Bihar News: उत्तर बिहार में गर्भाशय कैंसर के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं. दो साल पहले तक मुंह कैंसर के अधिक मामले आ रहे थे, लेकिन अब गर्भाशय कैंसर के मरीज अधिक मिल रहे हैं. एसकेएमसीएच स्थित होमी भाभा कैंसर अस्पताल के आंकड़े बताते हैं कि पिछले एक साल में गर्भाशय कैंसर के मामले में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. जिस तरह लोगों में मुंह कैंसर के मामले आ रहे थे, उसी तरह अब गर्भाशय कैंसर के मरीज भी मिल रहे हैं.
क्यों बढ़ रहा खतरा
पिछले एक वर्ष में होमी भाभा कैंसर अस्पताल की ओर से स्क्रीनिंग में 2196 महिलाओं में गर्भाशय कैंसर मिला, यह आंकड़ा चौंकाने वाला है. हर महीने स्क्रीनिंग मे 15-20 महिलाएं गर्भाशय कैंसर से पीड़ित मिल रही हैं. इसमें अधिकतर इस बीमारी के प्रति उदासीन है. उन्हें न तो इस कैंसर के बारे में मालूम है और न ही किसी तरह की परेशानी होने पर डॉक्टर से सलाह लेती हैं. इस कारण कैंसर का स्टेज बढ़ता रहता है.
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अब तक 88923 महिलाओं की हुई स्क्रीनिंग
होमी भाभा कैंसर अस्पताल की ओर से अब तक 88,923 महिलाओं की स्क्रीनिंग हो चुकी है. जिला अस्पतालों से लेकर होमी भाभा कैंसर अस्पताल में स्क्रीनिंग की सुविधा उपलब्ध है. गर्भाशय कैंसर के शुरूआती लक्षण मिलने पर सफल इलाज भी हो रहा है. प्रभारी डॉ रविकांत ने बताया कि गर्भाशय का कैंसर सर्विक्स का कैंसर है. सर्विक्स गर्भाशय का निचला भाग होता है, जो प्रजजन अंग से जोड़ता है.
यह संक्रमण शारीरिक संपर्क में आने पर एचपीवी संक्रमित कर सकता है. कोलपोस्कोपी के माध्यम से बच्चेदानी के मुंह के कैंसर को आरंभिक अवस्था में पता लगाया जा सकता है. यदि पहले स्टेज में इसका इलाज हो जाये तो महिला स्वस्थ हो जाती है. होमी भाभा कैंसर अस्पताल में पहले स्टेज में आयी कई महिलाएं आज स्वस्थ है.
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गर्भाशय कैंसर के ये हैं लक्षण
योनि से असामान्य रूप से खून बहना, रजोनिवृत्ति या यौन संपर्क के बाद योनि से रक्तस्त्राव, सामान्य से अधिक लंबे समय तक मासिक धर्म, यौन संसर्ग के दौरान दर्द के बीच रक्तस्राव होना है. यह सब गर्भाशय कैंसर के लक्षण हो सकते हैं. ऐसे लक्षण दिखने पर मरीज को तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिये. समय पर इलाज हो तो इस तरह के कैंसर से मुक्ति पायी जा सकती है