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बारिश से खिले किसानों के चेहरे, मिली राहत

बिहारशरीफ. बारिश के लिए परेशान किसानों को बुधवार को हुई बारिश से थोड़ी राहत मिली है. धान की फसल पानी के अभाव में मुरझाने लगी थी. पइन, तालाब सूखे रहने से धान की फसल को बचाने के लिए किसान डीजल इंजन का उपयोग कर रहे थे. बारिश होने से फसल की सिंचाई करने में किसानों […]

बिहारशरीफ. बारिश के लिए परेशान किसानों को बुधवार को हुई बारिश से थोड़ी राहत मिली है. धान की फसल पानी के अभाव में मुरझाने लगी थी. पइन, तालाब सूखे रहने से धान की फसल को बचाने के लिए किसान डीजल इंजन का उपयोग कर रहे थे. बारिश होने से फसल की सिंचाई करने में किसानों सहूलियत हो रही है. जिले में खरीफ 1.28 लाख हेक्टेयर में धान की खेती करने का लक्ष्य रखा गया था. अबतक जिले में पानी का अभाव में लक्ष्य का 98 प्रतिशत ही धान की रोपनी हो सकी है. 1.25 लाख हेक्टेयर में धान की रोपनी हो सकी है.
अबतक 17.56 एमएम कम हुई बारिश :26 अगस्त जिले में 237.1 एमएम बारिश की जरूरत थी, जो बारिश नहीं होने की बजह से प्राप्त नहीं हो सकी है.अबतक 195.27 एमएम ही जिले में बारिश हो सकी है, जो लक्ष्य से 17.56 एमएम कम है.
कम बारिश होने से जिले के नदी, तालाब, पइन सभी सूखे पड़े हैं. रोपे गये धान की फसल को बचाने में किसान अपनी जमा पूंजी डीजल के धुएं में उड़ा रहे हैं. भाड़े पर पटवन करने में किसानों के पसीने छूट रहे हैं. धान की फसल को डीजल इंजन से पटवन करने में किसानों को प्रति घंटा 80 रूपये से अधिक खर्च करने पड़ रहे है. किसानों को एक घंटा डीजल इंजन चलाने के लिए एक लीटर डीजल एवं 20 रूपया इंजन का भाड़ा देना पड़ रहा है. एक घंटा डीजल इंजन चलाने पर तीन से चार कट्ठा धान की फसल में पानी होता है
बुधवार को हुई बारिश से किसानों को थोड़ी राहत तो मिली है, मगर किसानों को और बारिश का इंतजार है. नगरनौसा के किसान बीरेंद्र प्रसाद, चक्रधर प्रसाद, नूरसराय के कबींद्र कुमार मौर्य सहित कई किसानों का कहना है कि जब तक बारिश से नदी, तालाब व पइन नहीं करेंगे, तबतक किसानों को राहत मिलने वाली नहीं है. उन्होंने बताया कि धान की फसल को लगातार पानी की जरूरत होती है.

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