बिहारशरीफ : समय पर इलाज कराने से लेप्रोसी की बीमारी पूरी तरह से ठीक हो जाती है. लक्षण मिलते ही मरीज निकट के अस्पतालों में जाकर दाग की जांच करायें. अगर शरीर के किसी अंग में उभरे तांबे रंग का दाग दिखायी दे तो उसका तुरंत चिकित्सीय जांच अवश्य करायें. ताकि बीमारी का समय पर इलाज किया जा सके. दाग के साथ उसमें सुनापन हो तो वह लेप्रोसी हो सकती है.
यह बातें डेमियन फाउंडेशन ट्रस्ट के प्रेसीडेंट व प्रसिद्ध लेप्रोलॉजिलस्ट डॉ पी कृष्णमूर्ति ने यह हिदायत गिरियक पीएचसी में को मरीजों को दी. डॉ कृष्णमृर्ति इन दिनों चार दिवसीय दौरे पर नालंदा में हैं. वे जिले में चिंहित लेप्रोसी के मरीजों की अद्यतन स्थिति की जानकारी ले रहे हैं और इस बीमारी की रोकथाम व लोगों को इससे बचाव के बारे में जानकारी देने में लगे हैं. लेप्रोलॉजिलस्ट डॉ.पी कृष्णमूर्ति ने नगरनौसा व गिरियक प्रखंडों में कुल 47 लेप्रोसी मरीजों की जांच की.
डीएलओ डॉ.कुमार ने बताया कि एलसीडीसी के दौरान जिले में कुल 226 मरीज चिंहित किये गये थे. जिसमें से सबसे अधिक नगरनौसा प्रखंड क्षेत्र में 28 मरीजों की पहचान हुई थी. नगरनौसा पीएचसी के अंतर्गत पहचान किये गये मरीजों को पीएचसी में बुलाकर नौ नवम्बर को जांच की गयी. जो मरीज किसी कारणवश पीएचसी में नहीं पहुंच पाये थे. संबंधित शेष मरीजों के घर गुरुवार को जाकर उसकी जांच की गयी. डीएलओ डॉ. कुमार व जिला लेप्रोसी निवारण विभाग के चिकित्सा पर्यवेक्षक उमेश प्रसाद ने बताया कि गिरियक प्रखंड में एलसीडीसी के दौरान 19 मरीज चिह्नित किये गये थे.