तांत्रिक गिरिधर गोपाल चौबे के अनुसार सुबह 6.09 से कलश स्थापना का मुहूर्त उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर इस साल 22 सितंबर से शारदीय नवरात्रि का आरंभ होने जा रहा है, जो दो अक्टूबर तक चलेगा. शक्तिपीठ सिमरा नारायणपुर के संस्थापक तांत्रिक गिरधर गोपाल चौबे ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार 22 सितंबर को घटस्थापना का शुभ समय सुबह 6.09 से सुबह 8.06 मिनट तक रहेगा. वहीं अभिजीत मुहूर्त 11.49 से दोपहर 12.38 तक रहेगा. देवी भागवत पुराण के मुताबिक देवी दुर्गा का हाथी पर हो रहा है. हाथी वाहन धन-धान्य और सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है और वर्षा होती है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, जब भी नवरात्रि का पहला दिन रविवार या सोमवार को पड़ता है तो देवी मां का वाहन हाथी रहता है. मालूम हो कि मां दुर्गा का वाहन शेर है, लेकिन नवरात्रि पर माता अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर आती हैं. मां दुर्गा के प्रस्थान की सवारी पालकी है जब देवी पालकी पर विदा होती हैं, तो इसे बेहद शुभ माना जाता है. यह सुख-समृद्धि, शांति और खुशहाली का संकेत देता है. गिरिधर गोपाल चौबे ने बताया कि काली, तारा, त्रिपुरसुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी, कमला और भैरवी मां के दस रहस्यमयी स्वरूप हैं. प्रत्येक स्वरूप जीवन की किसी न किसी शक्ति या सिद्धि का प्रतीक है. इनकी साधना से भक्ति, शक्ति, समृद्धि और रक्षात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है. अपराजिता, महाविद्या, दुर्गा सप्तशती पाठ, महामृत्युंजय जप, रुद्राभिषेक, कन्याकुमारी पूजन, हवन और अन्य जप पूजन से ग्रह बाधा से ग्रस्त लोगों का समाधान होता है. उन्होंने कहा कि सिद्धपीठ पर नेपाल, झारखंड, यूपी, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और शिमला से लोग पहुंचते हैं. फोटो – दीपक – 34
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

