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भोलापुर में कालाजार के मरीज नहीं

पिछले साल मिले थे 36 मरीज,जिले में केवल तीन हैं रोगी गत साल इस्लामपुर प्रखंड में कालाजार के मरीज आये दिन मिल रहे थे. सबसे अधिक इस्लामपुर के भोलापुर गांव में मरीजों की पहचान हुई थी. लेकिन इस बार जिला स्वास्थ्य विभाग ने काफी तत्परता दिखायी. जिसका परिणाम है कि इस बार भोलापुर गांव में […]

पिछले साल मिले थे 36 मरीज,जिले में केवल तीन हैं रोगी

गत साल इस्लामपुर प्रखंड में कालाजार के मरीज आये दिन मिल रहे थे. सबसे अधिक इस्लामपुर के भोलापुर गांव में मरीजों की पहचान हुई थी. लेकिन इस बार जिला स्वास्थ्य विभाग ने काफी तत्परता दिखायी. जिसका परिणाम है कि इस बार भोलापुर गांव में कालाजार बीमारी दस्तक तक नहीं दे पायी. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की इस गांव पर पैनी नजर थी.
बिहारशरीफ : जिले में इस वर्ष अभी तक कालाजार के मात्र तीन मरीज पाये गये हैं. जो की पिछले साल की तुलना में काफी कम है. यह जिलेवासियों के लिए भी अच्छी बात है. अब तक जो तीन मरीज मिले हैं उसमें से दो मरीज हिलसा प्रखंड क्षेत्र में पाये गये हैं जबकि एक मरीज इस्लामपुर प्रखंड क्षेत्र में. पिछले साल सबसे अधिक मरीज इस्लामपुर प्रखंड क्षेत्र में ही पहचान किये गये थे. गत साल इस्लामपुर प्रखंड में कालाजार के मरीज आये दिन मिल रहे थे.
सबसे अधिक इस्लामपुर के भोलापुर गांव में मरीजों की पहचान हुई थी. लेकिन इस बार जिला स्वास्थ्य विभाग ने काफी तत्परता दिखायी. जिसका परिणाम है कि इस बार भोलापुर गांव में कालाजार बीमारी दस्तक तक नहीं दे पायी. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की इस गांव पर पैनी नजर थी. प्रत्येक घर में निगरानी के तहत डीडीटी का सघन रूप से छिड़काव किया गया.
गत साल मिले थे जिले में 81 मरीज
वर्ष 2015 में जिले में कुल 81 मरीज मिले थे. जिसमें से सबसे अधिक इस्लामपुर प्रखंड क्षेत्र में 42 मरीज पाये गये थे. इन 42 में से 36 मरीज सिर्फ भोलापुर गांव में पाये गये थे.एक-एक घर में दो से तीन सदस्य इस बीमारी की चपेट में आ गये थे.उस वक्त गांव के लोग परेशान दिख रहे थे.
केंद्रीय टीम भी पहुंची थी भोलापुर
कालाजार के इतने मरीज एक गांव में चिहिंत होने से आम लोग से लेकर जिला स्वास्थ्य महकमा से लेकर केन्द्रीय दल पूरी तरह से पिछले साल सजग हो गये थे.केन्द्रीय टीम भोलापुर गांव पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया था. जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम भोलापुर में कैंप की थी. इसके बाद गांव में सामान्य स्थिति धीरे -धीरे हो गयी थी. लेकिन इस साल भोलापुर वासियों के लिए अब तक अच्छा साबित हुआ है. भगवान का शुक्रगुजार है और स्वास्थ्य महकमा की कड़ी मेहनत की वजह से इस बार एक भी मरीज यहां नहीं पाया गया है. पिछले माह चलाये गये अभियान के दौरान भोलापुर गांव में प्रत्येक घर में सघन रूप से केटीएस की निगरानी में डीडीटी का छिड़काव किया गया.
इस साल यहां मिले हैं मरीज
चालू वर्ष 2016 में जिले में अभी तक मात्र तीन मरीज ही कालाजार के मिल पाये हैं. तीन में से दो मरीज हिलसा प्रखंड क्षेत्र में चिहिंत किये गये हैं. जिसमें से हिलसा के धरमपुर गांव में एक व महदीपुर में एक मरीज हैं. जहां पिछले साल इस्लामपुर प्रखंड क्षेत्र कालाजार के लिए एक तरह से केन्द्र बना था. इस बार मात्र एक मरीज पाया गया है. इस्लामपुर के मखदुमपुर गांव में कालाजार के एक मरीज पाया गया है. उक्त मरीजों का जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से इलाज किया जा चुका है. उक्त चिहिंत मरीजों को दवा उपलब्ध करायी जा चुकी है. मरीज अब पूरी तरह से स्वस्थ हैं.
जहां मिले हैं मरीज वहां फिर से करें छिड़काव
इस साल जिले के जिस क्षेत्र में अब तक तीन मरीज मिले हैं. उस क्षेत्र में बालूमक्खी की लार्वा को मारने के लिए सिविल सर्जन डा.ॅ सुबोध प्रसाद सिंह ने ठोस कदम उठाते हुए जिला मलेरिया विभाग के अधिकारी को निर्देश दिया है कि संबंधित गांव में पुन: डीडीटी का सघन रूप से छिड़काव करें. यह कार्य अविलंब सुनिश्चित की जाय. इस काम में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती जाय.छिड़काव का प्रतिवेदन उपलब्ध कराने को भी कहा गया है.
साल में दो बार होता है डीडीटी छिड़काव
इस संबंध में जिला मलेरिया विभाग की सलाहकार रीना कुमारी ने बताया कि कालजार से बचाव व रोकथाम के लिए साल में दो बार डीडीटी का छिड़काव किया जाता है. इस बार पहले चरण का छिड़काव किया जा चुका है. जिले के 12 प्रखंडों के 41 गांवों में माइक्रोप्लान के तहत छिड़काव दल के सदस्यों ने डीडीटी का छिड़काव किया. छिड़काव कार्य 10 मार्च से लेकर तीन मई तक किया गया.

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