:: निगम आयुक्त की सख्ती के बाद कार्यपालक अभियंता ने डिबार के साथ ब्लैक लिस्ट करने की दी चेतावनी, हड़कंप
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
शहर में खुले नाले और ध्वस्त कल्वर्ट की समस्या को दूर करने के लिए नगर निगम ने पांच महीने पहले जिन पांच निर्माण एजेंसियों का चयन किया था, वे अब निगम की सख्त कार्रवाई के घेरे में आ गई हैं. निविदा (टेंडर) प्रक्रिया के माध्यम से चयनित इन सभी एजेंसियों को अलग-अलग वार्डों की जिम्मेदारी दी गयी थी. उन्हें संबंधित वार्ड के कनीय अभियंता और पार्षद के समन्वय से खुले नाले के ऊपर स्लैब डालने और ध्वस्त कल्वर्ट का निर्माण करने का निर्देश मिला था. लेकिन, पांच महीने का लंबा समय बीत जाने के बाद भी इन एजेंसियों ने कार्य में रुचि नहीं ली.
नगर आयुक्त विक्रम विरकर की हाल ही में हुई समीक्षा बैठक के दौरान इस बड़ी लापरवाही का खुलासा हुआ. इसके तुरंत बाद, कार्यपालक अभियंता ने पांचों एजेंसियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है. नोटिस में पूछा गया है कि अब तक उन्हें मिली जिम्मेदारी का पालन क्यों नहीं किया गया. कार्यपालक अभियंता ने सख्त लहजे में चेतावनी दी है कि यदि संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो इन एजेंसियों को डिबार करते हुए काली सूची में डाल दिया जाएगा. नगर निगम की इस अचानक और सख्त कार्रवाई से संवेदकों में हड़कंप मच गया है.संवेदकों का पलटवार : भुगतान न होने से परेशानी
हालांकि, कार्रवाई की इस धमकी पर कुछ संवेदकों का अपना तर्क है. उनका कहना है कि वे काम शुरू करने में इसलिए परेशानी महसूस कर रहे हैं, क्योंकि पूर्व में किये गये कार्यों का भुगतान उन्हें समय से नहीं हो पा रहा है. भुगतान में देरी के कारण निर्माण कार्य आगे बढ़ाना मुश्किल हो रहा है. बहरहाल, नगर आयुक्त की सख्ती के बाद, खुले नाले और ध्वस्त कल्वर्ट के निर्माण का काम फिर से पटरी पर आ सकता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

