राजगीर (नालंदा) : आयुध फैक्टरी रोड में विस्थापित टोला के पास मंगलवार की शाम सड़क दुर्घटना में एक युवक की मौत हो गयी थी. इससे गुस्साये ग्रामीणों ने बुधवार को राजगीर-गिरियक स्टेट हाइवे-71 को पांच घंटे तक जाम रखा. मौके पर पहुंची पुलिस व प्रशासन पर भी ग्रामीणों ने जमकर गुस्सा निकाला और नारेबाजी की. सड़क जाम करने में किशोर व युवा से लेकर महिलाएं तक शामिल थीं. सभी के हाथों में डंडे थे. ग्रामीणों ने बताया कि मंगलवार की शाम को विस्थापित टोले के रहने वाले अमीरक राजवंशी का छोटा बेटा 19 वर्षीय चरणजीत राजवंशी की मौत ट्रैक्टर से कुचल जाने से हो गयी थी.
ग्रामीणों ने बताया कि चरणजीत मंगलवार की शाम को राजगीर से बाइक से अपने घर आ रहा था. विस्थापित टोले के पास ही पीछे से आ रहे ट्रैक्टर ने उसे रौंद डाला, जिससे उसकी मौत हो गयी. हालांकि ट्रैक्टर का ड्राइवर गाड़ी लेकर भागने में सफल रहा. घटना के बाद प्रशासन का कोई अधिकारी नहीं आया. हालांकि ग्रामीणों ने उस समय चरणजीत को किसी तरह अनुमंडलीय अस्पताल ले गये, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया. लोगों ने बताया कि अनुमंडलीय अस्पताल से पोस्टमार्टम कराने के लिए अस्पताल प्रबंधन एंबुलेंस नहीं दे रहा था. ग्रामीणों ने जब अस्पताल में हंगामा किया तब जाकर एंबुलेंस दी गयी, जिससे शव को सदर अस्पताल बिहारशरीफ भेजा गया. मृतक का शव जाम के दौरान ही बिहारशरीफ से बुधवार की सुबह नौ बजे आया. शव के आने पर वहां का माहौल और भी गमगीन हो गया. महिला हों या पुरुष सभी की आंखें छलक आयीं. वहीं जाम की सूचना पाकर बीडीओ रज्जन लाल निगम, सीओ उमेश पर्वत, थानाध्यक्ष विजेंद्र कुमार घटनास्थल पर पहुंचे. घंटों तक लोगों को समझाया, तब जाकर लोग माने. मुखिया मंजु देवी के आने के बाद बीडीओ ने पीड़ित परिवार के सदस्य को पारिवारिक लाभ योजना के तहत बीस हजार रुपये का चेक दिया. इसके अलावा कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत तीन हजार रुपये दिये गये. जाम कर रहे ग्रामीणों का कहना था कि राजगीर-गिरियक रोड में विस्थापित टोले के पास आये दिन घटना होती है. इसके बाद भी प्रशासन कोई ध्यान नहीं देता है. ग्रामीणों ने सड़क पर रोड ब्रेकर बनाने की मांग की और कहा कि घटना के बाद तुरंत प्रशासन आये, ताकि लोगों का दुखड़ा सुन सके.