हिलसा : दुष्कर्म पीड़िता आत्महत्या की घटना में चौतरफा विरोध प्रदर्शन हो रहा है. कहीं स्कूली बच्चियों ने काली पट्टी बांध कैंडिल जलाकर मृतका को इनसाफ दिलाने की मांग कर रहे तो कहीं राजनीति पार्टी द्वारा घटना में दोषी पुलिस पदाधिकारियों पर कार्रवाई व आरोपित को फांसी की सजा कि मांग कर रहे हैं. बीते […]
हिलसा : दुष्कर्म पीड़िता आत्महत्या की घटना में चौतरफा विरोध प्रदर्शन हो रहा है. कहीं स्कूली बच्चियों ने काली पट्टी बांध कैंडिल जलाकर मृतका को इनसाफ दिलाने की मांग कर रहे तो कहीं राजनीति पार्टी द्वारा घटना में दोषी पुलिस पदाधिकारियों पर कार्रवाई व आरोपित को फांसी की सजा कि मांग कर रहे हैं. बीते चार दिन पूर्व दुष्कर्म की घटना से आहत पीड़िता ने खुदकुशी की घटना ने ना सिर्फ हिलसा शहर को शर्मनाक किया है. बल्कि जिले को झकझोर कर रख दिया है.
धीरे-धीरे लोग मृतका की इंसाफ के लिए सड़क पर उतरने लगे हैं.
घटना के विरोध में मंगलवार को हिलसा शहर के सैकड़ों स्कूली बच्चियों ने मुंह पर काली पट्टी बांध कैंडिल मार्च निकाली और हाथ में लिए तख्तिया के माध्यम से मृतका को इंसाफ दिलाने और लड़कियों को सुरक्षा प्रदान करने की मांग कर रही थीं.
मार्च शहर के बिहारी रोड से निकल कर विभिन्न मार्गों पर भ्रमण कर पुलिस अंकल मृतका को इंसाफ दिलाओ, आरोपियों को गिरफ्तार करो. हम सब की सुरक्षा करो जैसे नारे लगाये. मार्च में समाजसेवी गुड्डू आलम,अनिल कुमार भारती,अशोक कुमार सुमन,आलोक कुमार,स्मिता कुमारी,नीतू कुमारी समेत गणमान्य नागरिक मौजूद थे. वहीं दूसरी ओर घटना के विरोध में भाकपा माले के बैनर तले विरोध मार्च निकाला, जो काली स्थान से निकल कर योगीपुर मोड़ पहुंचकर सभा में बदल गया. सभा को संबोधित करते हुए माले नेताओं ने कहा कि सरकार महिला सशक्तिकरण की झूठा ढोल पिट रही है और महिला की इज्जत सम्मान की सुरक्षा की झूठी राग अलापते नीतीश कुमार नहीं थक रहे हैं. जबकि सच्चाई यह है कि महिला सुरक्षित नहीं है. दिन प्रतिदिन हत्या,छेड़खानी,बलात्कार की घटना हो रही है. जिसका जीता जागता उदाहरण हिलसा की जनता के सामने है. बीते आठ मार्च को हिलसा ब्लॉक कॉलोनी में एक किशोरी के साथ दुष्कर्म हुआ और मामला दर्ज के 16 दिन बाद तक पुलिस आरोपी पर कार्रवाई के नाम पर टालमटोल करती रही. मजबूर होकर पीड़िता ने 24 मार्च को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. उसके बाद भी आरोपी को पुलिस नहीं पकड़ रही है. नेताओं ने मांग किया घटना में दोषी पुलिस पदाधिकारियों पर कार्रवाई और आरोपी को अविलंब गिरफ्तार किया जाये. नहीं तो बाध्य होकर माले आंदोलन को तेज करेगी. मार्च में चुन्नू चंद्रवंशी, दिनेश यादव, अशोक पासवान आदि नेता शामिल थे.