विश्व धरोहर साइट के बाहर विकास की जिम्मेवारी राज्य की
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नालंदा खंडहर के साइट पर लगेगा आरओ प्लांट
विश्व धरोहर साइट के बाहर विकास की जिम्मेवारी राज्य की बिहारशरीफ/नालंदा : नालंदा खंडहर के विश्व धरोहर में शामिल होने के बाद इसके साइट पर जल्द ही विकास से संबंधित कार्य शुरू किये जायेंगे. संबंधित कार्यों की जानकारी इंटरनेट पोर्टल पर डाल दिये गये हैं. उम्मीद है कि 15-16 जून से डेवलपमेंट वर्क शुरू हो […]
बिहारशरीफ/नालंदा : नालंदा खंडहर के विश्व धरोहर में शामिल होने के बाद इसके साइट पर जल्द ही विकास से संबंधित कार्य शुरू किये जायेंगे. संबंधित कार्यों की जानकारी इंटरनेट पोर्टल पर डाल दिये गये हैं. उम्मीद है कि 15-16 जून से डेवलपमेंट वर्क शुरू हो जायेंगे. नालंदा खंडहर के साइट पर वाटर बोतल ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
अंदर जगह-जगह डिस्पोजल गिलास रखे गये है. नालंदा खंडहर परिसर में आरओ प्लांट लगाये जायेंगे. वहां अंतरराष्ट्रीय स्तर का टॉयलेट बनाया जायेगा. टॉयलेट के लिए रैंप बना जायेगा. जगह-जगह साइनिंग बोर्ड लगाये जायेंगे. नालंदा खंडहर परिसर में डेवलपमेंट का कार्य पुरातत्व विभाग द्वारा किया जायेगा,जबकि साइट के बाहरी क्षेत्र में डेवलपमेंट का कार्य राज्य सरकार द्वारा किया जायेगा.
बिहार की शान नालंदा बना विश्व धरोहर :आज से करीब 15 सौ वर्ष पहले पूरी दुनिया के लिए उच्च शिक्षा का प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय सिरमौर था. यहां सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि चीन,जापान,बर्मा,कोरिया,तिब्बत,फ्रांस आदि देशों के विद्यार्थी पढ़ने आते थे. उस प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष इसके वैभव का अहसास आज भी कराते हैं. इसी भग्नावशेष को यूनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित किया है, जो हर बिहारी ही नहीं हर भारतीय के लिए भी गर्व की बात है.
यूनेस्को में जब इस प्राचीन विश्वविद्यालय को विश्व धरोहर में शामिल किया तो नालंदा की खोई प्रतिष्ठा को नयी ऊंचाई मिली है. बिहार में महाबोधि मंदिर के बाद नालंदा खंडहर विश्व धरोहर में शामिल होने वाला दूसरा स्थल है.प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहर के वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल होने से यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ोतरी होगी. पर्यटकों को मिलने वाली सुविधाओंं में बढ़ोतरी के साथ ही सुरक्षा व्यवस्था पहले की अपेक्षा अधिक चुस्त होगी.
धरोहर के संरक्षण पर पहले से अधिक खर्च किये जायेंगे. कर्मियों की संख्या भी बढ़ेगी. नालंदा खंडहर के साइट के कम से कम दो किलोमीटर दूरी को बफर जोन घोषित किया गया है. इसके विकास, सुरक्षा व संरक्षण की जिम्मेवारी ऑर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया और बिहार सरकार की होगी.
क्या कहते हैं अधिकारी
‘’ विश्व धरोहर में शामिल होने के बाद नालंदा खंडहर के डेवलपमेंट से संबंधित ब्योरा इंटरनेट पोर्टल पर डाला गया है. 15-16 जून के बाद साइट के अंदर कुछ जरूरी बदलाव किये जायेंगे. साइट पर आरओ प्लांट लगाये गये हैं, वाटर बोतल अंदर ले जाने पर पाबंदी लगा दी गयी है. परिसर में अंतरराष्ट्रीय मानक का टॉयलेट बनाया जायेगा. रैंप बनाये जायेंगे़ ‘’
एम के सक्सेना, पुरातत्विद्, नालंदा खंडहर
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