बिहारशरीफ : सभी घरों के हर सदस्य की हो जांच. जांच से एक भी घर व सदस्य नहीं छूट पाएं. तत्परता के साथ काम करें और सरकार की महत्वकांक्षी योजना को सफलीभूत बनाएं, ताकि नालंदा को पूरी तरह से कुष्ठ रोग से मुक्त बनाया जा सके. यह तभी संभव है जब खोजी दल के सदस्य […]
बिहारशरीफ : सभी घरों के हर सदस्य की हो जांच. जांच से एक भी घर व सदस्य नहीं छूट पाएं. तत्परता के साथ काम करें और सरकार की महत्वकांक्षी योजना को सफलीभूत बनाएं, ताकि नालंदा को पूरी तरह से कुष्ठ रोग से मुक्त बनाया जा सके. यह तभी संभव है जब खोजी दल के सदस्य व कर्मी समर्पण की भावना से काम करेंगे. सोमवार को राज्य कुष्ठ निवारण विभाग की टीम के अधिकारियों ने यह हिदायत कर्मियों को दी. इससे पहले दो सदस्यीय राज्यस्तरीय टीम नालंदा पहुंची.
राज्यस्तरीय लेप्रोसी टीम में शामिल अधिकारियों ने बिहारशरीफ पहुंचे और जिला कुष्ठ निवारण कार्यालय में अधिकारी व कर्मियों के साथ बैठक की. इस दौरान सरकार की ओर से चलाये जा रहे लेप्रोसी केस डिडक्शन कंपेन की उपलब्धियों की समीक्षा की. टीम के अधिकारी डॉ चंद्रमणि व पर्यवेक्षक शंभुनाथ तिवारी ने जिले के पीएचसीवार एलसीडीसी की उपलब्धियों की समीक्षा की. समीक्षा के दौरान जिले के कई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की उपलब्धि संतोषजनक नहीं पायी.
इस संबंध में संबंधित पीएचसी में इसकी उपलब्धि को बढ़ाने की दिशा में कारगर कदम उठाने का निर्देश दिया गया. डॉ चंद्रमणि ने बताया कि बिहारशरीफ शहरी, गिरियक, हिलसा, एकंगरसराय आदि प्रखंडों की एलसीडीसी की उपलब्धि को संतोषजनक नहीं पाया.
इन पीएचसी में अविलंब उपलब्धि को बढ़ाने के लिए कहा गया. उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि कर्मी जब कार्य के प्रति सजग रहेंगे तो उपलब्धि बेहतर होगी. अतएव कर्मी लोग अपने कर्तव्यों के प्रति अपनी सजगता दिखाएं.
टीम ने कई पंजियों की जांच की
जिला लेप्रोसी निवारण कार्यालय में एलसीडीसी से संबंधित कई पंजियों की जांच की गयी. टीम में शामिल अधिकारियों ने इस दौरान कहा कि रोगी व कार्यक्रमों से संबंधित हर तरह की फाइल को अपडेट रखा जाए, ताकि सरलता के साथ कार्यक्रम की उपलब्धियों के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके. जिले में एलसीडीसी के दौरान अब तक चिह्नित होने वाले संदिग्ध व कन्फर्म रोगियों की संख्या की भी जानकारी हासिल की गयी. डॉ चंद्रमणि ने कहा कि अब तक जितने मरीज चिंहित हो चुके हैं उनका अविलंब चिकित्सा शुरू कर दी जाए. साथ ही उन्हें आवश्यक दवा भी उपलब्ध करायी जाये. उन्होंने कहा कि संदिग्ध रोगियों की चिकित्सीय जांच भी कराना सुनिश्चित करें. यदि संदिग्ध रोगियों में कोई कन्फर्म होता है तो उसे भी पंजीयन कर चिकित्सा सेवा प्रदान की जाए . बाद में टीम के अधिकारी गिरियक प्रखंड के लिए रवाना हो गयी. इस मौके पर डीएलओ डॉ रवींद्र कुमार, चिकित्सा पर्यवेक्षक उमेश प्रसाद, लैब तकनीशियन विजय कुमार, संजय कुमार, राणा बसंत सिंह, गोरेलाल यादव समेत अन्य मौजूद थे.