राजगीर : राजगीर में निर्माणाधीन पुलिस ट्रेनिंग सेंटर का निर्माण कार्य एक साल के अंदर पूरा कर लिया जायेगा. इसकी तैयारी जोर-शोर से पुन: शुरू कर दी गयी है. पूर्व के एकरारनामा को रद्द कर नये सिरे से टेंडर निकालने की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है. विश्वस्त सूत्रों की मानें तो पुलिस ट्रेनिंग सेंटर के शेष बचे 60 प्रतिशत कार्य के निर्माण के लिए नये सिरे से 155 करोड़ रुपये की निविदा इसी सप्ताह निकाली जायेगी, जिसकी सारी तैयारी पूरी कर ली गयी है.
एक साल में इसे पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. बिहार पुलिस निर्माण निगम के नये डीजी सुनील कुमार के पद संभालने के बाद इसके निर्माण में तेजी आने की उम्मीद जगी है. बताते चले कि झारखंड राज्य के अलग होने के बाद हजारीबाग का पुलिस एकेडमी झारखंड में चला गया और बिहार में कहीं भी पुलिस ट्रेनिंग सेंटर नहीं रहा था. जिसे ध्यान में रख कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे राजगीर में स्थापित करने का निर्णय लिया था़
इपीआईएल को मिला था टेंडर :
भारत सरकार के उपक्रम इपीआइएल को इसके निर्माण का टेंडर फरवरी 2012को मिला था तथा इसे पूरा करने का लक्ष्य तीन वर्ष रखा गया था. अर्थात इसे फरवरी 2016 में ही फुल एंड फाइनल हो जाना चाहिए था, परंतु इसका निर्माण कार्य अभी तक मात्र 40 प्रतिशत ही हो सका है.
लेट होने की क्या है मुख्य वजह :
ईपीआइएल को टेंडर मिलने पर ईपीआइएल ने केवीपीएल नामक एक कंपनी को इसके निर्माण का टेंडर दे दिया. केवीपीएल ने भी अलग-अलग कामों के लिए कई अलग-अलग पेटिकांट्रैक्टर को बहाल किया, जिसके कारण इन निविदादाता को किये गये कार्यों के एवज मेंे पेमेंट होने में परेशानी होने लग गयी. कई पेटिकांट्रैक्टर तो बीच में ही काम छोड़ वापस चले गये.
44 ब्लॉक का किया जाना है निर्माण :
प्रशिक्षण केंद्र, आवास, हॉस्पीटल, स्टेडियम, अस्तबल, ऑफिसर आवास, पार्किंग, साइबर क्राइम, एंटी टेररिस्ट भवन सहित यहां कुल 45 ब्लॉक का निर्माण किया जाना है, जिसमें अभी तक एक भी ब्लॉक को फाइनल टच नहीं दिया गया है. वहीं 20 ब्लॉक का तो निर्माण कार्य भी अभी तक शुरू नहीं हो सका है.
अग्रिम राशि को किया गया जब्त
ईपीआइएल से बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम का एकरारनामा तीन साल का ही था. काम में काफी लेट होने के बाद 24 अप्रैल 2017 को इसके अग्रिम राशि तीन करोड़ को जब्त कर लिया गया और नये निविदा निकालने की तैयारी शुरू कर दी गयी.