::: नगर विकास एवं आवास मंत्री जीवेश कुमार ने मुजफ्फरपुर नगर निगम के कार्यों की समीक्षा की और विकास के लिए धन की कमी न होने का आश्वासन दिया
हाइलाइट्स :::
– क्या करने का आदेश: मंत्री ने अधिकारियों को लंबित योजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने और मेयर, नगर आयुक्त व उप मेयर को मिलकर काम करने का आदेश दिया.– पार्षदों की मांग: पार्षदों ने मानदेय की राशि बढ़ाने का प्रस्ताव रखा, जिस पर मंत्री ने विभागीय स्तर पर विचार करने की बात कही.
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरनगर विकास एवं आवास मंत्री बनने के बाद पहली बार मुजफ्फरपुर नगर निगम के कार्यों की समीक्षा करने पहुंचे जीवेश कुमार ने कहा कि मुजफ्फरपुर के विकास के लिए सरकार के पास पैसे की कोई कमी नहीं है. सरकार के पास फंड पर्याप्त है. अधिकारी सिर्फ फंड को खर्च करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर भेजे. राशि उपलब्ध करवायी जायेगी. हाल में मिठनपुरा स्थित आम्रपाली ऑडिटोरियम के निर्माण व घिरनी पोखर के सौंदर्यीकरण के लिए कई करोड़ रुपये मिले हैं. तत्कालीन मंत्री सुरेश शर्मा के कार्यकाल के दौरान मुजफ्फरपुर को लगभग 2600 करोड़ रुपये विभिन्न मदों में मिला था. इसमें से कई योजनाएं आज तक अधूरी है. इसकी मुझे शिकायत मिली है. उन योजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर अधिकारियों को पूरा कराने का आदेश मंत्री ने दिया है. उन्होंने मेयर व नगर आयुक्त को उप मेयर को साथ लेकर काम करने का आदेश दिया है. काम के नाम पर किसी भी तरह की कोई राजनीति नहीं करने की नसीहत मंत्री ने अधिकारियों को दिया है. पार्षदों ने मानदेय की राशि 2500 से बढ़ाकर 15 हजार रुपये करने का प्रस्ताव रखा. मंत्री ने कहा कि इसके लिए विभागीय स्तर पर मंथन चल रहा है. नगर पालिका एक्ट में इसका कोई जिक्र नहीं है. लेकिन, वित्त विभाग को पत्र भेजकर परामर्श की मांग की जा रही है. मैं व्यक्तिगत रूप से मुख्यमंत्री से इन मुद्दों पर बातचीत कर पार्षदों के हित में रास्ता निकालने का प्रयास करूंगा.
बॉक्स ::: स्मार्ट सिटी के कार्यों की समीक्षा अगली बार होगीमंत्री ने पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में कहा कि अभी समय कम है. स्मार्ट सिटी से चल रहे प्रोजेक्ट की समीक्षा स्थल निरीक्षण कर अगली बार करेंगे. ऐसे अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि जितने अधूरे प्रोजेक्ट है. उन्हें पूरा कराये. काम पूरा होने के बाद भी ठेकेदार को एनओसी नहीं दिया गया है. यह गलत है. इसके लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है. एक महीने के भीतर स्मार्ट सिटी के जितने प्रोजेक्ट पूर्ण हुए है. सभी ठेकेदार को एनओसी देने व उनका लंबित भुगतान जांच-पड़ताल कर करने को कहा गया है. ताकि, उनके पास किसी तरह की कोई शिकायत नहीं मिले.
बॉक्स ::: 25-25 लाख रुपये की योजनाओं का जल्द से जल्द निकाले टेंडरनिगम बोर्ड से मंजूरी मिल चुके 25-25 लाख रुपये की विकास योजनाओं का टेंडर जल्द से जल्द निकालने का आदेश मंत्री ने अधिकारियों को दिया है. कई पार्षदों ने मंत्री से इसकी शिकायत की. गर्मी के दिनों में शहर में होने वाले पेयजल संकट के मुद्दे पर भी सनत कुमार, अजय कुमार ओझा समेत कई पार्षदों ने अपनी आवाज उठायी. महापौर निर्मला साहू व मंत्री ने कहा कि अविलंब पेयजल संकट के मुद्दे पर कार्य किये जायेंगे. अब तक किये जा रहे कार्यों के बारे में भी अधिकारियों ने मंत्री को पूरी जानकारी उपलब्ध करायी. पार्षदों से बातचीत करने के बाद मंत्री अधिकारी व इंजीनियरों के साथ भी कुछ मिनटों के लिए एक बैठक कर उनकी बातों को सुना.
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