नालंदा : रविवार को शौचालय निर्माण के लिए गड्ढा खोदने के दौरान काले पत्थर की एक बेशकीमती प्रतिमा मिली है. ग्रामीण इस प्रतिमा को शिवालय में स्थापित कर पूजा-अर्चना कर रहे हैं. जमीन से निकली इस बेशकीमती प्रतिमा को बरामद करने में दूसरे दिन भी पुलिस को सफलता नहीं मिली है. ग्रामीणों खास कर महिलाओं के भारी विरोध के कारण सोमवार को भी नालंदा और सिलाव थाने की पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा. प्राप्त जानकारी के अनुसार नालंदा थाना क्षेत्र के सकरौढ़ा गांव में शौचालय निर्माण के लिए गड्ढा खोदने के दौरान काले पत्थर की एक बेशकीमती प्रतिमा रविवार को मिली थी.
बताया जाता है कि फूलन देवी नामक महिला अपनी जमीन पर शौचालय निर्माण के लिए गड्ढा खोद रही थी. इस दौरान यह प्रतिमा मिली है. शौचालय निर्माण के दौरान पुरानी पत्थर की मूर्ति मिलने की खबर गांव में जंगल की आग की तरह फैल गयी. खबर पाकर नालंदा थाना पुलिस और नूरसराय के अंचलाधिकारी उदय कुमार भी सकरौढ़ा पहुंचे. ग्रामीणों को काफी समझाने के बावजूद ग्रामीण तैयार नहीं हुए और उन्हें बैरंग वापस लौटना पड़ा. ग्रामीणों का मानना है कि मूर्ति तस्कर द्वारा उस स्थान पर मूर्ति छिपाया गया होगा,
इसलिए करीब एक फीट की ही खुदाई में प्रतिमा मिल गयी. प्रतिमा मिलने के बाद से ग्रामीणों ने उसे शिवालय में रख कर पूजा-अर्चना शुरू कर दी है. नालंदा थानाध्यक्ष प्रभा कुमारी और सिलाव थानाध्यक्ष के प्रतिमा बरामद करने का प्रयास भी विफल रहा. पुलिस ने प्रतिमा की सुरक्षा के लिए पांच ग्रामीणों को दायित्व सौंपना चाहा लेकिन इस दायित्व को भी लेने से ग्रामीणों ने इनकार कर दिया. पुरातत्व विभाग के कोई भी प्रतिनिधि अभी तक सकरौढ़ा नहीं पहुंच सके हैं.