बिहारशरीफ : एक दशक का सफर बिहारशरीफ नगर निगम पूरा कर लिया है. एक दशक में शहर में कई बदलाव आया है. इमारतें शहर में नित्य बनायी जा रही हैं. शहर में बनने वाले मकान के लिये कायदे कानून बनाये गये हैं. नियमों को ताक पर रखकर मकान बनाये जा रहे हैं. इसके कारण शहर में बिल्डिंग बायलॉज का अनुपालन पूर्ण रूप से नहीं किया जा रहा है. नगर निगम क्षेत्र में मकान बनाये जाने के लिये बिल्डिंग बायलॉज बनाये गये हैं. उसी के अनुरूप मकान बनाना है. मकान बनाये जाने से लेकर नक्शा पास कराये जाने की विधि है.
बिहारशरीफ शहर में बिल्डिंग बायलॉज के अनुसार शहर में अधिकतम 10 मीटर उंचा ही मकान बनाया जा सकता है. इससे अधिक अगर मकान शहर में बना है तो समझ लीजिए अवैध है. 10 मीटर उंचा मकान बनाने के लिये यह भी शर्त है कि उक्त क्षेत्र में कम से कम सड़क की चौड़ाई 12 फुट होनी चाहिए. शहर के कई ऐसे क्षेत्र है जहां नियमों का उल्लंघन करके उंची इमारतें बनायी जा रही हैं. ऐसे मकानों को तोड़ने से लेकर मकान मालिक पर जुर्माना किये जाने का प्रावधान है.
शर्त से अधिक उंचे मकानों को तोड़ने का भी प्रावधान है. नगर निगम क्षेत्र में करीब 36 हजार से अधिक मकान है. पिछले कई साल का रिकार्ड देखा जाये तो सिर्फ एक मकान मालिक पर नगर निगम द्वारा जुर्माना किया गया है. शहर के भैंसासुर मोहल्ले के एक मकान मालिक पर बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन करके मकान बनाये जाने पर 17 लाख रुपये का जुमार्ना किया गया है. इससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि नियमों का अनुपालन कराने में नगर निगम कितना आगे है.