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चंडी-बिहारशरीफ मार्ग को किया ठप

मामला 75 प्रतिशत उपस्थिति का चंडी : स्थानीय बापू प्लस टू उच्च विद्यालय के छात्र बुधवार को सड़क पर उतर आये और जमकर हंगामा किया. छात्रों के हंगामे के कारण चंडी बिहारशरीफ मार्ग पर वाहनों का आवागमन थोड़ी देर के लिए ठप हो गया. मामला विद्यार्थियों के विद्यालय में 75 प्रतिशत की अनिवार्यता है. जिन […]

मामला 75 प्रतिशत उपस्थिति का
चंडी : स्थानीय बापू प्लस टू उच्च विद्यालय के छात्र बुधवार को सड़क पर उतर आये और जमकर हंगामा किया. छात्रों के हंगामे के कारण चंडी बिहारशरीफ मार्ग पर वाहनों का आवागमन थोड़ी देर के लिए ठप हो गया. मामला विद्यार्थियों के विद्यालय में 75 प्रतिशत की अनिवार्यता है. जिन छात्रों की वर्ग कक्ष में उपस्थिति 75 प्रतिशत नहीं थी, उन्हें विद्यालय प्रशासन में अर्ध वार्षिक परीक्षा में शामिल होने से रोक दिया.
इसके नतीजे में विद्यालय के छात्रों ने कुछ बाहरी तत्वों के समर्थन से सड़क जाम कर दी. सूचना पर पहुंची पुलिस ने नाराज छात्रों को समझा- बुझा कर मामले को शांत किया और यातायात को बहाल किया. बापू प्लस टू विद्यालय में नौंवी व दशवीं कक्षा को मिलाकर करीब 700 विद्यार्थी नामांकित हैं.
विद्यार्थियों के लिए चल रही सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए सरकार ने 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य कर दी है. विद्यालय की प्रधान शिक्षिका ने पूर्व में ही सूचित कर दिया था कि उपस्थिति का मापदंड पूरा करने वाले विद्यार्थी ही परीक्षा में शामिल होंगे. बुधवार से स्कूलों में छहमाही परीक्षा शुरू हुई.
इस परीक्षा में 75 प्रतिशत उपस्थिति को पूरा नहीं करने वाले विद्यार्थियों को परीक्षा देने से रोका गया तो विद्यालय न आकर निजी कोचिंग क्लास करने वाले छात्रों ने हो-हल्ला व हंगामा शुरू कर दिया. विद्यालय की प्रधान शिक्षिका ने ऐसे विद्यार्थियों से कहा कि वे अपने-अपने माता-पिता या अन्य अभिभावकों को बुलायें. उन्हीं से पूछा जायेगा कि बच्चे विद्यालय क्यों नहीं आ रहे हैं.
प्रधान शिक्षिका की इस बात को छात्र नहीं माने और विरोध स्वरूप सड़क पर उतर गये और बिहारशरीफ मार्ग को जाम कर दिया. विद्यालय प्रशासन का कहना है कि उपस्थिति का मानक प्राप्त करने के लिए अभिभावकों से बात कर कड़े निर्णय लेने की जरूरत है. अभिभावकों बात करने के बाद ही उन्हें परीक्षा में शामिल होने दिया जायेगा.
लाभ के लिए छात्र बनाते हैं दबाव :
सरकार ने साइकिल, पोशाक व छात्रवृत्ति योजना के लिए विद्यार्थियों की उपस्थिति कम से कम 75 प्रतिशत अनिवार्य कर दिया है. रेगुलर विद्यालय न आने वाले विद्यालय कम आने वाले विद्यार्थियों के पैरेंट्स भी दबाव रहता है कि गलत तरीके से उनके बच्चों की उपस्थिति विद्यालय में दर्ज होता रहे. इसके लिए राजनीतिक पैरवी भी करायी जाती है. यह उपस्थिति कमोवेश सभी विद्यालयों की है. इन कारणों से शिक्षक हमेशा भयभीत रहते हैं.
निजी कोचिंग है मूल वजह :
विद्यालय से बच्चों के गायब रहने की प्रमुख वजह कोचिंग क्लास बताया जा रहा है. कोचिंग क्लास का संचालन सुबह से शाम तक होता रहता है. विद्यार्थी विद्यालय न जाकर कोचिंग क्लास में ही पूरा दिन बीता देते हैं.

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