौरान उन्होंने दोनों पीएचसी में एलसीडीसी के कार्यों पर संतोष जताया. कर्मियों को राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम को शत प्रतिशत सफल बनाने के लिए काम करने को कहा.खासकर जो कर्मी इस अभियान में लगे हैं,वैसे लोग विशेष ध्यान दें कि हर घर में दस्तक दें.
8 सौ से लेकर 1050 रुपये मिलेंगे
एसएलओ डॉ.विजय कुमार पांडेय ने कहा कि एलसीडीसी में मरीजों को खोज करने में लगी आशा को प्रोत्साहन राशि विभाग की ओर से दी जायेगी.एक नये मरीज की खोज करने से लेकर इलाज तक की अवधि में मदद करने के एवज में संबंधित आशा को आठ सौ लेकर एक हजार पचास रुपये उपलब्ध कराये जायेंगे.यह राशि हरेक रोग के हिसाब से भुगतान किया जायेगा.डॉ.पांडेय ने बताया कि यदि कोई आशा पीबी केस की खोज करती हैं तो उन्हें मरीज की खोज से लेकर इलाज तक के लिए 800 व एमबी रोगी के लिए 1050 रुपये दिये जायेंगे.सरकार की ओर से दी जाने वाली राशि का भुगतान आशा के बैंक खातों पर किया जायेगा.उन्होंने बताया कि कुष्ठ विकलांगता का भी इलाज विभाग की ओर से मुफ्त किया जाता है. यानी की कुष्ठ विकलांग मरीजों का ऑपरेशन किया जाता है. यह सेवा भी नि:शुल्क दी जाती है. इस मौके पर जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी डॉ.रविन्द्र कुमार ने बताया कि जिले के हर प्रखंड में इन दिनों सफलता व तत्परतापूर्वक एलसीडीसी चलाया जा रहा है.नये मरीजों की खोजबीन की जा रही है.कई प्रखंडों में नये मरीज प्रतिवेदित हुए हैं. प्रतिवेदित मरीजों की चिकित्सा की जायेगी.उन्हें एमडीटी की दवा उपलब्ध करायी जायेगी.
नालंदा को कुष्ठ मुक्त बनाने में अहम भूमिका निभाएं
एलसीडीसी कार्यक्रम के दौरान नये मरीजों की खोज कर उन्हें इलाज कराकर रोग मुक्त बनाने में कर्मी लोग अपनी अहम भूमिका निभायें.जब चिंहित रोगियों का समय पर इलाज होगा तो संबंधित मरीज रोग मुक्त होंगे.इससे नालंदा समेत सूबे को कुष्ठ मुक्त बनाने में राज्य कुष्ठ निवारण विभाग को मदद मिलेगा.होम सर्च अभियान के दौरान लोगों के शारीरिक जांच के दौरान किसी व्यक्ति में इस रोग का लक्षण मिले तो उसे तुरंत चिकित्सीय जांच के लिए निकट के अस्पताल में रेफर करें.जहां पर उसकी जांच की जांच कर कुष्ठ की पुष्टि होने पर इलाज किया जा सके.
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