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विद्यालय में विषयवार शिक्षक भी नहीं

अनदेखी. जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर हैं पटेल हाइस्कूल के छात्र खपरैल के तीन कमरे हो चुके हैं अनुपयोगी बिहारशरीफ : जिले के पुराने विद्यालयों में सुमार पटेल हाईस्कूल बिहारशरीफ वर्तमान में कई समस्याओं से जुझ रहा है. विद्यालय के जर्जर भवन अब छतों का बोझ उठाने में असमर्थ हो रहे हैं. भवन के […]

अनदेखी. जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर हैं पटेल हाइस्कूल के छात्र

खपरैल के तीन कमरे हो चुके हैं अनुपयोगी
बिहारशरीफ : जिले के पुराने विद्यालयों में सुमार पटेल हाईस्कूल बिहारशरीफ वर्तमान में कई समस्याओं से जुझ रहा है. विद्यालय के जर्जर भवन अब छतों का बोझ उठाने में असमर्थ हो रहे हैं. भवन के प्रथम तल्ले पर बने खपरैल के कमरों के छप्पर गिर रहे हैं. विद्यालय द्वारा अब इन कमरों में पढ़ाई बंद कर दी गयी है. इसी प्रकार अभिभावकों व शिक्षाप्रेमियों के सहयोग से बनाया जा रहा हॉल की नंगी दीवारों को वर्षों से छत मयश्शर नहीं हुआ है.
विद्यालय के ग्राउण्ड फ्लोर के कुछ कमरों में पढ़ाई होती है. उपर के एक कमरे में प्रयोगशाला तथा दूसरे कमरे में पुस्कालय संचालित किये जाते हैं. विद्यालय में कमरों की कमी के कारण छात्रों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है. उल्लेखनीय है कि विद्यालय में शहरी तथा ग्रामीण दोनो परिवेश के विद्यार्थी पढ़ने आते हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में पतुआना, राजाकु आं, वासवन विघा, उपरावां आदि के विद्यार्थियों ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र का विद्यालय होने के कारण इन गांवों के विद्यार्थियों की यह पहल पसंद है, लेकिन कम सुविधाओं के कारण बड़ी संख्या में विद्यार्थी अन्य विद्यालयों में भी नामांकन कराते हैं.
विद्यालय के पुराने शिक्षक एक–एक कर रिटायर होते गये और उस अनुपात में विद्यालय को नये शिक्षक नहीं मिलने से यहां कई विषय के शिक्षक नहीं हैं. विद्यालय के छात्र सोनु कुमार, रामजतन कुमार, सुमीत, सुनील, नीतीश आदि ने बताया कि विद्यालय में हिंदी, अंग्रेजी, समाज अध्ययन के साथ–साथ लायब्रेरियन तथा संगीत शिक्षक भी नहीं है. इसके कारण विद्यालय में छात्रों को इन विषयों की पड़ाई ट्यूशन–कोचिंग के माध्यम से पूरी करनी पड़ती है.
विद्यालय में नहीं है खेल का मैदान :–
छोटे से भूखंड पर विद्यालय की स्थापना होने के कारण विद्यालय के पास कोई खेल का मैदान नहीं है. इसके कारण विद्यालय के छात्रों को छोटे से परिसर में ही इंडोर गेम खेलकर मन बहलाना पड़ता है. विद्यालय मे छात्र आयूष राज, धर्मवीर, कुलजीत, अविनाश कुमार, शौरभ आदि ने बताया कि विद्यालय में शारीरिक शिक्षक भी मौजूद हैं, लेकिन खेल का मैदान तथा जीम आदि की व्यवस्था नहीं रहने के कारण उन्हें खेल–कूद से मूंह मोड़ना पड़ता है.
क्या कहती हैं एचएम
भवन निर्माण के लिए कई बार मापी की गयी है, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ है. स्कूल अवधी में ही शहर में ट्यूशन–कोचिंग चलने के कारण विद्यार्थी दुविधा में पड़ जाते हैं. इससे विद्यालयों की पढ़ाई प्रभावित होती है.
– गजाला तबस्सुम, प्रधानाध्यापिका, पटेल हाइस्कूल बिहारशरीफ
स्कूल में मौजूद सुविधाएं
भवन – जर्जर
उपस्कर – अपर्याप्त
बिजली – है
पेयजल – एकमात्र चापाकल
शौचालय – चार
पुस्तकालय – है
प्रयोगशाला – है
खेल का मैदान – नहीं है
चहारदीवारी – है
शिक्षक – छह
विद्यार्थी – 153

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