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थाने ने जब्त सामान की सूची कोर्ट में सौंपी

बिहारशरीफ : जिला न्यायालय के पाक्सो स्पेशल सह एडीजे प्रथम रश्मि शिखा के कोर्ट में महिला थानाध्यक्ष ने दुष्कर्म कांड के आरोपित विधायक राजबल्लभ की जब्त संपत्ति की सूची का प्रतिवेदन सौंपा. आरोपित पक्ष के वकील कमलेश कुमार अधिवक्ता ने जब्त सामान को मुक्त करने के लिए कोर्ट से आदेश देने का अनुरोध करते हुए […]

बिहारशरीफ : जिला न्यायालय के पाक्सो स्पेशल सह एडीजे प्रथम रश्मि शिखा के कोर्ट में महिला थानाध्यक्ष ने दुष्कर्म कांड के आरोपित विधायक राजबल्लभ की जब्त संपत्ति की सूची का प्रतिवेदन सौंपा.
आरोपित पक्ष के वकील कमलेश कुमार अधिवक्ता ने जब्त सामान को मुक्त करने के लिए कोर्ट से आदेश देने का अनुरोध करते हुए बहस किया. ज्ञात हो कि आरोपित की गिरफ्तारी और सरेंडर न होने पर 28, 29 फरवरी तथा 01 मार्च को पथरा इंग्लिस, मुफस्सिल व अनीशाबाद पटना स्थित आवासों में कुर्की जब्ती की गयी थी. सरेंडर के पास आरोपी के वकील कमलेश कुमार व सहयोगी वीरमणी कुमार ने 14 मार्च को जब्ती सामान मुक्ति के लिए कोर्ट से आदेश मांगा था. थाना के कोर्ट आदेश पर कोई कार्रवाई करने पर आज प्रतिवेदन सौंपा. थाना आइओ ने कहा कि मुझे सामानों को मुक्त करने में कोई आपत्ति नहीं है.
वहीं अभियोजक पक्ष से एपीपी कैसर इमाम ने सामानों को तुरंत मुक्त करने का विरोध करते हुए बहस किया कि यदि चिपकाये इश्तेहार की अवधि में आरोपित नहीं उपस्थित होता तो धारा 85(2) के अधीन सरकार उसकी संपत्ति को सरकारी संपत्ति घोषित कर विक्रय कर सकती है, परंतु इसके लिए छह माह की अवधि आवश्यक है, जिससे ज्ञात हो कि इसका अन्य कोई दावा कर्ता नहीं है. न्यायाधीश आवश्यक जांच पड़ताल के बाद जब्त सामानों को मुक्त करने का आदेश निर्गत किया.
अंगरक्षक के बयान के लिए अर्जी :
महिला थाना आइओ ने कोर्ट में अंगरक्षक के बयान की अर्जी दी है. विधायक के अंगगरक्षक की धारा 164 के तहत बयान कराया जायेगा. कोर्ट ने डायरी की मांग की.
विधायक का हो सकता है टीआइ परेड :
आरोपी विधायक का हाई स्कूल परीक्षा खत्म होने के बाद टीआइ परेड हो सकता है. उसकी तिथि निर्धारित शीघ्र की जा सकती है. टीआइ परेड का अर्थ टेस्ट आइडेंटिफिकेशन परेड. यह जेल में जेलर तथा कोर्ट के आदेश पर नियुक्त मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में पीडि़ता आरोपी की पहचान करती है. इसके तहत समान रूप रंग के व्यक्ति को खड़ा किया जाता है. जिसमें आरोपी की पहचान करनी है और उसकी रिपोर्ट नियुक्त मजिस्ट्रेट करेंगे. बिना परेड न्याय प्रभावित हो सकता है.

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